क्यों इस अदाकारा ने तीन बच्चों के पिता के साथ शादी कि और फिल्म इंडस्ट्री में एक मजाक बनकर रह गई… 

   हम जानेंगे हिंदुस्तान के एक ऐसी अदाकारा के बारे में जिन्होंने एक शादीशुदा तीन बच्चों के पिता के साथ शादी की और फिल्म इंडस्ट्री में एक मजाक बनकर रह गई I हिंदुस्तान के फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत अदाकारा, जो संगीत और डांस में प्रशिक्षित और पारंगत थी, और इस कदर खूबसूरत थी जो एक बार देखे वह बस देखता ही रहे जाए I हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की वो लोकप्रिय अदाकारा जिसने 80 और 90 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दिए, टॉप एक्टर्स में शामिल हुई I लेकिन फ़िल्म की स्क्रिप्ट की तरह उनकी निजी जिंदगी में भी रोमांस, एक्शन, ड्रामा और विवादों से भरी रही, ये अपने दौर की सबसे फेमस और सुपरस्टार अदाकारा श्रीदेवी के साथ टफ कंपटीशन होने के बावजूद भी इस अदाकारा ने उनके साथ कई फिल्मों में काम किया I

फिल्मों में साथ करने के वजह से उनके बीच अच्छी दोस्ती भी हो गई थी, लेकिन कई सालों तक इन दोनों अदाकारा में बातचीत बंद थी I ऐसा क्या हुआ कि अपने दौर की एक मशहूर अदाकारा ने तीन बच्चों के पिता के साथ शादी कि, और पूरे फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शादी की वजह से एक मजाक बनकर रह गई, क्योंकि इनके पति ने इनसे शादी करने के बावजूद भी अपने पहली पत्नी से रिश्ता कायम रखा और बच्चा भी पैदा किया I आखिर क्यों इस अदाकारा की निजी जिंदगी हमेशा विवादों से भरी रही, फिल्मों से हटकर राजनीति में आए तब भी लोगों ने उन्हें बहुत ट्रॉल किया, और कई नेताओं के अभद्र टिप्पणियों का शिकार भी हुई, और राजनीति में भी एक मजाक बनकर रह गई I

   आज हम जानेंगे एक ऐसी अदाकारा के बारे जिन्होंने न सिर्फ अपनी खूबसूरती और रंग रूप से बल्कि अपने हुनर से लाखों दर्शकों को अपना दीवाना बनाया था, अपने जमाने की ये मशहूर और कामयाब अदाकारा है जयाप्रदा I अपने दौर के लीजेंडरी फिल्म प्रोड्यूसर सत्यजीत रे जयाप्रदा के खूबसूरती हुनर और अभिनय कला से इतने प्रभावित थे, कि उन्होंने अदाकारा जयाप्रदा को दुनिया की खूबसूरत महिलाओं में से एक माना I उनकी अदाकारी और नृत्य के लाखों दीवाने थे, जो फिल्मों में उनकी एक झलक देखने के लिए बेकरार रहते थे, फिल्मोग्राफी के साथ साथ आज हम जानेंगे जयाप्रदा के निजी जिंदगी के बारे में I

    हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अदाकारा जयाप्रदा का जन्म 3 अप्रैल 1962 को आंध्र प्रदेश जिले के राजमुंदरी में एक मध्यम वर्गीय तेलुगु परिवार में हुआ, जयाप्रदा का असली नाम ललिता रानी था, उनके पिता कृष्ण राव तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे, और उनकी मां नीला वेणी एक ग्रहणी थी I जयाप्रदा की परवरिश एक मध्यवर्गीय हिंदू परिवार में हुआ, ललित को बचपन से ही नृत्य में बहुत रुचि थी, यह स्कूल के हर कार्यक्रम में बहुत ही उत्सुकता के साथ बट चढ़कर भाग लिया करती थी I इसी दौरान एक तेलुगू फिल्म प्रोड्यूसर की नजर ललिता पर पड़ी और 14 साल की उम्र में ही 1974 में एक तेलुगु फिल्म “भूमिकोसम” में एक छोटा सा डांस का रोल अदा किया I

