आज हम जानेंगे एक ऐसी शख्सियत के बारे में जिनके पूरे परिवार के फिल्म इंडस्ट्री से तालुकात थे, जिनके दादा, पिता, भाई, और चाचा एक बेहतरीन अभिनेता थे, और वह खुद भी बड़े होकर सक्सेस फुल,और कामयाब एक्टर बने I इन्हें बचपन से ही फिल्मों में बहुत दिलचस्पी थी, क्योंकि उनके आसपास का माहौल ही फिल्मों से जुड़ा हुआ था, उनके दादा एक महान फिल्म निर्देशक थे, और इसी के साथ उनके पिता भी पॉपुलर अभिनेता थे इस वजह से घर में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों का आना जाना लगा रहता था I
ऋषि कपूर भारतीय सिनेमा के एक अद्भुत अभिनेता थे, जो अपने उत्कृष्ट अभिनय और व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं I ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को पंजाब के कपूर परिवार में महाराष्ट्र मुंबई के चेंबूर इलाके में हुआ, और उनका पूरा नाम ऋषि राज कपूर था, और उन्हें प्यार से सब लोग “चिंटू” कह कर पुकारा करते I उनका परिवार हिंदी सिनेमा के महान नामो में से एक है, और उनके पिता जी “राज कपूर” और दादा “पृथ्वीराज कपूर” भी लोकप्रिय अभिनेता और फिल्म मेकर थे I
ऋषि कपूर ने अपनी पढ़ाई कैंपियन स्कूल मुंबई और मेयो कॉलेज अजमेर से अपने भाइयों के साथ पूरी की, ऋषि कपूर को दो भाई है बड़े भाई रणधीर कपूर और छोटे भाई राजीव कपूर, इनके चाचा शशि कपूर और शम्मी कपूर मामा प्रेमनाथ और राजेंद्र नाथ यह सब भी एक्टर थे, ऋषि कपूर की मां का नाम कृष्णा राज कपूर था, और वह एक ग्रहणी थी I ऋषि कपूर को बचपन से ही फिल्मों में बहुत दिलचस्पी थी, ऐसे ही एक दिन शीशे के सामने खड़े होकर अपने चेहरे के अलग-अलग एक्सप्रेशन बना रहे थे, तभी उनके पिता जी की नजर उन पर पड़ती है, यह देख राज कपूर उन्हें अपने साथ अपनी फिल्म “मेरा नाम जोकर” में रोल देते हैं, जिसमें ऋषि कपूर ने अपने पिता के बचपन का रोल किया है I
ऋषि कपूर ने अपना अभिनय करियर की शुरुआत बचपन से ही की थी, लेकिन साल 1973 में फिल्में “बॉबी” से उन्हें अभिनेता की पहचान मिली, बॉबी फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया लीड रोल में थे, जिसमें उन्होंने एक नौजवान युवा का रोमांटिक किरदार निभाया I उसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया जैसे कि “खेल-खेल में”, “अमर अकबर एंथोनी”, “ कुछ-कुछ होता है” और “कभी-कभी” ऋषि कपूर ने अपनी बेहद विविध भूमिकाओं के लिए कोई पुरस्कार भी मिले हैं I उनके अभिनय में स्वाभाविकता और बहुमुखी प्रतिभा का बहुत बड़ा हिस्सा था, जो उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाने में मदद करता था I
अपने अभिनय कला के अलावा ऋषि कपूर ने अपनी खुद की आत्मा जीवनी “खुल्लम-खुल्ला” के माध्यम से भी अपने चाहने वालों के साथ अपने जीवन की कुछ पहलुओं को साझा किया, उनका आधुनिक और सशक्त दृष्टिकोण उन्हें एक अद्वितीय व्यक्ति बनाता है I ऋषि कपूर को पहला अवार्ड “मेरा नाम जोकर” में बाल कलाकार के शानदार अभिनय के लिए साल 1970 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है, और इसी के साथ “बॉबी” फिल्म के लिए साल 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्म फेयर अवार्ड भी उन्होंने अपने नाम किया है, साल 2008 में फिल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवार्ड से भी सम्मानित किया गया I
ऋषि कपूर ने नीतू सिंह के साथ “अमर अकबर एंथोनी” में काम किया है, जिसमें उन्होंने अकबर इलाहाबादी का किरदार बखूबी निभाया, और इसी के साथ साथ 1973 से लेकर 1981 के बीच लगभग 12 फिल्मों में उन्होंने नीतू सिंह के साथ काम किया है I नीतू सिंह को 5 साल डेट करने के बाद साल 1980 में ऋषि कपूर ने नीतू सिंह से शादी की, और नीतू सिंह से उन्हें दो बच्चे हुए, रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर साहनी I ऋषि कपूर का अपने दादा, पृथ्वीराज कपूर, के साथ बहुत गहरा और समर्पण भरा रिश्ता था, पृथ्वीराज कपूर एक प्रतिष्ठित अभिनय और नाटकीय व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में अपना महत्व पूर्ण स्थान बनाया।
