जूली पूरी रात अपने बिस्तर पर एक लाश के साथ सुकून की नींद सोई… 

    आज की कहानी है श्रीलंका की जो शुरू होती है 2007 में श्रीलंका मैं एक लड़की रहा करती थी, उसका नाम जूली था, वह लड़की दिखने में खूबसूरत होनहर और बहुत ही समझदार थी I उसे बचपन से ही पढ़ने लिखने का बहुत शौक था, और वो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी, उसका सपना था कि वो डॉक्टर बने और गरीब लोगों की मदद करें I वो अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करके श्रीलंका के सबसे बेस्ट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया I मन लगा कर पढ़ाई की और एग्जाम दिए उस पूरे यूनिवर्सिटी में दूसरे नंबर पर आई थी, कुछ महीनो बाद डॉक्टर की डिग्री भी मिली I डॉक्टरी के दौरान उसकी मुलाकात एक लड़के से होती है, उसका नाम वीरेंद्र था और वो भी जूली की तरह पढ़ने लिखने में बहुत होशियार था I

    उसका भी सपना था कि वो दुनिया का सबसे बेस्ट डॉक्टर बने, और हुआ भी ऐसा ही डॉक्टरी के दरमियान दोनों की मुलाकात बार-बार होने लगी, और वही दोस्ती हो गई I अब यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई I जूली और वीरेंद्र इस प्यार को एक नाम देने का तय करते हैं, और वो दोनों 2009 में शादी कर पति पत्नी बन कर अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे थे I दोनों डॉक्टर अपना फर्ज बहुत अच्छे से निभा रहे थे, जूली अपने सपने के मुताबिक गरीब लोगों की बहुत मदद करती है, उनका इलाज फ्री में करती, उन दोनों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था I कुछ वक्त ऐसे ही बीतता है 1 दिन वीरेंद्र जूली से कहता है, कि हमें इससे अच्छा कुछ करना चाहिए, क्यों ना हम दोनों दूसरे शहर जाए, वहां हम और डॉक्टर से मिलेंगे उनके साथ काम करेंगे तो हमें उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा I 

ऐसे ही 5 साल बीत जाते हैं, 2009 में शादी की…

     जूली वीरेंद्र की इस बात पर राजी होती है, फिर कुछ दिनों बाद जूली और वीरेंद्र मिलकर अपने डॉक्यूमेंट और डिग्री ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर को भेजते है I डॉक्यूमेंट और डिग्री सब चेक करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर उनसे कहते हैं, कि आप दोनों पति-पत्नी हमारे हॉस्पिटल में ज्वाइन कर सकते हैं I 2011 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो जाते हैं, और वहां के डॉक्टर के साथ उनकी जान पहचान हो जाती है, वो लोग ऑस्ट्रेलिया जाकर बहुत खुश थे, क्योंकि उन दोनों को अपने से ज्यादा अनुभव वाले डॉक्टर से मिलकर हर रोज कुछ ना कुछ सीखने को मिल रहा था I ऐसे ही 5 साल बीत जाते हैं, 2009 में शादी की और 2014 तक वह दोनों अकेले थे, अब तक उन्हें कोई औलाद नहीं हुई थी, वह दोनों अकेले अपनी ड्यूटी कर रहे थे I

    24 जून 2014 की सुबह 6:30 बजे के करीब ऑस्ट्रेलिया के पुलिस स्टेशन में एक फोन कॉल आता है I फोन पर एक औरत डरी हुई आवाज में कह रही थी, की मेरे पति का कत्ल हुआ है, किसी ने उन्हें मार दिया है I फिर पुलिस ऑफिसर ने उस औरत से उसका पता पूछा, और पुलिस ऑफिसर के एक टीम मौका ए वारदात पर पहुंचती है I बेडरूम में बेड पर पड़ी उस नौजवान की लाश को देखकर पुलिस बहुत हैरान हो जाती है, डेड बॉडी के शरीर पर घाव के निशान थे, उसके चेहरे पर और सीने पर, और बेड पूरी तरह से खून से भरा हुआ था I बेडरूम की दीवारों पर भी खून के छीटे दिखाई दे रहे थे, डेड बॉडी के पास ही एक बड़ा सा हथोड़ा पढ़ा हुआ था I वो हथोड़ा भी खून से भरा हुआ था, ऐसे लग रहा था की खूनी ने हथौड़े से उसके सर पर वार किया हो I  

