ऐसी बेटी देने से अच्छा था, कि भगवान हमे औलाद ही ना देता… 

कुछ समय पहले कि बात है। एक छोटे से गांव में एक परिवार रहा करता था। किशोर जी उनकी पत्नी शोभा, और उनके तीन बच्चे बड़ा बेटा सुरेश छोटा मुकेश सबसे छोटी बेटी प्रियंका I किशोर जी उस गांव के सरपंच थे, किशोर जी और शोभा जी को अपनी एकलौती बेटी पर बहुत नाज था I घर मे सबकी, लाड़ली थी, चाचा की, बुआ की और दादी की इस वज़ह से किशोर जी उसकी हर बात मानते थे I उसकी हर ख़ाहिश पुरी करते थे, उन्होने अपने बेटो को ज्यादा नही पढाया, लेकिन प्रियंका का ग्रेजुएशन कम्पलीट किया था I किशोर जी का बड़ा बेटा सुरेश दसवी तक ही पड़ा था, और उन्होने उसे खेती बाड़ी कि जिम्मेदारी दे दी I सुरेश खेत में कड़ी मेहनत कर फसल उगाता और हर साल उस फ़सल के अच्छे दाम भी लाता I

उसी गांव के एक लड़के से प्रियंका प्यार करती थी, लेकिन वो लडका प्रियंका के धर्म और जात से अलग था I हालाकी किशोर जी के जो अपने लोग थे, उन्हो ने कई बार किशोर जी को आगा करने कोशीश कि, पर किशोर जी ने उन्ह की बात पर यकीन नही किया I उन्हें लगता था की उनकी बेटी बहुत समझदार हैं, और उन्हें अपने बेटी पर विश्वास था, कि उन्हकी बेटी कभी कोई ऐसा काम नही करेगी जिससे उन्हका सर झुक जाये I प्रियंका अपने पिता के इसी विश्‍वास का गलत इस्तेमाल करती थी। प्रियंका गाँव मे सभी लोग से बड़ी बदतमीजी से बात किया करती, और गाली गलौज भी करती I किशोर जी और शोभा जी भी उसे कुछ नहीं कहते थे। किशोर जी जब पहली बार चुनाव लडे थे, तब उन्ह के साथ पुरा गांव था। इस वजह से उन्होने उस गाव मे बहोत से अच्छे काम किये, इसे को नजर मे रखते हुए जब दुसरी बार शोभा जी चुनाव में उतरी तो लोगों ने उन्हें भी अच्छे मतो से जित दिलाई I

किशोर जी का खा के उन्हसे ही गद्दारी कर…  

इस तराह दोन्ही पति-पत्नी ने पूरे दस साल गांव की सेवा कि और सरपंच पद संभाला I शोभा जी कि बडी बहन उर्मिला जी वो बहोत पैसे वाली थी, शहर मे उन्ह के पति के बहोत से बिजनेस थे। जब किशोर जी तीसरी बार चुनाव मे उतरने वाले थे, तब उर्मिला जी ने उन्हे आगा किया था, ये कह कर कि तुमने 10 साल इस गाव के सेवा कि है, अब बस करो क्यूंकि गाव के कुछ लोग थे, जो कि किशोर जी का खा के उन्हसे ही गद्दारी कर रहे थे I किशोर जी ने उन्हकी एक ना सुने, और चुनाव लड़ा, जब चुनाव का नतीजा आया तो किशोर जी और उन्हका परिवार, टुट गया उस वक़्त उर्मिला जी ने किशोर जी और उन्हके परिवार को संभाला था, और उनका पूरा कर्ज चुकाया था, जो किशोर जी को चुनाव के दौरान हुआ था I 