   ललिता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई तेलुगु मिडिल स्कूल राजमुंदरी में ही की और कॉमर्स में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया, साउथ के फिल्मों में इन्हें पहले डांस का और धीरे-धीरे एक्टिंग करने का मौका मिला, देखते ही देखते 17 साल की उम्र में ललिता साउथ फिल्म इंडस्ट्री की कामयाब और बड़ी स्टार बन गई I उनकी दूसरी फिल्म “अंथुलनी कथा” (1976) के लिए प्रसिद्धि मिली, जिसमें उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने कई तेलुगु फिल्मों में काम किया और प्रसिद्धि प्राप्त की। इसके बाद साल 1977 में एक तेलुगू फिल्म “अधवी रामूडू” रिलीज हुई, यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और इसमें उनके साथ प्रमुख भूमिका में एन.टी. रामाराव (N.T. Rama Rao) थे। इस फिल्म ने जया प्रदा को तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। “अधवी रामुडु” की सफलता ने उन्हें एक स्टार के रूप में स्थापित किया और उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

ललिता रानी से “जया प्रदा” कैसे और कब हुआ, 

  जया प्रदा का असली नाम ललिता रानी है, उनका नाम “ललिता” से “जया प्रदा” कैसे और कब हुआ, इसकी कहानी काफी दिलचस्प है। जब ललिता ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तब उनका नाम ललिता रानी था, उनकी पहली प्रमुख फिल्म “भूमिकोसम” (1974) थी, लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब उन्होंने के. बालाचंदर की फिल्म “अंथुलनी कथा” (1976) में अभिनय किया। इस फिल्म में उनके शानदार अभिनय कला और नृत्य कौशल को देखकर, निर्देशक के. बालाचंदर ने उन्हें “जया प्रदा” नाम दिया। “जया” का मतलब है “विजय” या “जीत” और “प्रदा” का मतलब है “तोहफा”। इस प्रकार, “जया प्रदा” का मतलब “विजय का तोहफा” हुआ । इस नए नाम ने जयाप्रदा को फिल्म इंडस्ट्री में एक नई पहचान और सम्मान दिलाया, इसके बाद से उन्होंने इसी नाम से काम करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे यह नाम उनकी पहचान बन गया।

    साउथ फिल्म इंडस्ट्री में सफलता मिलने के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के फिल्म प्रोड्यूसर के विश्वनाथन की नजर जयाप्रदा पर पड़ी, और के विश्वनाथन 1979 में अपनी फिल्म “सरगम” में कास्ट किया, और जयाप्रदा के हुनर को बॉलीवुड इंडस्ट्री से मिलवाया I इस फिल्म में जयाप्रदा के साथ पृथ्वीराज कपूर के बेटे ऋषि कपूर लीड रोल में थे, “सरगम” ने जया प्रदा को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ी पहचान दिलाई और फिल्म में उनके अभिनय कला को दर्शकों ने खूब सराहा, यह फिल्म हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म के गाने बहुत लोकप्रिय हुए और इसके गाने आज भी यादगार हैं, खास तौर से “डफली वाले डफली बजा” गाना बहुत हिट हुआ था, जो लोग आज भी काफी पसंद करते हैं I

   हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में जयाप्रदा को हिंदी बोलने में काफी मुश्किल होती थी, तब जयाप्रदा ने हिंदी भाषा सीखने में काफी मेहनत की और हिंदी सिखी I सरगम के बाद डायरेक्टर के विश्वनाथन ने फिर से 1982 में अपनी फिल्म “कामचोर” में कास्ट किया, जिसमें जयाप्रदा ने पहली बार हिंदी में डायलॉग बोले और इसके बाद एक के एक बाद फिल्मी जयाप्रदा को मिलने लगे, अपने जमाने की सभी सुपरस्टार अदाकार के साथ पर्दे पर काम किया, जैसे अदाकार जितेंद्र, और सादि के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ इनकी जोड़ी काफी हिट रही और लोगों ने इन्हें काफी प्यार दिया I इसके अलावा जया ने अदाकार कमल हासन, मोहनलाल, साउथ की सुपरस्टार रजनी कांत, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के अदाकार मिथुन चक्रवर्ती के जैसे दिग्गज अदाकार के साथ काम किया और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक बेहतरीन और कामयाब अदाकारा का दर्जा हासिल किया I