पति का कत्ल हुआ है, पूरा बिस्तर खून से…

    बेडरूम के अंदर का नजारा देखकर पुलिस बहुत हैरान हो गई थी ,पुलिस ने डेड बॉडी को पोस्टमार्टम करने के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया, और कार्रवाई शुरू कर दी I हादसे की इकलौती चष्मदित गवा थी उसकी पत्नी, पूछताछ के लिए उसे हिरासत में ले लिया I जब पत्नी से पूछा तो वो कहने लगी, की रात 10:00 बजे हम हॉस्पिटल से घर आए, मैं और मेरे पति वीरेंद्र हम दोनों ने साथ मिलकर खाना खाया और अपने कमरे में सोने के लिए चले गए I हॉस्पिटल में काम ज्यादा था इस वजह से मैं थक गई थी, बिस्तर पर लेटते ही मेरी आंख लग गई और मैं सो गई, उसके बाद क्या हुआ मुझे कुछ पता नहीं I सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा कि मेरे पति का कत्ल हुआ है, पूरा बिस्तर खून से भरा हुआ है I फिर घबरा कर मैंने आपको कॉल किया, मुझे कुछ नहीं पता यह सब कब हुआ और कैसे हुआ I

  यह बात वहां मौजूद किसी भी पुलिस ऑफिसर के पल्ले नहीं पड़ रही थी, की कोई कैसे इतनी गहरी नींद में सो सकता है, कि उसके बराबर में सोए हुए शख्स को इतनी बुरी तरह से मार दिया और उसे पता भी नहीं चला I ऑफिसर ने देखा कि मेंन दरवाजे पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, शायद इसमें कोई सबूत मिलेगा यह सोचकर ऑफिसर ने सीसीटीवी कैमरा चेक कि, तो देखा की 23 जून रात को 10:00 बजे जूली और वीरेंद्र घर आए, उसके बाद ना कोई घर में आया और ना सुबह तक कोई घर से बाहर गया I पुलिस भी हैरान थी यह देखकर कि नहीं बाहर से कोई अंदर आया और ना ही कोई अंदर से बाहर गया, पुलिस को जूली पर शक हुआ I

जिस हथौड़े से वीरेंद्र पर हमला हुआ…

   उन्हें लग रहा था कि जरूर कोई बात है जो जूली छुपा रही है, पुलिस ने जोर देकर जूली से फिर से पूछा कि सच-सच बताना कत्ल किसने किया I जूली फिर से वही कहने लगी कि मैं गहरी नींद में थी, सच में मुझे नहीं पता की यह सब कब हुआ और कैसे हुआ I आंख खुली तो देखा कि मेरे पति की डेड बॉडी मेरे बराबर में थी, फिर मैंने सबसे पहले आपको कॉल किया I पुलिस भी परेशान हो गई थी, जिस हथौड़े से वीरेंद्र पर हमला हुआ था उस हथौड़े को फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया, ताकि उस पर जो उंगलियों के निशान थे वो किस के है यह पहचाने के लिए I पुलिस को जूली पर शक था, इसलिए उसके भी उंगलियों के निशान लिए और टेस्ट करने के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिए I जब फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आई, उस रिपोर्ट को देखकर पुलिस भी दंग रह गई, क्योंकि जो उंगलियों के निशान उस हथौड़े पर थे वो, और जूली की उंगलियों के निशान दोनों एक ही थे I