फिर ऐसे ही पांच साल गुजराते है, जिन्हमें विरोधी पार्टी के नेता सरपंच थे I किशोर जी सुरेश की शादी करते हैं, और अपनी एकलौती बेटी का रिश्ता उर्मिला जी के छोटे बेटे के साथ तय करते है। इसके अलावा प्रियंका के लिए और भी कई बड़े घरो से रिश्ता आता है, लेकिन किशोर जी उन्हे मना करते है, और उर्मिला जी के बेटे के साथ मंगनी कर देते है I प्रियंका बेमन से इस रिश्ते के लिए हां कर देती हैं, क्युकि प्रियंका के माँ-बाप चाहते थे, कि उस कि शादी वहाँ हो जाये I उर्मीला जी बहोत पैसे वाली थी, उन्ह के घर में हर तरह की सुख सुविधा थी, प्रियंका वहां रानी बन के रहेगी इस वजह से, किशोर जी नें प्रियंका का रिश्ता वहाँ कर दिया I उर्मीला जी और उनके पती प्रियंका को अपनी बेटी कि तरह प्यार करते थे, हालाकी उनकी अपनी बेटी भी थी पर वो शादी करके अपने ससुराल चली गाई थी। 

अब बारी थी चुनाव के नतीजे कि, उस दिन…

प्रियंका के शादी की तारीख निकालते हैं, और इसी बीच चुनाव भी नजदीक थे, और किशोर जी फिर से चुना मे उतरते थे। किशोर जी ने अपने बेटी कि शादी बडी धूम-धाम से उर्मिला जी के शहर मे कि थी, किशोर जी ने अपने गांव के लोगो को शादी मे आने के लिए तीन बस मगवायें थे, जिनमे पूरा गांव आराम से बैठ कर प्रियंका के शादी मे पहुचा था। प्रियंका की शादी और सारी रस्मे बहोत अच्छे से हो गये। शादी के एक महिने बाद चुनाव थे, और प्रियंका भी चुनाव के लिए शहर से गांव आई थी। चुनाव बहोत अच्छे से हो गए, अब बारी थी चुनाव के नतीजे कि, उस दिन का सब लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। किशोर जी, और उन्ह के साथी चुनाव के लिए बहोत मेहनत किये थे, और उन्हे यकिन था कि इस बार गांव के सब लोग उन्ह के साथ है और वो चुनाव जरूर जितेगे।

हुआ भी ऐसा ही किशोर जी भारी मतो से चुनाव जीत गए। उनका उनके घरवालों का, और उनके दोस्तो का खुशिका ठिकाना नहीं था। किशोर जी के गांव के आसपास अडतीस और गांव थे, और उन्हें अड़तीस सरपंचो मे किशोर जी एक नम्बर पर थे I उन्ह सभी गांव के सरपंच ने किशोर जी को बुलाकर बडे मान सम्मान से उनका सत्कार किया था। पर विरोधी पार्टी के लोग बहोत गुस्से में थे, उनमे से एक लड़का वो भी था जिसे प्रियंका प्यार करती थी I प्रियंका और उस लड़की कि बात चित अभी जारी थी, उसे उर्मिला जी का बेटा पसंद नही था। वो बहुत सीधा साधा और गरीब स्वभाव का था, अगर कभी किसी ने उसे गुस्से में कुछ कह देता, तो वो उसे पलट कर कुछ नहीं कहता, वो बहुत शांत स्वभाव का था, और प्रियंका अपने पति के मोबाईल से देर रात तक बाते किया करती थी I उसका पति भी उसे पूछता नहीं था, कि तुम किसे बात कर रही हो, और उस घर मे प्रियांका को हर तरह कि सूख सुवीधा मौजोद थे, वो वहा रानी कि तरह रह रही थी I

मंगळसूत्र के टुकटे कर के अपने पती…

प्रियंका के शादी को अभी तीन महिने भी पूरे नही हुए थे, कि एक दिन उर्मीला जी का बड़ा बेटा अपनी बीवी को मायके छोड़ने गया था, प्रियंका ने उसी का फायदा उठा लिया, और देर रात प्रियंका ने अपने सारे गहने फेंक कर अपने मंगळसूत्र के टुकटे कर के अपने पती को पैर मार के धक्का दे कर रूम को बाहर से कड़ी लग दी। उर्मीला जी और उनके  पति गेहरी नींद मे थे, तभी वो घर से भाग रही थी इतने मे प्रियंका के पती की आवाज सुन कर, सास ससुर कमरे से बाहर आ गये, और ससुर जी प्रियंका के पिछे भाग रहे थे, वही घर के पास गली के कॉनर पर कुछ लड़के खड़े थे I लेकिन ससुर जी ने, किसी भी तरह कि खीचातानी नही की, क्युंकि ससुर जी टॉवेल पर थे और वहा खडे लड़के उन्हका गलत मतलब निकलते इसलिये I प्रियंका आगे जाकर रिक्षा मे बैठ कर अपने प्रेमी के पास चली गई I 