   80 और 90 के दशक में जयाप्रदा का कैरियर बहुत ही सफल, और बुलंदियों पर रहा, और यह उस दौर के सभी बड़े बैनर और बहुत से मशहूर फिल्म डायरेक्टर की पहली पसंद बनी, जयाप्रदा ने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, और साउथ फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपना एक अलग मुकाम बनाया I

जयाप्रदा से जुड़ी कंट्रोवर्सी :

   हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा से ही दो अदाकारा के बीच में तकरार की किस्से सुनने को मिलती हैं, जयाप्रदा और श्रीदेवी के बीच की तकरार भी किसी से छुपी हुई नहीं है, अपने दौर की यह दोनों मशहूर अदाकाराओं ने बहुत सी फिल्मों में बड़े पर्दे पर साथ में काम किया, एक फिल्म में ये दोनों सगी बहनें बनी तो वही दूसरी फिल्म में ये दोनों पक्की सहेलियों का किरदार निभाया, लेकिन निजी जिंदगी में इन दोनों के बीच तकरार और दुश्मनी बनी रही जिसे उस दौर के फिल्मी मैगजीन ने जोरों शोर से खबरें छपते रहे I दरअसल बात यह है कि जो फिल्म “नगीना” पहले तो ये जयाप्रदा को ऑफर हुई थी, किसी करण के चलते इस फिल्म में श्रीदेवी को कास्ट किया गया I

   जिस से जयाप्रदा काफी नाराज हुई, “नगीना” फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर आते ही छा गई, इस फिल्म की कामयाबी देखकर जयाप्रदा की नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई,  यही नाराजगी इन दोनों अदाकाराओं के बीच तकरार का कारण बन गई, दोनों के बीच इस बात को लेकर काफी विवाद भी हुआ I जयाप्रदा अपने फ़िल्मी करियर में अपनी सफलता का बहुत मजा लिया है, पर उनकी निजी जिंदगी हमेशा हर वक्त हर पल विवादों से गिरी रही I

जयाप्रदा के जिंदगी का सबसे बड़ा विवाद :

    साल 1986 में अपने जमाने के फिल्म डायरेक्टर श्रीकांत नहाठें से चोरी छुपी शादी की, क्योंकि श्रीकांत पहले से ही शादीशुदा और तीन बच्चों के पिता थे, लेकिन जब श्रीकांत और जयाप्रदा की शादी की तस्वीरें मीडिया में लिक हुई, तब बॉलीवुड में हंगामा हो गया, तब जाकर जयाप्रदा और श्रीकांत ने अपनी शादी को सबके I सामने कबूल किया I शादी के बाद जयाप्रदा विवादों में गिर गई और हर तरफ जया की खूब आलोचना होने लगी I श्रीकांत ने अपने पहले पत्नी को डाइवोर्स नहीं दिया था, और जयाप्रदा श्रीकांत के जिंदगी में दूसरी पत्नी बनाकर उनके साथ रह रही थी, दूसरी पत्नी होने के वजह से कानूनी तौर पर जयाप्रदा को श्रीकांत के पत्नी होने का दर्जा नहीं मिल सका क्योंकि कानून की नजर में यह शादी इलीगल थी, और जिसके चलते समाज में जयाप्रदा को अलग नजरिए से देखने लगे I