    रिपोर्ट के मुताबिक हथौड़े पर जूली  के उंगलियां के निशान थे, अब यह साफ हो गया था की जूली ने ही अपने पति वीरेंद्र का कत्ल किया है I इसके बाद किसी और पर शक करने का कोई सवाल ही नहीं था, पुलिस ने जूली को जेल के सलाखों में कैद कर लिया और उसे कड़ी से कड़ी पूछताछ करने लगे I पर जूली अपने बयान पर कायम थी, वो अभी वही कह रही थी, जो उसने पहले कहा था, मैं सो रही थी मुझे नहीं पता यह सब कब हुआ और कैसे हुआ I लेकिन जो सबूत मिले थे उससे तो यही पता चल रहा था कि जूली ही खूनी है, और पुलिस को साफ दिखाई दे रहा था कि जूली झूठ कह रही है I पुलिस ने हार नहीं मानी वो बार-बार जूली से पूछताछ करने लगे, पूछताछ के दौरान एक ऑफिसर ने ध्यान दिया की जूली एकदम बेफिक्र थी, उसे अपने पति की मौत का जरा भी मलाल नहीं था I

कैद होकर भी खुद को आजाद क्यों कह रही हो…

     ना ही वो परेशान थी और ना उसे इस बात की टेंशन थी कि उसके पति का कत्ल हुआ है, और इसका इल्जाम उस पर ही लगा है, अब वो इस हालात से कैसे बाहर निकलेगी I फिर पुलिस वाले जूली को प्यार से समझ कर तसल्ली देते हुए पूछते हैं, कि तुम जेल की चार दिवारी में कैद होकर भी खुद को आजाद क्यों कह रही हो I तब जाकर जूली ने अपना गुनाह कबूल किया, उसने पुलिस से कहा कि हां कल रात मैंने ही अपने के पति सर पर हथौड़े से वार करके उसका का कत्ल किया है I पुलिस वाले ने पूछा क्यों क्या तुम अपने पति से प्यार नहीं करती थी, जहां तक हमें पता चला है कि तुम दोनों अपना देश छोड़कर यहां आए थे,अपनी नई पहचान बनाने के लिए, फिर तुमने ऐसा क्यों किया I

    जूली कहती है अगर मैं यहां बैठकरआपको अपने सच्चाई साबित करूंगी, तो आपको मेरी बातों पर यकीन नहीं होगा, फिर आप कहेंगे कि ऐसी कहानी हम हर रोज सुनते हैं, यहां हर रोज ऐसी एक नई कहानी आती है, पति ने नशे में अपनी पत्नी पर हाथ उठाया उसे मारा पीटा, ऐसी घरेलू हिंसा का शिकायतें बहोत आती है, यह कोई नई बात है I जूली कहती है आप मुझे अपने साथ मेरे घर ले चले मैं आपको अपनी सच्चाई दिखती हुँ, यहां जेल में बैठ कर आप मेरे भावनाओं को नहीं समझ पायेगे I आखिर कार जूली नेअपना गुनाह कबूल कर लिया था, और पुलिस वालों को भी जूली की सच्चाई जानना था, कि वीरेंद्र ने ऐसा क्या किया था जिसके कारण उसकी पत्नी ने ही उसे जान से मार दिया I