 जब ये बात प्रिंयका के घर में पत्ता चली तो, शोभा जी ने बिस्तर ही पकड लीया था, किशोर जी अभी सरपंच बने एक महिना भी नही हुआ था, कही मुह दिखाने कि काबिल नही रहे, और दोनो भाई उसे ढूँढते हुए उसके शहर आ गए I एक तरफ शोभा जी का रो रो कर बुरा हारा हाल हुआ था, और एक तरफ  बुआ, चाचा, और रिश्तेदार उसे ढूँढते हुए उसके ससुराल पहोच गए। फिर चौथे दिन प्रियंका पास के गांव के बस स्टैंड पर मिली, बुआ के पती जो के एक पोलीस ऑफिसर थे, और उस लड़के का भाई वो भी एक पोलीस ऑफिसर था I उन्ह दोन्हो ने मिलाकर प्रियंका को पोलिस थाने ले गये और वहाँ किशोर जी को भी बुलवाया। जब उस पोलिस थाने के ऑफिसर ने प्रियंका से सवाल किया, कि तुमने ऐसा क्यूँ किया तो, प्रियंका कहने लगी कि मेरा पति मुझे पसंद नही है।

पिता और दोनों भाइयों पर FIR दर्ज करवाई…

मेरे पापा ने मेरी शादी जबरदस्ती करवाई थी, और अब मैं बालिग हूँ, मुझे अपना भला बुरा समझता है। फिर प्रियंका ने अपने पिता और दोनों भाइयों पर FIR दर्ज करवाई, ये कह कर कि मुझे और मैं जिसे प्यार करती हु उस लड़के की जान को धोखा है I अब मै अपने पिता के साथ इनके घर नही जाना चाहती, पोलीस स्टेशन मे थे इस वजह से किशोर जी ने प्रियंका से ज्यादा कुछ कहा नही, और बुआ के पति ने वही केस रफा दफा करवा दिया । बुआ ने प्रियंका को अपने साथ अपने घर ले जाने का फैसला किया, फिर उस दिन से प्रियंका अपने बुआ के घर रहने लगी I बुआ ने और घर के सभी लोगो ने प्रियंका को बहोत समझाया, कि इस तरहा से तुम्हे नही करना चाहिए था, तुम पढ़ी- लिखी समझादर हो, प्रियंका सिर्फ उनके हां मे हा मिलती गई I

काफी दिनो तक दोनो परिवार के बीच बात चीत बंद…

पर उसे कभी अपनी गलती पर अपसोस नही हुआ, एक तरफ शोभा जी, और उर्मीला जी दोनो बहनों की एक दूसरे से बात बंद थी, क्यूंकि उर्मिला जी के पति बहोत गुस्से मे थे, जिसको उन्होने अपनी बेटी से ज्यादा प्यार किया उसे उन्हें ऐसी उम्मीद नही थी। जो तमाचा प्रियंका ने उनके मुहपर मारा था, इस वजह से उन्होंने प्रियंका के चाचा को बहोत बुरा-भाला कहा कि आपने अपनी भतीजी कि परवरीश ऐसी की वैसी कि है कह कर, फिर काफी दिनो तक दोनो परिवार के बीच बात चीत बंद थी । एक महिने बाद किशोर जी के घर उनके बडे बेटे सुरेश को बेटा पैदा हुआ था, तो उसी के खुशी मे छोटासा क्रायक्रम राखा हुआ था, शोभा जी ने उर्मिला जी को भी आमंत्रण दिया था, उर्मिला जी ने ये कह कर मना कर दिया कि हम लोग तुम्हारे छोटे बेटे मुकेश के शादी मे जरूर आयेगे, अभी हम नही आ सकते।