    जयाप्रदा के जिंदगी में असली विवाद तब शुरू हुआ जब श्रीकांत जयाप्रदा से शादी करने के बाद भी अपनी पहली पत्नी के चौथे बच्चे के पिता बने, और दूसरी तरफ जयाप्रदा की गोद सोनी ही रह गई, इस वजह से जया ने अपने छोटी बहन की बेटे को गोद ले लिया, लेकिन ऐसी शादीयां ज्यादा वक्त तक टिकती नहीं है, और जयाप्रदा के साथ भी वही हुआ, कुछ सालों बाद जयाप्रदा श्रीकांत नहाठें से अलग हो गई I यही नहीं फिल्मों में काम करने की दौरान अदाकारा जयाप्रदा का नाम अपने जमाने के अदाकार जितेंद्र से भी जोड़ा गया, तो इसी के साथ ही राजनीति में आने के बाद एसपी लीडर अमर सिंह के साथ भी जयाप्रदा को संदेह भरे नजरों से देखा गया, और राजनीति में कई बार राजनेताओं के अभद्र टिप्पणियों का सामना भी करना पड़ा I

   जया प्रदा 1990 के दशक में राजनीति में आईं, उन्होंने 1994 में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, टीडीपी के संस्थापक, एन.टी. रामाराव के निमंत्रण पर उन्होंने पार्टी जॉइन की। कुछ वक्त राजनेता चंद्रबाबू नायडू के साथ काम करने के बाद जयाप्रदा ने T.D.P. से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होकर 2004 और 2009 में उत्तर प्रदेश के रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में चुनाव जीता। जया प्रदा का राजनीतिक करियर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने के साथ आगे बढ़ता रहा है। 

    2009 में जया प्रदा ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक तस्वीरों पर और अश्लील टिप्पणियाँ कीं, जिससे उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया, लंबे समय तक चले इस विवाद के बाद 2010 में राजनेता अमर सिंह के साथ इन्हें समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया l जया प्रदा ने अमर सिंह के साथ मिलकर “राष्ट्रीय लोक मंच” नामक राजनीतिक पार्टी का गठन किया था, यह पार्टी 2011 में बनाई गई थी, साल 2012 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 360 सीटों पर चुनाव लड़ा, हालांकि यह पार्टी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में एक भी सीट जीत नहीं पाई और इस चुनाव में कोई खास सफलता नहीं प्राप्त कर पाई और बाद में जया प्रदा और अमर सिंह दोनों ने अन्य राजनीतिक दलों में शामिल हो गए।

  इसके बाद साल 2014 में जयाप्रदा राष्ट्रीय लोक दल पार्टी में शामिल हुई, और बिजनौर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ी, पर अफसोस यहां पर भी इन्हें हर का सामना करना पड़ा I उसके बाद एक बड़ा बदलाव जयाप्रदा की जिंदगी में आया, 26 मार्च 2019 को जयाप्रदा भारतीय जनता पार्टी यानी { B.J.P. } में शामिल हुई, और समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश के रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ी, बीजेपी में शामिल होने के बाद भी इन्हें जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा I

  अदाकारा जयाप्रदा ने लगभग सात भाषाओं में फिल्मों में काम किया, अब यह चेन्नई के एक थिएटर की ओनर भी है I 2019 के चुनाव घोषणाओं के अकॉर्डिंग जयाप्रदा 27 करोड़ संपत्ति की मालकिन है, और काफी लग्जरियस जिंदगी जी रहे हैं, और इसी के साथ उनके पास कई महंगी गाड़ियां भी है, जीन में मर्सिडीज़, फोर्ट, महिंद्रा ऐसी गाड़ियां शामिल है I राजनीति और सामाजिक कार्यों के अलावा, जया प्रदा ने व्यापार में भी कदम रखा है। उन्होंने प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की और कुछ फिल्मों और टीवी शो का निर्माण किया। इन सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रियता ने यह साबित किया है कि जया प्रदा ने अपने फिल्मी करियर के बाद भी अपने जीवन को सफल और संतुलित बनाए रखा है ।

तो यह थी दोस्तों मशहूर और कामयाब अदाकारा जयाप्रदा के जीवन का परिचय I

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