रावलपिंडी की गलियों से निकला World’s Best Fastest Bowler रावलपिंडी एक्सप्रेस… वह था तेज से भी तेज बॉल उसके हाथों से निकलती तो मानो जैसे आग निकल रही हो, वह थोड़ा गुस्से वाला भी था और थोड़ा पागल भी वह एक टिपिकल एंग्री एंग मैन था, और जब वह किसी को आउट करने पर आता तो दुनिया का बड़े से बड़ा बल्लेबाज उसके आगे टिक नहीं पता I ऐसे जमाने में जब क्रिकेट तेजी से बैट्समैन फ्रेंडली होता जा रहा था तब वह तेज बॉलिंग की आखिरी झलक था उसके बाद फास्ट बॉलिंग का दौर हमेशा के लिए खत्म हुआ I
आज हम जानेंगे पूरी दुनिया में क्रिकेट के इतिहास में अपना फर्स्ट बोलिंग का इतिहास रचने वाले पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के बारे में जितना कंट्रोवर्शियल इनका क्रिकेट करियर था उससे भी ज्यादा विवादित उनकी निजी जिंदगी की कहानी है I साल 1999 में Eden Garden में मैच था हिंदुस्तान वर्सेस पाकिस्तान का इस ग्राउंड में 1 लाख से ज्यादा लोग मौजूद थे, और इसी ग्राउंड में एक 23 साल का नौजवान भी था I इस नौजवान को अब तक सिर्फ 8 मैचेज का ही एक्सपीरियंस था और इस मैच में इनका सामना था जिंदगी के सबसे बड़े मुकाबले का, इस मुकाबले में थे दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज Rahul Dravid, Mohammad Azharuddin, Laxman, Sourav Ganguly और इन सब के साथ थे Sachin Tendulkar इन बल्लेबाजों के सामने तो बड़े-बड़े लोगों को पसीने आते थे, लेकिन यह 23 साल का नौजवान नहीं घबराया क्योंकि इस नौजवान के अंदर कॉन्फिडेंस और उसे खुद पर विश्वास था उसने बहुत ही हिम्मत के साथ इन बल्लेबाजों का मुकाबला किया I
इस नौजवान का अपना अलग ही अंदाज था कॉलर टाइट सीने के बटन खुले हुए, आंखें घूरती हुई और कदम तेजी से बढ़ते हुए I इस लड़के ने आते ही VVS Laxman बडी विकेट ले ली, अब तक 50 ओवर हो चुके थे इंडिया दो विकेट पर 147 रन बना चुका था I पाकिस्तान को विकेट की जरूरत थी तब बॉल थमा दिया इस नौजवान के हाथ में, और इस ने इस ओवर में वह बॉल फेंकी जिससे राहुल द्रविड़ को क्लीन बोल्ड कर दिया I पर मैदान में लाखों लोगों को इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि कौन आउट हुआ और कैसे आउट हुआ और किसने आउट किया I
लाखों लोगों के नजरे तो राहुल के बाद जो बैटिंग करने आ रहा है उसकी तरफ थी, उसकी एक झलक देखने के लिए लाखों लोग बेताब थे, और अब मैदान में दाखिल हो चुके थे Sachin Ramesh Tendulkar मैदान में मौजूद लाखों लोगों ने सचिन सचिन के नाम से पूरा मैदान सर पर उठा लिया था I किसी को अंदाजा भी नहीं था कि अगली बॉल पर क्या होने वाला है एक लड़का जिसे ज्यादातर लोग पहचानते भी नहीं थे, किसी को पता नहीं था कि यह अब क्या करने वाला है फिर इस लड़के ने एक परफेक्ट बॉल फेंकी इस ने पलक झपकते ही महान सचिन तेंदुलकर की गिल्लियां उड़ा दी I
इस मैदान में जिन लोगों ने सचिन के नाम से पूरा मैदान सर पर उठा लिया था अब उस मैदान में सिर्फ सन्नाटा था, खामोशी की वजह बनने वाला 23 साल का वो नौजवान लड़का अपने दोनों हाथ आसमान की तरफ उठाकर खुशी मना रहा था, इस मैदान में शोएब अख्तर ने अपने आने का ऐलान कर दिया I शोएब अख्तर का यहां तक पहुंचाने का सफर बहुत पहले शुरू हो चुका था, इस मैदान से 2000 किलो मीटर दूर लगभग 24 साल पहले रावलपिंडी के गलियों में I