प्रियंका को उसकी बुआ लेकर आती है, प्रियंका से किशोर जी और शोभा जी बात करते हैं, आखिरकार अपनी एकलौती बेटी से कब तक नाराज रह सकते थे, लेकिन सुरेश और मुकेश अपनी बहन से अभी नाराज थे, इसलिये वो बात नही करते I पूरा क्रायक्रम अच्छे से होता है, और प्रियंका वापस अपने बुआ के साथ चली जाती है। धीरे-धीरे सब ठिक हो रहा था, किशोर जी भी फिर से अपना काम पुरे ईमानदारी से और लगन से कर रहे थे I लेकिन प्रियंका अभी वैसी ही थी, वो चौरी छुपे उस लड़के से बाते करती थी, हलाकी बुआ ने और उनके पति ने उसे बहोत समझाया पर उसने किसी की नहीं सुनी I 

बेटी एक दूसरे धर्म के लड़के के साथ भाग गई…

बुआ ने अपने भाई को फोन कर के कह दिया, की तुम अपनी बेटी को लेकर जाओ, तुम्हारी बेटी को तुम खुद संभालो, पर किशोर जी ने उन्ह की बात नहीं सुनी, वो पहले से ही अपने बेटी के वज़ह से शर्मिन्दा थे I आस पास के सभी गांवों में भी बात फैल गई थी, की किशोर जी की बेटी एक दूसरे धर्म के लड़के के साथ भाग गई है,  और किशोर जी की बहुत बदनामी हो गई थी, इस वज़ह से वो प्रियंका को गांव से दूर ही रखना चाहते थे I  एक दिन प्रिंयका की बुआ किसी काम से घर से बाहर गई हुई थी, तभी घर मे काम करने वाली बाई आई थी, प्रियंका ने उनसे कहा कि मावशी आप बैठेये मे आप के लिए चाय बनाकर लाती हु I 

फिर प्रियंका चाय बनाकर लाती है, और कहती हैं कि आप चाय पिजीये, तब तक मैं वॉशरूम जाके आती हूँ, फिर वो वॉश रूम का दरवाजा खोल नल चालू कर के पिछे के दरवाजे से भाग गई, और अपने बुआ के नाम एक छिट्टी छोड गई थी। जब बुआ घर आई तो वो ये दिख बहोत घबरा गई और परेशान हो कर तुरंत उन्होने किशोर जी और शोभा जी को बुलावा भेजा I वो लोग आए तो बुआ ने सारी बात बता दी, वो छिट्टी भी दिखाई जिसमे प्रियंका ने लिखा था कि इसमे मेरे बुआ कि कोई गलती नही है, उन्होने मेरा खयाल बहोत अच्छे से रखा, और मैंने जो कदम उठाया है, आप लोग इस के जिम्मेदार बुआ को मत ठहराइए। मैं ये अपने मर्जी से कर रही हु, और मैं जीसे प्यार करती हु, उसके बिना नही रह सकती इसलिए मैं जा रही हूँ। 

और उसका अंतिम संस्कार कर दिया…

  ये सब सुन कर किशोर जी बहोत दुःखी हुए, उन्हे अपनी बेटी से ऐसी गलती दुबारा करने की उम्मीद नही थी। वो तो सपने मे भी नही सोच सकते थे कि प्रियंका वही गलती दुबारा दुहेराएगी। किशोर जी और शोभा जी ने अपने दिल पर पत्थर रख कर ये मान लिया कि अब से प्रियंका हमारे लिये मर चुकी है, उन्होने प्रियंका को अपने दिल से निकला और उसका अंतिम संस्कार कर दिया, कहा कि हमारी कोई बेटी नही थी I एक तरफ प्रियंका अपने जिन्दगी में बहुत खुश थी, अपने प्यार के साथ, प्रियंका ने किसी की भी परवा ना करते हुए, अपने जिंदगी मे आगे बढ़ गई। उर्मीला जी ने भी अपने बेटे कि लिए एक अच्छी लडकी धुडकर उस की मंगनी करती हैं I कहीं ना कहीं इस का जिम्मेदार उर्मिला जी का बेटा हैं, क्यूंकि वो कभी भी प्रियंका से ये नहीं पूछता था, की तुम इतनी देर किसे बात कर रही हो, बल्कि वो तो खुद ही अपना मोबाईल प्रियंका को दे देता था I 

आप कि इस पर क्या राय है, क्या प्रियंका को ऐसा करना चाहिए था, या फिर उसे सब कुछ भुला कर अपने माँ-बाप के पास जाकर फिर से अपनी जिन्दगी की एक नई शुरुआत करनी चाहिए थी। 

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