तब से लेकर अब तक मैं हर रोज इस स्टूल से मार खा रही थी…

   केस सॉल्व करने के लिए पुलिस वालों ने जूली की बात मानते हैं, और उसे अपने साथ उसके घर ले जाते हैं, जहां उसने वीरेंद्र का कत्ल किया था I घर आने के बाद जूली एकदम खामोश हो जाती है, पुलिस वाले इंतजार कर रहे थे की जूली अब कुछ कहेगी, पर जूली कुछ कहती नहीं और चुपचाप अपने बेडरूम में चली जाती है I रूम में एक स्टील का छोटा स्टूल था, जूली वो स्टूल उन पुलिस वालों को दिखाती है कहती है इसे गौर से देखिए, पुलिस वाले उसे देखते ही कहते हैं कि यह तो एक स्टील का स्टूल है I जूली फिर से कहती है हां यह एक स्टील का स्टूल है, लेकिन आप इसे गौर से देखिए, तभी एक ऑफिसर कहता है कि इस स्टूल का आकार बदला हुआ है I जूली कहती है इस स्टूल का आकार  इसलिए बदला हुआ है, क्यों कि जब से मैं यहां आई हूं तब से लेकर अब तक मैं हर रोज इस स्टूल से मार खा रही थी I

    मेरे पति जब भी नशे में होते या गुस्से में होते तो इस स्टूल से मुझे मारता, अगर मैं बच जाती तो यह स्टील का स्टूल उठाकर मुझ पर फेंकता मैं अपने बचाव के लिए झुकती, तो यह स्टूल जाकर दीवार से टकराता, इस वजह से इसका आकार बदल हुआ है I वहां मौजूद ऑफिसर को यह सुनकर थोड़ी हैरानी होती है,उन्हें थोड़ा अजीब लगता है यह सुनकर, जूली कहती है इस दीवार को देखिए जूली के बेडरूम के और घर के बाकी दीवारों पर भी बहुत से निशान थे । ऐसा लग रहा था कि किसी ने बहुत सी चीजें फेंक कर मारी हो। पुलिस भी सोचने लगे क्या वाकई में कोई अपने पत्नी को ऐसी मार सकता है, ऐसा भी क्या गुस्सा, फिर जूली उन ऑफिसर को किचन में ले जाती है, और वहां उन्हें टूटे हुए चम्मच, बर्तन और बेलन दिखती है, कहती है यह सारी चीजें भी मेरे पति के ने मार नहीं खाई ऐसी कोई चीज यहां नहीं है, मैं यहां की हर एक चीज से मार खाया है, और जब भी मैं अपने बचाव में झुकती तो यह सारी चीज दीवार पर जा टकराती I

वाकई में कोई पति अपनी पत्नी को इतनी तकलीफ कैसे दे सकता…

    उन दीवारों पर स्टूल के अलावा इन सारी चीजों के भी निशान है I यह सब सुन उन ऑफिसर को यकीन नहीं आ रहा था, क्या वाकई में कोई पति अपनी पत्नी को इतनी तकलीफ कैसे दे सकता है, जब कि उसने लव मैरिज की थी, कोई अपने प्यार पर इतना जुल्म कैसे कर सकता है I जूली कहती है मैं यही सब आपको दिखाना चाहती थी, मेरी बात सुनकर मुझे यहां लाने के लिए, और मुझे अपनी बात साबित करने के लिए आपने मुझे एक मौका दिया, उसके लिएआपका शुक्रिया, अब आगे का फैसला मैं आप पर छोड़ती हूं I ऑफिसर फोन करके फॉरेंसिक लैब से एक टीम को बुलाते हैं, जब वह टीम घर आती है तो वह घर में मौजूद हर एक चीज को चेक करते हैं,गुस्से की वजह से टूटी है I

   जब भी वह गुस्से में होते तो मुझ पर यह सारी चीजें फेक कर मारता, मैं इन सारी चीजों से बहुत बार मार खा चुकी हूं I आपको इस घर में एक भी चीज ठीक-ठाक नहीं दिखाई देगी, क्योंकि किसी चीज से मैंपुलिस वाले उसे जो भी सवाल पूछते, उसका जवाब वो बिना डरे और मुस्कुराते हुए देती I जेल में कैद होने के बावजूद भी वो खुद को आजाद महसूस कर रही थी, और बहुत खुश लग रही थी I यह देखकर उस पुलिस ऑफिसर से रहा नहीं गया और उसने जूली से पूछा कि तुम्हारे पति का इतनी बेरहमी से कत्ल हुआ है, और उसका इल्जाम तुम पर लगा है, क्या तुम्हें इसका का जरा भी अफसोस नहीं है I तब जूली कहती है इससे पहले मैं कब हंसी थी मुझे याद नही है, पिछले 5 सालों के बाद आज मैं पहली बार खुल के हंस रही हूं, और जेल में होने के बावजूद भी मैं खुद को आजाद महसूस कर रहे हो I