ऋषि कपूर हमेशा कहां करते थे कि उनके दादा उनके लिए एक प्रभाव और प्रेरित पुरुष थे, जो उन्हें अभिनय की दिशा में मार्गदर्शित करते थे। उनके दादा उनके लिए एक आदर्श थे, जिनसे ऋषि ने बहुत कुछ सीखा और अपने अभिनय क्षेत्र में अपना स्थान बनाया, लेकिन 29 में 1971 को पृथ्वीराज कपूर का निधन हुआ, अपने दादा के निधन के बाद टूट चुके थे, फिर भी ऋषि कपूर ने उनके आध्यात्मिक और व्यक्तित्व वारिस को आगे बढ़ाने में योगदान दिया, अपने बाप दादा के नक्शे कदम पर चलकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम बनाया I
ऋषि कपूर का रोमांटिक और बिंदास आंदाज, उनकी आवाज़ और उनकी सटीक अभिव्यक्ति ने उन्हें बॉलीवुड के महत्वपूर्ण कलाकारों में से एक बना दिया, ऋषि कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री को 100 के करीब हिट फिल्में दिए हैं I ऋषि कपूर का परिवार भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का एक प्रमुख परिवार है, जो हिंदी सिनेमा में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। ऋषि कपूर ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण फिल्मों में अभिनय किया, और उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई।
ऋषि कपूर के पिता और फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता, निर्माता और निर्देशक राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को हुआ था, उनका निधन मुंबई में महाराष्ट्र में हुआ था, राज कपूर की मृत्यु के समय फिल्म इंडस्ट्री में एक विशेष और गंभीर स्थिति थी। उनकी मृत्यु पूरे फिल्म इंडस्ट्री के लिए अफसोस का दिन था, और उनके किरदारों का मूल्य, जैसे “आवारा,” “श्री 420,” और “मेरा नाम जोकर” का अवमूल्यन किया गया और उसे सामाजिक दृष्टिकोण से जोड़ दिया गया।
उनकी मृत्यु के बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी उपलब्धियों और योगदान पर बहुत ध्यान दिया, राज कपूर का निधन एक युग का प्रतीक है और उनकी उपलब्धियाँ उनकी स्मृतियों में समाहित हैं, और उनकी फ़िल्मी यादों में उनका महत्व आज भी बना हुआ है। फिल्मों में कामयाबी, नाम और शोहरत के साथ ऋषि कपूर को 2018 में एक गंभीर बीमारी भी हुई, जिस का पता उन्हें 2018 में चला, उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर 29 सितंबर 2018 को अनाउंस किया था, कि उन्हें कैंसर है और वह इलाज के लिए न्यूयॉर्क जा रहे हैं ।
उनका इलाज वहां हो रहा है, और वो अपने प्रशंसकों को अपने स्वास्थ्य अपडेट देते रहेंगे, न्यूयॉर्क में जब ऋषि कपूर अपना इलाज कर रहे थे, तब इंडिया से उन्हें एक अफसोस नाक खबर मिली, कि उनकी मां कृष्णा राज कपूर का निधन हो गया है I अफसोस यह खबर मिलने के बाद ऋषि कपूर टूट चुके थे, पर वह अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए आना सके, इस दौरान उन्होंने अपने परिवार को समर्थन दिया और बाद में वापस आकर अपने परिवार के साथ थे।
ऋषि कपूर अपने इलाज के दौरान अपने प्रशंसकों और परिवार के साथ समय बिताया, उनके आखिरी इलाज के दौरान उनका परिवार उनके साथ था, और वे अपने आखिरी दिनों में भी अपने करीबियों के साथ प्यार और संवेदनाएं बने रहे। 10 सितंबर 2019 को ऋषि कपूर अपने कैंसर के इलाज के बाद भारत वापस लौटने की खबर भी सोशल मीडिया पर उन्होंने खुद दी, इलाज के बाद जब वह स्वस्थ हुए थे, तब उन्होंने अपने अधूरी फिल्म की शूटिंग को पूरा किया I फिर खबर आती है की 30 अप्रैल 2020 को ऋषि कपूर अभी इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी यादों में उनका अभिनय और व्यक्तित्व स्थिति हमेशा हमारे दिल में बनी रहेगी।
ऋषि कपूर के जिंदगी में कई रिश्ते थे, पत्नी नीतू सिंह के साथ उनका रिश्ता निधन तक बना रहा, उनका रिश्ता काफी मजबूत था I ऋषि कपूर एक बहुत ही प्रसिद्ध और समर्पित अभिनेता थे, जिनके चित्रपट और अभिनय का योगदान हिंदी सिनेमा को यादगार बनाता है, उनके व्यक्तित्व और पेशेवर जीवन की कहानी एक जीवनी के रूप में लिखी गई है, जो उनके छायाकार, रचयिता, और उनके जीवन के अनुभवों को सजीव तौर पर दिखाने का प्रयास करती है। लेकिन उनका योगदान बॉलीवुड में अभिनय और फिल्मों में अपने आप को स्थापित करने में महत्वपूर्ण है I
तो यह थी दोस्तों बॉलीवुड के मोस्ट चार्मिंग एंड हैंडसम एक्टर ऋषि कपूर उर्फ़ { चिंटू } के जीवन का परिचय