13 अगस्त 1975 में शोएब अख्तर का जन्म रावलपिंडी के छोटे से कस्बे मोरगाह में एक पंजाबी परिवार में हुआ, उनके पिता का नाम मोहम्मद अख्तर था और मां का नाम हमीदा अवान था I मोहम्मद अख्तर साहब यह एक तेल रिफायनरी संबंधित एक पेट्रोल स्टेशन पर रात में चौकीदारी का काम करते थे, यह अपने मां-बाप के पांचवी औलाद थे, सबसे कमजोर और बीमार बच्चा इसका तो नाम भी अपना नहीं था, इससे पहले जो बेटा पैदा हुआ था ना उसका नाम शोएब था, पर बचपन में ही किसी वजह से उसकी मौत हो गई, फिर मां ने उस बेटे की याद में इस बेटे का नाम शोएब रख दिया I
यह बहुत भारी नाम था नन्ही शोएब ने इसकी लाज रख ली I नन्हे बच्चे को एक और बीमारी थी यह फ्लैट फूटेड था 3 साल का होने के बावजूद भी यह बच्चा चल नहीं पता था, यह परेशानी का काम थी कि इस काली खांसी भी हो गई यह बीमारी इतनी बड़ी की घरवाले परेशान होकर इस बच्चे के बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, पर शोएब की मां ने हिम्मत नहीं हरि मां की ममता उनका प्यार उनके विश्वास की वजह से बहुत इलाज करने के बाद शोएब बच गया I
कुछ वक्त के बाद शोएब ने ताकत पकड़ना शुरू किया, ताकत ऐसी पकड़ी की जो चल नहीं पता था अब वह दौड़ने लगा था, दौड़ना भी ऐसा कि पूरे इलाके में उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था, उम्र बढ़ती गई और इसी के साथ शोएब की शरारती भी बढ़ती गई I जो बच्चा पिंडी का हो और पतंगे ना लुटाता हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता शोएब रावलपिंडी की गलियों में टूटी पतंगों के पीछे उन्हें लूटने को दौड़ता उस जैसा चुलबुला और शरारती बच्चा कोई और नहीं था, ना मोहल्ले में ना स्कूल में और ना हीं कॉलेज में I सबसे ज्यादा शिकायतें शोएब की ही आती थी, और यही चीज है बाद में हमें क्रिकेट की दुनिया में भी नजर आए यहां पर भी सबसे ज्यादा शिकायतें शोएब की ही आती थी I
रावलपिंडी की गलियों में ही खेलते आवारा गर्दी करते हुए शोएब बड़े हुए, और स्कूल से कॉलेज पहुंच गए I यही वह जमाना था जहां क्रिकेट की दुनिया में Imran Khan का दौर था, Imran Khan के बॉलिंग एक्शन को कॉपी करने लगा क्रिकेट का शौक बढ़ने लगा, और यही शौक शोएब को पिंडी क्लब लेकर आया I इसी क्लब में एक ऐसी घटना घड़ी जो काफी दिलचस थी, इस क्लब में पाकिस्तान क्रिकेट टीम प्रैक्टिस के लिए Wasim Akram, Waqar Younis इन खिलाड़ियों को देखने का हर किसी का सपना था यह खिलाड़ी शोएब अख्तर के सामने खेल रहे थे I शोएब अख्तर खुद बताते हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को खेलते देखकर मैंने अपने दोस्तों से कहा था “आज का दिन याद रखो अगले कुछ सालों में आपका भाई इन खिलाड़ियों के साथ खेल रहा होगा”, दोस्त तो फिर दोस्त होते हैं उन्होंने शोएब के इस बात पर खूब हंसी टिटौली कि और उसका बहुत मजाक उड़ाया I