और अपने साथ उस स्टूल को फॉरेंसिक लैब ले जाते हैं…

   मैं शब्दों में भी बया नहीं कर सकती कि मैं कितना खुश हूं ऐसा लग रहा है, कि मुझे नई जिंदगी दोबारा मिली है, आप सोच रहे होंगे कि मुझे अपने पति के मौत का सदमा लगा है, इस वजह से मैं ऐसी बहेकी बहेकी बातें कर रही हूं I पिछले 5 साल से घर के चार दिवारीयों में कैद थी, हालांकि बाहर अपनी ड्यूटी तब जाकर करने के लिए आती जरूर थी, पर वापस घर में आते ही अजीब घुटन सी लगती थी और आज जेल में होने के बावजूद भी मैं खुद को आजाद कह रही हूं I जूली की यह बातें उन पुलिस वालों को समझ नहीं रही थी, कि यह ऐसा क्यों कह रही है, कि जेल में कैद होने पर भी खुद को आजाद कह रही है I उस दीवार पर लगे निशान को भी चेक करते हैं, और अपने साथ उस स्टूल को फॉरेंसिक लैब ले जाते हैं I

  जब फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आई तो पता चला की जूली जो भी कह रही थी वह सब सच था, उस स्टील के स्टूल में जूली की स्किन मिली, इसका मतलब सच में जूली पिछले चार पांच साल से घरेलू हिंसा का शिकार हो रही थी I वह ऑफिसर जूली से पूछते हैं, तुम लोगों ने तो लव मैरिज की थी, फिर तुम्हारा पति तुम पर इतना जुल्म क्यों करता था, किस बात पर वह तुम्हें इतना मारता पीटता था, आखिर इसकी क्या वजह थी I जूली कहने लगी जब हम श्रीलंका में थे, तब वहां पर हम दोनों के बीच सब कुछ ठीक था, पर ऑस्ट्रेलिया आने के बाद वह मुझे टॉर्चर करने लगा, मुझे परेशान करने लगा मैं उसकी पत्नी हूं फिर भी वह मेरा यौन शोषण करता था I मेरे साथ जबरदस्ती करता, और मुझे गैर मर्दों के साथ संबंध बनाने को कहता जब मैं मना करती तो वह मुझे मारता पीटता था I 

मुझे गैर मर्द के साथ रात बिताने को कह रहा था…

   हर रोज की इन झगड़ों से मैं परेशान हो गई थी, और मैंने कई बार यहां से भाग कर अपने परिवार वालों के पास श्रीलंका जाने की बहुत कोशिश की, पर उसने मेरी हर कोशिश को नाकाम कर दिया, और मेरा पासपोर्ट भी ले लिया I वह कहता था, अगर दोबारा तुमने यहां से भागने की कोशिश भी की, तो मैं तुम्हारे परिवार वालों को जान से मार दूंगा, इसी डर से मैंने अपने परिवार वालों के पास जाने की कोशिश छोड़ दी थी I 24 जून की रात को भी वह फिर से मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था मुझे गैर मर्द के साथ रात बिताने को कह रहा था, उस रात मेरे और मेरे पति की बीच बहुत झगड़े हुए और हाथापाई भी हुई I मैंने बहुत कोशिश की खुद को बचाने की पर वह मेरी बात मानने को तैयारी नहीं था, और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, वह नशे में था बहुत देर तक हमारे बीच बहस हुई I

