झोपड़ी में रहकर भेड़ बकरी चराने वाला बिरूदेव डोण UPSC अधिकारी बन गया…

   झोपड़ी में रहकर भेड़ बकरी चराने वाला बिरूदेव डोण UPSC अधिकारी बन गया, UPSC यानी उसे हम सिविल सर्विसेज भी कहते हैं इस एग्जाम में टॉप करना यह हर एक छात्र का सपना होता है, यह एग्जाम दुनिया के सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है, इस में कामयाब होने के लिए नौजवान सालों तक कोचिंग क्लासेज मैं दिन-रात मेहनत कर पास होने की तैयारी करते हैं I इतनी मेहनत के बावजूद भी लाखों नौजवान बच्चों में से कुछ बच्चों को ही कामयाबी मिलती है, इस के अलावा एक सच्च यह भी है कि अगर आप अपना मकसद ठान ले तो बड़े से बड़े परेशानी भी आपको उस मकसद को अपने से रोक नहीं सकती, इसे साबित कर दिखाया है एक नौजवान लड़के ने I 

  इस नौजवान के परिवार की आर्थिक स्थिति को जानने के बाद आप भी दंग रह जाएंगे, कहेंगे कि इसने यह कैसे कर दिखाया, आज हम जानेंगे एक ऐसे ही मध्यवर्गीय नौजवान के बारे में जो महाराष्ट्र राज्य के जिला कोल्हापुर के छोटे से यमगे गांव के रहवासी बिरूदेव सिद्धपा डोण के बारे में इन्होंने नामुमकिन को मुमकिन बना दिया, मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक चरवाहा यानी भेड़ बकरी चराने वाले बिरादेव भेड़ बकरी चराने का काम करते I

  अपने परिवार की आर्थिक स्थिति और अपने छोटे से गांव के हालात को बेहतर बनाने के लिए उनके मन में बहुत से सपने थे, लेकिन उनकी जिंदगी बचपन से ही बहुत मुश्किलों भरी रही, झोपड़ी में रहना परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना, पिता को परिवार के फिक्र में हमेशा परेशान देखना I कड़ी धूप में अपने पिता को भेड़ बकरी चराते हुए देखना, अपने पिता के साथ बिरूदेव ने भी भेड़ बकरी चराई I 

  बिरूदेव ने अपने गांव के स्कूल विद्या मंदिर से ही अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की, उन्हें बचपन से ही पढ़ाई में बहुत दिलचस्पी थी, उन्होंने मुरगुड गांव के Shivraj Vidyalaya से अपनी 12वीं पास की, बिरूदेव ने दिन रात मेहनत कर दसवीं कक्षा में 96% और 12वीं में 89% के अच्छे नंबरों के साथ पास होकर अपने सपनों को नई उड़ान भरने की ताकत दी I उन्हें अपने पिता और अपने परिवार को इस मुश्किल भरी जिंदगी से निकल कर उन्हें हर वह खुशी देनी थी जिसकी वह हकदार थे I 

  12वीं के बाद बिरूदेव ने पुणे के COEP टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से अपने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, इंजीनियरिंग की डिग्री मिलने के बाद बिरूदेव अपने UPSC के तैयारी के लिए दिल्ली आए, यहां पर भी जिंदगी के मुश्किलें और परिवार की आर्थिक स्थिति यानी पैसों की तंगी उनके सपनों की रुकावट बने थे I लेकिन भारतीय सेवा यानी इंडियन आर्मी में काम कर रहे उनके भाई हर कदम पर चट्टान के तरह उनके साथ खड़े रहे I 

  बिरूदेव ने इससे पहले भी दो बार  UPSC की परीक्षा दी थी, लेकिन वह उसमें कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से दिन-रात बिना किसी कोचिंग क्लासेज के भेड़ बकरी चराते हुए कड़ी मेहनत करके तीसरी बार एग्जाम दी, और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई, 2025 में बिरूदेव ने वह कर दिखाया जिसे पूरा करना लाखों नौजवानों का सपना होता है I 

   मीडिया को दिए हुए इंटरव्यू में बिरूदेव ने यह बात बताइए कि मंगलवार 22 अप्रैल 2025 की दोपहर को 2024 के UPSC के रिजल्ट अनाउंस हुए उस वक्त वह अपने भेड़ बकरियों को जंगल में चरा रहे थे, उनके दोस्त ने उन्हें फोन करके यह  मुबारक बात दी I जब बिरूदेव के UPSC एग्जाम में पास होने की खबर पूरे गांव में फैली तो गांव में एक खुशी की लहर आई I 

अपने बेटे के UPSC एग्जाम में पास होने की खुशी में उनके पिता सिद्धप्पा ने उन्हें महाराष्ट्र के पारंपरिक फेटा पहनाकर अपना सर गर्व से ऊंचा किया, इसी के साथ मां की खुशी का ठिकाना ना रहा, घर पहुंचते ही मां ने और परिवार वालों ने आरती उतार कर स्वागत किया, और तोहफे के रूप में मां ने मेमना यानी भेड़ का बच्चा तोहफा में दिया I 

  इसी के साथ 25 अप्रैल 2025 को अपने पड़ोसी कर्नाटक राज्य के बेलगाम गांव के SP ने बिरूदेव को अपने ऑफिस बुलाकर उनका सत्कार किया I किसी के साथ कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री ने Siddaramaiah फोन लगाकर उन्हें बधाई दी, फोन पर मुख्यमंत्री से बात करते हुए बिरूदेव इमोशनल हुए और कहां की अब मेरी अगली मंजिल है IPS बनना I बिरूदेव की यह कहानी सिर्फ उनकी नहीं बल्कि उन तमाम लाखों नौजवानों की उम्मीदें सपने हैं जो मध्यवर्गीय ग्रामीण इलाकों के मुश्किल हालतो मैं भी अपने बड़े सपनों को पूरा करने की उम्मीद रखते हैं कोशिश करते हैं I 

  बिरूदेव के जिंदगी के मुश्किल सफर यह हमें बताते हैं कि अगर तुम्हारे हौसले बुलंद है तो भेड़ बकरी चराने वाला भी हिंदुस्तान का बड़ा अधिकारी बन सकता है I मिडिल क्लास परिवार से आए हुए बिरूदेव ने आखिरकार वह काम कर दिखाया जो उनके पूरे समाज में किसने ना किया होगा, बिरूदेव के अधिकारी बनने की खबर मिलने के बाद उन्हें मुबारक बात देने उनके घर पर लोगों की लाइन लगी उनकी धनगर सामुदायिक के लोग दूर-दूर से उन्हें देखने और उन्हें बधाई देने आने लगे, जिसने पूरे धनकर बिरादरी का नाम रोशन किया I 

  बिरूदेव के UPSC रैंक के हिसाब से IPS का पद मिल सकता है, हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है, फिलहाल बिरूदेव का एक ही लक्ष्य है कि उन्हें कोई भी पद मिले, लेकिन वह अपने देश और अपने लोगों के सेवा करेंगे I अगर तुम अपना मकसद ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है, अगर किसी चीज को तुम शिद्दत से चाहोगे, और दिन रात कड़ी मेहनत करोगे  तो उसे चीज में तुम कभी नाकामयाब नहीं हो सकते I 

  तो दोस्तों यह थी भेड़ बकरी चराने वाले चरवाहा बिरूदेव सिद्धप्पा डोण के चरवाहा से UPSC अधिकारी बनने तक का सफर के जीवन का परिचय I 

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