दोस्त और लोग कुछ भी बोले अगर खुद पर कॉन्फिडेंस और विश्वास होगा तो रास्ते अपने आप बनते हैं, वह दिन भी आया, ये 1994 का दौर था Rawalpindi Cricket Association के मुख्य अध्यक्ष ने शोएब को क्रिकेट खेलते हुए देख लियाफिर शोएब को एक मैच खेलने के लिए लाहौर बुलाया गया, इस मैच में शोएब की परफॉर्मेंस अच्छी थी इसलिए न्यूजीलैंड के अंडर 19 के पाकिस्तान टूर का एक साइड मैच भी खिलाया गया I इस मैच में शोएब ने 11 विकेट ले ली, फिर शोएब का नाम पाकिस्तान के अंडर -19 में शामिल हुआ, अब शोएब सबके नजरों में थे मगर शौक जितना भी ज्यादा हो चाहे वह कितना भी अच्छा हो पेट के लिए भी तो कुछ चाहिए भले ही शोएब क्रिकेट खेलते पर वह कमाते कैसे I
कमाने के अपॉर्चुनिटी उन्हें मिली PIA के ट्रायल्स में और इसके लिए वह रावलपिंडी से लाहौर चले गए, रावलपिंडी से लाहौर की सफर की कहानी भी काफी दिलचस्प हैं, बल्कि यह शोएब के जिंदगी के सबसे यादगार याद है I इस सफर में उनके साथ उनके दोस्त Ejaz था, दोनों की भी जेब में पैसे कम थे इसलिए इन दोनों ने फैसला किया कि बिना टिकट के रावलपिंडी से लाहौर जाएंगे लेकिन ऐसा तो मुमकिन नहीं था फिर दोनों अड्डे पर खड़ी एक बस के छत पर जाकर लेटे फिर बस चल पड़ी पर बस के कंडक्टर को शक हुआ, अब इन दोनों को भी शक हुआ के पकड़े जाएंगे इसलिए बस के एक साइड पर लटक गए, ताकि कंडक्टर को लगे कि बस के ऊपर कोई नहीं है, अगर बस किसी स्टॉप पर रूकती तो वह स्टॉप से कुछ मिल पहले ही छलांग मार कर उतरते, और जब बस शुरू होती तो भाग कर उसे पकड़ लेते I
जैसे तैसे रावलपिंडी से लाहौर तो पहुंच गए और यहां पर शोएब और एजाज के सामने था एक और बड़ा चैलेंज लाहौर पहुंचने का मिशन तो पूरा हुआ लेकिन अब हाल यह था कि ₹12 शोएब के जेब में और 13 रुपए एजाज के जेब में थे दोनों मिलाकर सिर्फ ₹25 किसी भी सस्ते होटल में ठहरने का खर्चा था लेकिन अगर होटल में ठहरते तो खाना कैसे खाते I अब लाहौर का मिशन पार्ट 2 शुरू हुआ इन्हें एक रात रुकने के लिए सर पर छत चाहिए थी और यह काम किया खुद शोएब ने लाहौर के रेलवे स्टेशन के बाहर वह एक तांगे वाले से मिले उस तांगे वाले से कहा कि मैं एक क्रिकेटर हूं उस तांगे वाले ने वही सवाल पूछा जो ऐसे में कोई भी पूछता उसने पूछा क्या तुम पाकिस्तानी टीम के साथ खेलते हो तांगे वाले के इस सवाल पर शोएब ने कहा कि अभी तो नहीं पर इंशाल्लाह आगे जरूर खेलुंगा और जब भी मुझे मौका मिला तो मैं आकर आपसे दोबारा मिलुंगा, शोएब और तांगे वाले दोनों के बीच बात तय हुई I
फिर अजीज खान तांगे वाली ने इन दोनों को खाना भी खिलाया और रात गुजरने के लिए सहारा भी दिया, और सुबह मैदान तक छोड़ने भी आए, अजीज खान का यह वह एहसान था जो शोएब अख्तर कभी नहीं भूले I Asian Bradman Zaheer Abbas और पाकिस्तान के विकेट कीपर Moin Khan जब जहीर अब्बास ने शोएब को बोलिंग करते हुए देखा तो वह दंग रह गए और जहीर अब्बास ने शोएब से कहा मेरे लिए खेलोगे यू शोएब अख्तर PIA के टीम में शामिल हुए I लेकिन यह वक्त उनके लिए आसान नहीं था यहां पर शोएब को ज्यादा खेलने या अपना हुनर दिखाने का मौका ही नहीं मिला फिर शोएब का टैलेंट तब नजर आया जब वह साल 1996 में ZTBL टीम में शामिल हुए यहां उन्हें खुलकर खेलने का और अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिला I