  उस बहस के बाद वह कमरे में सोने चला गया, जब उसकी आंख लगी, तब मैंने हथोड़ा उठाकर उसके सर पर मार दिया I पिछले 5 साल से मैं यह सब बर्दाश्त कर रही थी, अब मुझे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसी वजह से मैंने अपने पति का कत्ल किया I आपको यकीन नहीं होगा लेकिन उसे रात जब मैंने उसका कत्ल किया, तो मुझे बहुत सुकून सा लगा, फिर मैं उसी बिस्तर पर अपने पति के लाश के बराबर में सो गई है I उस रात मुझे बहुत सुकून की नींद आई ऐसा लग रहा था कि मैं सालों की कैद से आजाद हो गई हूं, सुबह जब मेरी आंख खुली तो मुझे ऐसा लगा कि अब मुझे पुलिस में खबर कर देनी चाहिए I  मैं अपना गुनाह कबूल करती हूं, अब यह केस दूध की तरह बिल्कुल साफ हो गया, और अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया I

बुरा फील होता है, लोगों को उस हमदर्दी होने लगी…

    तब होता यह है जब जूली जेल में अपने दिन कट रही थी, तब वह अपनी आप बीती कहानी वह लिखती है, उसमें वह सब लिखती है जिन मुश्किल हालातो से वह गुजारी थी I उसकी लिखी हुई कहानी को किताब बना कर बाहर रिलीज कर देते हैं, जब एक किताब लोगों ने पड़ी तो उन्हें जूली के लिए बहुत बुरा फील होता है, लोगों को उस हमदर्दी होने लगी I लोग जूली के सब्र का मिसाल देने लगे कहने लगे बहुत हिम्मत वाली हैं, जूली जो इस तरह की मुश्किल हालातो से इतने साल लड़ती रही I सब लोग उसके इस सब्र को सलाम करने लगे, अब धीरे-धीरे लोग इस केस से जुड़ने लगे और वह आपस में बहस करने लगे, जूली ने जो किया है क्या वह सही है या गलत I

   एक तरफ कोर्ट में यह मुकदमा चल रहा था, और दूसरी तरफ पूरा देश इस बहस में लगा था, की जूली को कौन सी सजा मिलेगी और सजा मिलनी चाहिए या नहीं, उसने अपने पति का कत्ल कर के गुनाह किया है या फिर अपने आप को उसकी कैद से आजाद किया है I अब तो जज साहब के पास वह किताब पहुंच चुकी थी, जिसमें जूली ने अपनी आप बीती कहानी लिखी थी, की कैसे वह उस स्टील के स्टूल से बचती थी,बेलन से मार खाई यहां तक की किचन में मौजूद हर एक चीज से मार खा चुकी थी I किस तरह से उसे उसका पति गैर मर्दों से संबंध बनाने के लिए टॉर्चर करता था, जज साहब को भी कुछ नहीं समझ आ रहा था, वह भी उलझन में थे क्योंकि इस केस में बहुत से लोग या यूं कहे की पूरा देश इस केस से जुड़ चुका था I

24 जून की रात जब उसने अपने पति का कत्ल…

    जज साहब एक फैसला करते हैं वह कहते हैं कि ऐसा फैसला करना तो बहुत मुश्किल है, हम एक काम करते हैं ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक को बुलाते हैं, उन्हें के हाथ यह फैसला सोपाते हैं I फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक जूली का केस स्टडी करते हैं, उनके रिपोर्ट के मुताबिक 24 जून की रात जब उसने अपने पति का कत्ल किया, वह इतना जुल्म बर्दाश्त कर चुकी थी, कि उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था I अब तक तो वह इतना दर्द बर्दाश्त कर चुकी थी कि उसे दर्द भी नहीं होता था, उसे समझ में ही नहीं आया कि वह क्या कर रही है और उसी अनजाने में उसने घर में पड़ा हुआ हथोड़ा उठती है, पति सो रहा था और वह सारा गुस्सा अपने पति पर हथौड़ा मार कर निकालती है I

