आलोक एक बर्फ बनाने वाली कम्पनी में नोकरी करता था, और अपने परिवार को संभालता था, उसे एक पंच साल की बेटी और आठ साल का बेटा था I दिनभर काम करता और घर आते वक़्त अपने बच्चों के लिए हर रोज कुछ ना कुछ खाने के लिए ले आता था I एक दिन बहुत देर हो गई थी, और वो अब तक घर नाही आया था, उस के बच्चे रास्ता देख कर रोने लग जाती हैं, कि पापा अभी तक क्यूँ नहीं आए, और आलोक की पत्नी भी बहुत परेशान हो गईं थीं I कुछ देर बाद उसे पता चलता है, कि दिल का दौरा पडणे के करण आलोक कि मृत्यु हो गई है I आलोक की बीवी मीरा और बच्चे बहुत रोते है, मीरा कहतीं है आप मुझे यूँ छोड़ कर नहीं जा सकते मैं अकेली इन्ह बच्चों को कैसे संभालूंगी I मैं तो कहीं पर नोकरी भी नहीं करतीं इन्ह का पेट कैसे भरू, हमारा तो आप के सिवा कोई नहीं है, आप हमें छोड़ कर चले गए अब हम कहां जाए I
आलोक को गुज़रे हुए आठ दिन हो चुके थे, आलोक के कम्पनी के मालिक मीरा और उस के बच्चों से मिलने आते और वो देखते हैं कि मीरा के घर कि परिस्थिति बहुत खराब है, यह देख वो कहते हैं तुम अगर चाहो तो अपने पति के जगह पर काम कर सकतीं हो I मेरी कम्पनी में और भी कई सारी औरते काम करती हैं, अपने घर को और बच्चों को संभालती हैं I मै तुम्हें उतनी ही तनख्वाह दूंगा जो मैं आलोक को देता था, मीरा कहतीं हैं ठिक हैं मैं कल से काम पर आऊंगी I फिर दूसरे दिन मीरा सुबह सवेरे जल्दी उठ के घर का काम काज कर के अपने आठ साल के बेटे को समझाती हैं, कि मैं काम पर जा रहीं हूँ मेरे आने तक अपनी छोटी बहन का ख्याल रखना और घर से बाहर मत निकलना घर में ही रहना मैं तुम्हारे लिए काम से आते वक़्त खाने को लाऊँगी, इतना कह के मीरा काम पर चली गई I
एक दिन कारखाना बंद होने से पहले अकेली ही फ्रीज…
काम का पहला दिन था मीरा को कुछ समझ नहीं आ रहा था , फिर मीरा वहाँ काम करने वाली महिलाओं से बात करने लगतीं हैं, उनसे पूछती हैं कि कैसे काम करते हैं, वगैरह वगैरह I वहाँ काम करने वाली महिलाएं भी स्वभाव कि बहुत अच्छी थी, उन्होंने मीरा को बताया कि किस तरह काम करते हैं और मीरा भी धीरे-धीरे अच्छे से काम करना सिख गईं, और वो अपना घर और बच्चों को संभाल ने लगीं I मीरा को कम्पनी में काम करते हुए दो महीने गुजर जाते है I एक दिन कारखाना बंद होने से पहले अकेली ही फ्रीज करने वाले कमरे का चक्कर लगाने गई, तो गलती से कमरे का दरवाजा बंद हो गया और वो अंदर बर्फ बने वाले हिस्से में फंस गई, शाम का वक़्त था, सब काम करने वाले लोग घर जा रहे थे, किसी ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया की कोई अंदर फंस सकता है I मीरा समझ गई की 3 से 4 घंटे बाद उसका शरीर बर्फ बन जाएगा, और वह नहीं बचेगी मीरा को अपनी मौत सामने नजर आने लगी I
फिर मीरा भगवान को सच्चे मन से याद करके कहने लगी कि, मेरे बच्चों का इस दुनिया में मेरे अलावा कोई भी नहीं हैं, और मेरे पति को भी मुझसे छिन लिया तुमने, अगर अब तुम मुझे भी अपने पास बुलाओगे तो मेरे मासूम बच्चे अनाथ हो जायेगे I मुझे यहाँ से बाहर निकालो मेरे बच्चे मेरा इन्तज़ार कर रहे होगे I उनका पेट पालने वाली इस दुनियां में सिर्फ़ मैं ही हूँ I मैं पूरी जिंदगी तुम्हारे इस एहसान को याद रखूंगी, ये कहते हुए मीरा के आँखों से आंसू निकलने लगे, और मीरा अपने बच्चों को याद कर के बहुत रोने लगी I मीरा का शरीर धीरे-धीरे सुध पढ़ रहा था I एक घंटा ही गुजरा था तभी अचानक फ्रीजर रूम के दरवाज़े पर खटखटाने की आवाज आए I दरवाज़ा खुला और वॉचमैन भागता हुआ आया, उसने देखा कि मीरा बेहोशी की हालत में है, उसका पूरा बदन ठंडा पड़ गया है, वॉचमैन तुरंत मीरा को बाहर निकला और गर्म हीटर के पास ले गया I
मैंने सुना कि वो नहीं रहे तो मुझे बहुत अफ़सोस हुआ…
कुछ ही देर में मीरा की हालात ठिक हुईं, तब उसने वॉचमैन से पुछा, कि आप अंदर कैसे आए ? वॉचमैन ने कहा कि बेटी मैं यहां बीस साल से काम करता हूँ I इस कारखाने में हर रोज़ काम करने कई मजदूर और बड़े बड़े ऑफिसर आते हैं I लेकिन तुम्हारा पति उन लोगों में से था, जो जब भी कारखाने में आते तो मुझसे हसते हुए मिलते थे I मेरा हालचाल पूछते और निकालते वक़्त भी उन्ह का मिलनसार स्वभाव मेरी पूरे दिन थकावट दूर कर देता I कई बार तो उन्होंने मेरी मदद भी कि थी, जब कि अक्सर लोग मेरे पास से यूँ गुजरते थे, की जैसे मैं हूँ ही नहीं I जब मैंने सुना कि वो नहीं रहे तो मुझे बहुत अफ़सोस हुआ, लेकिन जब भी मैं तुम्हें देखता तो मुझे उन्ह का वो मिलनसार स्वभाव याद आता था I
लेकिन आज मैंने तुम्हें आते वक़्त देखा लेकिन जाते वक़्त तुम देखाई नहीं दी, मै तुम्हारा इंतजार कर रहा था, लेकिन बहुत देर हो गई थी, तुम नहीं आए I तो मैं तुम्हें देखने चला आया कि तुम किसी मुश्किल में तो नहीं हो, मीरा को बहुत आश्चर्य हुआ कि मेरे पति के अच्छे स्वभाव के कारण आज मेरी जान बच गईं I इंसान को हर एक व्यक्ति से अपना स्वभाव अच्छा रखना चाहिए पता नहीं काल कोन किस के काम आ जाए, हम जैसा व्यवहार दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही व्यवहार हम अपने साथ पाएंगे I