इस टीम में आते ही पहले ही सीजन में शोएब ने 75 विकेट ले ली और यहां वह Majeed Khan के नजर में आए, यह उस वक्त पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के बिग बॉस थे, Majeed Khan के कहने पर ही शोएब को पाकिस्तान के इंग्लैंड टूर के लिए सिलेक्ट किया गया I यह शोएब की पहली उड़ान थी और यही वह टूर था जहां टूर मैनेजमेंट में शोएब की पहली शिकायत आई, डिसिप्लिन के खिलाफ फिर शोएब अख्तर को पाकिस्तान और हिंदुस्तान के सहारा कप के टीम से बाहर कर दिया गया और इसी वजह से शोएब का टेस्ट डेब्यू एक साल लेट हो गया I
इसी साल में वर्ल्ड कप खेला गया World Cup 1996 पाकिस्तान में होने वाला यह आखरी वर्ल्ड कप एक ऐसा टूर्नामेंट जिसे जितने के लिए बेकरार था, लेकिन सबसे बड़े मुकाबले में सबसे बड़ी हार पाई, पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप के फाइनल में इंडिया से हार गया I फिर वही हुआ जो हर वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद होता है टीम में काफी बदलाव किए गए, और जो नए नाम टीम में आए उन में दो नाम ऐसे थे जो पाकिस्तान के सबसे तेज गेंदबाज थे, वह थे Mohammad Zahir, Shoaib Akhtar I साल 1997 में वेस्ट इंडीज की टीम एक मैच के लिए पाकिस्तान आई, यहां पर शोएब को टेस्ट कैप मिला शोएब ने अपने शहर रावलपिंडी को डेब्यू किया I
यही वह दौर था जहां पाकिस्तान क्रिकेट टीम पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे, बाद में यह मामला काफी हद तक बढ़ा यहां तक Wasim Akram को टीम से निकाल दिया था, लेकिन इस सिचुएशन में शोएब को मौका मिल गया, यह साल 1998 के साउथ अफ्रीका के टूर के लिए सिलेक्ट हुए, बात बन गई और कहानी में एक नया मोड़ आया I साउथ अफ्रीका के टूर के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान Aamir Sohail थे, शोएब आज भी कहते हैं के वसीम अकरम के मुकाबले में आमिर सोहेल एक पॉजिटिव कप्तान थे, एक ऐसे कप्तान जिसके सेंस ऑफ ह्यूमर भी बहुत अच्छा था, और टीम के मेंबर्स का भी हौसला बढ़ते थे, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं की वसीम अकरम एक अच्छे कप्तान नहीं हैं, शोएब अख्तर की सोच अपनी जगह, और उनके परफॉर्मेंस अपनी जगह I
पहला टेस्ट ड्रॉ हुआ और दूसरा टेस्ट हुआ डरबन में यह ग्राउंड तो जैसे शोएब के आने का ही वेट कर रहा था, शोएब ने पहले इनिंग में ही 43 रन देकर 5 विकेट ले ली, शोएब के फास्ट बोलिंग का हुनर का इसी मैदान में नजर आया, यह मैच पाकिस्तान के लिए पूरी तरह से सेट हो गया I बाद में Mushtaq Ahmed के शानदार बोलिंग की वजह से पाकिस्तान यह मैच जीत गया सिर्फ और सिर्फ 29 रन की वजह से, यह पाकिस्तान के इतिहास के बेहतरीन कामयाबी में से एक थी I इस मैच में शोएब का रोल बहुत खास था सच्चाइ यह है कि करियर शुरू होने के साथ ही जिंदगी में उतार-चढ़ाव शुरू हुए थे, इस मैच के अगले ही महीने अपने वनडे डेब्यू के दौरान शोएब इंजर्ड हुए और इन्हें वापस भेज दिया गया, 6 महीने तक शोएब ने कोई भी मैच नहीं खेल पाए और ना ही कोई बड़ी परफॉर्मेंस दे पाए I
इसके बाद साल 1999 में अगर इसे हम शोएब का साल कहे तो गलत नहीं होगा, यह वक्त वैसे भी पाकिस्तान में नौजवान खिलाड़ियों का दौर था, Shahid Afridi के बाद Saqlain Mushtaq, Azhar Mahmood, Abdul Razzaq और शोएब अख्तर जैसे नौजवान पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुके थे I पाकिस्तान को इंडिया का टूर करना था और हमारे यहां पाकिस्तान में स्टार वही होता है जो इंडिया के खिलाफ अच्छा खेले इस ए टूर के दौरान शोएब अख्तर को भी स्टार बनने का मौका मिला यह एक Asian Test Championship थी, और इंडिया-पाकिस्तान का यह मैच कोलकाता में हुआ, जहां एक लाख से ज्यादा लोग मौजूद थे, और कोलकाता का यह मैदान दुनिया का सबसे बड़ा मैदान था I