   मुमकिन है कि जब अपने पति का कत्ल कर रही थी, तब वह अपने होशो हवास में नहीं थी, उसे मालूम ही नहीं था कि वह क्या कर रही है I दूसरे मनोवैज्ञानिक ने भी यही कहा कि इसमें जो कुछ किया यह एक तरह से संवेदन हिल हो चुकी थी और उसमें इसे कुछ एहसास नहीं था I अब यह दोनों मनोवैज्ञानिक की रिपोर्ट अदालत में जज साहब के सामने मौजूद थी और 3 हफ्तों तक अदालत में बहस शुरू थी I वैसे तो ऑस्ट्रेलिया में कत्ल के बाद मुजरिम को फांसी की सजा दी जाती है, लेकिन सारे लोगों के भावनाओं को देखते हुए, और मनोवैज्ञानिक के रिपोर्ट को देखते हुए उस किताब को पढ़ कर जिसमें जूली ने अपनी आप बीती लिखी थी, और जब जूली ने कटघरे में खड़े हो कर खुद अपनी शादी से लेकर अपने पति के कत्ल तक की कहानी सुनाई, तो कोर्ट में मौजूद हर व्यक्ति भावुक हुआ था, और उनके के आंख में आंसू थे I

कत्ल करना एक जुर्म है, गुनाह है, लेकिन…

     लगातार 3 महीने सुनवाई चलती रही 3 महीने के बाद जब आखिरी फैसले का दिन आया, अदालत अपना फैसला सुनाने ही वाला था कि, लेकिन जूली को अपना गुनाह कबूल करने के बाद जब उसे अरेस्ट किया था, तभी ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने उसका वीजा खारिश कर दिया था I इसका मतलब यह था कि जब जूली को सजा मिलेगी, सजा काटने के बाद उसे सीधा श्रीलंका भेज दिया जाएगा, इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया में नहीं रह सकती, अदालत जूली पर हुए जुल्मों को उसके जख्मों को मद्दे नजर रखते हुए, सिर्फ 4 साल की सजा सुनती है I अदालत जूली से कहती है की कत्ल करना एक जुर्म है, गुनाह है, लेकिन इस केस में जिसने कत्ल किया है वह किसी और के जुर्म का शिकार बनी हुई थी I

   उसके ऊपर जो जुल्म हो रहा था, वह उससे परेशान थी वह इससे तंग आ चुकी थी और उससे बचने के लिए उसने यह जुर्म किया था, और जिसका कत्ल हुआ था वीरेंद्र उसने जुर्म की सारी हदें पार कर दी थी I इसी वजह से अदालत को खूनी के साथ हमदर्दी दिखाई और जिसका कत्ल हुआ था उसे नफरत हो गई I 27 फरवरी 2017 को अपनी 4 साल की सजा काट कर जूली जेल से रिहा हुई, रिहाई के बाद ऑस्ट्रेलिया के सरकार ने जूली का वीजा उसे दे दिया और उससे कहा कि जब तक तुम्हें ऑस्ट्रेलिया में रहना है तुम रह सकती हो, और अगर तुम्हें अपने परिवार वालों के पास श्रीलंका जाना है तो तुम जा सकती हो I आज 6 साल हुए हैं जूली ऑस्ट्रेलिया में अपनी ड्यूटी कर रही है, और जो औरतें घरेलू हिंसा का शिकार होती है, जिन पर जुल्म होता है वह ऐसी औरतों के लिए काम कर रही है I 

यह थी एक सच्ची घटना पर आधारित जूली की कहानी जिसने पूरी रात अपने पति के लाश के साथ सुकून की नींद सोई, और खुद को उसकी कैद से आजाद कर लिया I जिससे अदालत को कातिल से हमदर्दी हुई और जिसका कत्ल हुआ है उससे नफरतहो गई I

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