शोएब अख्तर ने लगातार एक के बाद एक दो बाल में राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को क्लीन बोर्ड किया और क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे पन्नों पर अपना नाम लिख दिया I शोएब अख्तर ने अपने जीवन पर बनी किताब Controversially yours में यह दावा किया है कि वह मैच से पहले सचिन से मिले थे और उनसे पूछा था “क्या तुम मुझे जानते हो ? तब सचिन ने जवाब दिया कि नहीं, फिर शोएब ने जवाब दिया कि जल्द ही जान जाओगे” I इस किताब के जरिए से शोएब ने यह भी बताया कि सचिन को पहले बोल डालने से पहले उन्होंने अल्लाह से दुआ की थी की पहले ही बल पर ये विकेट मुझे मिल जाए, और फिर ऐसा ही हुआ I
इसी के साथ इस मैच में एक विवाद भी हुआ था और वह भी शोएब की वजह से ही हुआ था, सेकंड इवनिंग में रन लेते वक्त सचिन की टक्कर शोएब से हुई और बॉल थ्रू विकेट पर लग गई फिर रिप्लाई देखने के बाद अंपायर ने सचिन को आउट दिया, यह फैसला काफी मुश्किल था और विवादित भी लेकिन यह अंपायर का फैसला था क्रिकेट को समझने वाले लोग तो बात मान लेंगे पर वहां मैदान में मौजूद एक लाख से ज्यादा लोगों को कौन समझाए I मैदान में मौजूद लोगों ने ऐसा हंगामा किया कि दोनों टीमों को मैदान से वापस बुला लिया गया, और जब वहां मौजूद लोगों ने हंगामा से पूरा मैदान सर पर उठा लिया था, और जब वह लोग अपने हरकतों से बाझ नहीं आए तो मैदान खाली कर के मैच खेलना पड़ा, फिर पाकिस्तान में खाली मैदान में एक यादगार मैच जीत लिया I
इस मैच में शोएब ने 8 विकेट ले ली क्रिकेट के इतिहास में अमर हो गए, इंडिया से मैच जीतने के बाद जब पाकिस्तान आए तो सबसे पहले वह लाहौर गए अजीज तांगे वाले से मिलने शोएब बताते हैं कि उस दिन भी खाना अजीज तांगे वाले ने हीं खिलाया अपने पुराने दिनों की याद में I अब वक्त था साल 1999 के वर्ल्ड कप का और सब के नज़ारे इस पर थी, पाकिस्तान क्रिकेट टीम अपने बुलंदियो पर थी, और शोएब अख्तर में वर्ल्ड कप से पहले शारजाह में कोका-कोला कप हुआ, यहां पर भी पाकिस्तान ने जीत अपने नाम की, लगातार हुए पांच मैचेस में शोएब ने 11 विकेट ले ली और “Man Of The Series”, इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के बॉलर्स ने बहुत ही शानदार परफॉर्मेंस किया, वसीम अकरम ने टूर्नामेंट में 15 विकेट ले ली, सकलैन मुश्ताक ने 17 विकेट ले ली I
लेकिन इन सबके होने के बावजूद सबकी नज़रें सिर्फ एक पर थी और वह तेज रफ्तार शोएब पर, यह टूर्नामेंट था ही शोएब अख्तर के लिए, इंग्लिश कंडीशन में इतनी तेज बॉल देकर सब हैरान हो गए, इस मैच में Tony Garg नहीं तो शोएब को “Rawalpindi Express” के नाम से एक नया नाम दे दिया I इस टूर्नामेंट में शोएब की पहले तो बॉल 97 फिर 98 और फिर 99 Mph तक पहुंची, यानी 100 Mph का बेरियर तोड़ने के बराबर पाकिस्तान भरपूर टीम वर्क के वजह से वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंच गया, और फिर एंटीकलाइमैक्स हो गया पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया से फाइनल हार गया, और इतने बुरे तरह से हार की आज भी दुख होता सिर्फ 132 पर ऑल आउट बहुत से लोगों ने तो उस दिन के बाद क्रिकेटर देखना ही छोड़ दिया I
शोएब अख्तर के बॉलिंग एक्शन पर एतराज :
1999 के वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तान के टीम पर बड़ा सवाल उठा, यह टीम फिर कभी उस बुलंदियों पर नहीं पहुंच सके जो 1999 के दौर में उसे मिली थी I फिक्सिंग स्कैंडल ने पाकिस्तान क्रिकेट के नींव हिला दी, और इसी के साथ शोएब अख्तर भी एक के बाद एक विवाद में फसते चले गए I पहले विवाद था बॉलिंग एक्शन पर एतराज यह 99 के आखिरी दिन थे जब शोएब अख्तर ऑस्ट्रेलिया के टूर पर गए, एक ऐसी जगह जो पाकिस्तान के लिए हमेशा मुश्किलें पैदा कर देता शोएब अख्तर के लिए भी ऑस्ट्रेलिया बड़ा मुश्किल साबित हुआ I
यहां पर पहली बार शोएब अख्तर के बॉलिंग एक्शन पर एतराज हुआ, और यह एतराज दुनिया में सिर्फ एक ही अंपायर कर सकता था और वह Umpire Darrell Hair थे, इनके रिपोर्ट की वजह से शोएब अख्तर पर पाबंदी लग गई, शोएब अख्तर बताते हैं कि इस हादसे के बाद मैं डिप्रेशन में चला गया, और 7 दिन तक मैं अपने कमरे से बाहर नहीं निकला, बॉलिंग एक्शन बाद में क्लियर हो गया, और फिर शोएब का दिमाग घूम गया, और शोएब के सर पर एक ही जुनून सवार था, और वह था 100 MPH I
ऑस्ट्रेलिया के टूर पर शोएब अख्तर की मुलाकात हुई jeff thompson से उन्होंने पूछा क्या तुम मेरा रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हो, शोएब ने कहा मेरा इरादा तो नहीं है लेकिन हो सकता है कि आपका रिकॉर्ड तोड़ भी दूं I फिर वह दिन भी आया जो सब की सोच से पारे था, 27 अप्रैल 2002 इंग्लैंड वर्सिज पाकिस्तान का लाहौर में वनडे सीरीज का आखिरी मैच जब शोएब अख्तर के एक बॉल के बाद यह लिखा हुआ आया कि 161 KMPH यानी 100 MPH दुनिया का पहला ऐसा बॉलर जिसने 100 माइल्स बैरियर का रिकॉर्ड तोड़ दिया था I लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसलर यह मानने को तैयार नहीं थे, ICC का यह कहना था यह ऑफीशियली स्पीड गन नहीं, शोएब अख्तर आज भी कहते हैं कि वह रिकॉर्ड एकदम सही था और लेकिन अब इन्हें यह साबित करना था कि यह ऐसा दोबारा भी कर सकते हैं I
यह वह दौर था स्पीड के लिए मुकाबला होता था शोएब अख्तर और Brett Lee के बीच में, और इस मुकाबला के लिए वर्ल्ड कप से बेहतर क्या हो सकता था, एक के बाद अब दूसरी इंजरी और एक के बाद दूसरा विवाद, लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी शोएब ने वर्ल्ड कप खेला I 22 फरवरी 2003 इस दिन को शोएब ने क्रिकेट के इतिहास में सुनहरी पन्नों लिख दिया, इस दिन पाकिस्तान का मुकाबला इंग्लैंड के साथ था शोएब अपना दूसरा ओवर करवा रहे थे स्पीड गन एक के दूसरे बॉल की स्पीड बता रही थी 95, 97, 98, 99, और फिर आखरी बॉल स्क्रीन पर जगमगाया 161.3 KM/H यानी 100.1 MPH I एक बार फिर से 100. का बेरियर टूट गया, और इस बार ICC के पास इसे ना माने का कोई भी बहाना नहीं था, उन्हें यह बात माननी ही पड़ी कि शोएब वर्ल्ड के सबसे फास्टर बॉलर है I
World Cup 2003 में पाकिस्तान को मिलने वाले सिर्फ यही एक खुशी थी, पाकिस्तान एहम मैचेस हार गया, इंडिया से भी और बाकी टीमों से भी, पाकिस्तानी टीम पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई और शोएब अख्तर टीम से बाहर हो गई I इसके बाद हमें बहुत ही बदला हुआ शोएब अख्तर देखने को मिला, एक बेलगाम शोएब जिसे कोई लगाम नहीं थी, एक ऐसा शोएब है जिसमें डिसिप्लिन नाम की कोई चीज ही नहीं थी, एक मैच में तो शोएब ने बॉल टेंपरिंग तक डाली और फाइन भी लगा, और एक खिलाड़ी को गालियां देने की वजह से कई मैचेस से बाहर भी हुआ, तो कभी कैप्टन से लड़ाई तो कभी खिलाड़ियों से पंगा, इन सब से बढ़कर शोएब की इंज्रीज शोएब इन एंड आउट होते रहे, कभी ऑन कभी ऑफ और यही वजह है शोएब ने 13 साल से ज्यादा क्रिकेट खेला लेकिन दूसरों के मुकाबले में कई काम मैचेस खेले, 46 Test और 163 ODI I
शोएब अख्तर को आखरी बार देखा गया वर्ल्ड कप 2011 में न्यूजीलैंड के हाथों पाकिस्तान की हार, ये इनका आखिरी मैच था, इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने आखिरी ओवर में शोएब ने 28 रन खाए तीन छक्के और दो छक्के और फिर हमेशा के लिए ही करिए खत्म हो गया I हैरानी के बाद यह है अपने उम्र के 35 साल में भी वर्ल्ड कप में लगातार 95 MPH की बॉलिंग करते रहे, एक ऐसा काम जो आज के नौजवानों के लिए बहुत मुश्किल है, और जहां तक बात है 100 MPH की डॉन ब्रैडमैन की तरह शायद कभी ना तुटे I
शोएब अख्तर की जिंदगी बाकी लोगों से काफी अलग है अब सवाल यह होता है कि असल शोएब अख्तर कौन है एक खुदगर्ज इंसान जो समझता था की पूरी दुनिया उसी के इर्द-गिर्द घूमती है जिसका नाम ही शोएब एक्टर पड़ गया था, कई लोग तो शोएब को सनकी समझते थे, लेकिन उसके ख्याल में कुछ पाने के लिए थोड़ा सा पागलपन भी जरूरी होता है I हां शोएब के पर्सनालिटी की एक और साइड भी है शोएब ने तब क्रिकेट शुरू की थी जब मैच फिक्सिंग में अपने मुकाम पर थी, क्या पाकिस्तान क्या इंडिया शायद यह दुनिया की कोई भी टीम इस से बची हो, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के हर छोटे बड़े खिलाड़ी पर इस मैच फिक्सिंग का आरोप लगे लेकिन शोएब उन चंद लोगों में से एक थे जिन पर किसी ने उंगली तक नहीं उठाई I ना वह कभी टीम के पॉलिटिक्स में नजर आए, ना कभी किसी कप्तान के खिलाफ पक्ष जुटाव का हिस्सा बने, और ना कभी किसी के खिलाफ कोई साजिश की I सच्चाई यह है कि शोएब एक हीरो था, एक आजाद पंछी वह आशियाना बनाने वाला वह तो पहाड़ों में बसेरा करने वाला आजाद परिंदा था, एक फास्टर बॉलर को ऐसा ही होना चाहिए I
शोएब अख्तर निज़ी जिंदगी :
शोएब अख्तर ने 11 नवंबर 2014 में रुबाब खान से शादी की और नवंबर 2016 उन्होंने अपने पहले बच्चे Mohammed Mikail Ali नामक एक बेटे का स्वागत किया और जुलाई 2019 में वे दूसरी बार एक और बच्चे Mujaddid के माता-पिता बने, मार्च 2024 में 48 साल के उम्र में उन्होंने एक बेटी Nureh Ali के माता-पिता बने, हम उम्मीद करते हैं कि शोएब अख्तर ऐसे ही अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से अपनी जिंदगी खुलकर जिए I
तो दोस्तों पाकिस्तान के छोटे से शहर रावलपिंडी की गलियों से निकाल कर दुनिया का सबसे Faster Bowler बनने वाले शोएब अख्तर के जीवन का परिचय I