शौहर का प्यार और साथ ही बीवी की दौलत होतीं हैं…

शौहर का प्यार और साथ ही बीवी की दौलत होतीं हैं… निगार अपने घर में सब से छोटी और सब की लाडली थी, मन्सूर जी और उनकी बीवी रेहाना जी, अपने दो बेटे और एक बेटी के साथ रहते थे, दोनों बेटों कि शादी हो चुकी थी, और उनके बच्चे भी थे I मन्सूर जी के दोस्त के दूर के रिश्तेदार निगार को देखने आते हैं, फैजल को निगार देखते ही पसंद आ गई थीं, और उसने उसी वक्त रिश्ता मंजूर हैं कह दिया था I फैजल के घर में उसकी अम्मी और एक छोटी बहन थीं, कुछ साल पहले ही फैजल के अब्बा का इंतकाल हो गया था, फैजल ने अपने अब्बा के इंतकाल के बाद उनका बिजनेस और घर की जिम्मेदारी बहोत अच्छे से संभाली थी I फैजल एक बहोत ही क़ामयाब बिजनेस मैन था, उसके पास जमीन, जायदाद थी, और उसके बड़े से घर में नोकर चाकर भी थे, घर में किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं थीं, ये सब देख कर मन्सूर जी ने फौरन रिश्ता मंजूर कर दिया l 

रेहाना जी कहती है वो सब ठिक है, लेकिन लड़के का रवैय्या उसका मिजाज़ कैसा है ? एक बार आप उनके आस- पड़ोस में पूछताज किजिए ना, आखिर कार हमारी एक लौती बेटी के जिन्दगी का सवाल है, मिजाज़ का क्या है पढ़ा-लिखा हैं, इतना अमिर बिजनेस मैन है, बहोत बड़ी शान शौकत वाला है, हमारी बेटी कि तो किस्मत खुल गई है, राज करेगी हमारी बेटी, बहोत खुश रहेगी वो अपने ससुराल में, फैजल कि तारिफ करते हुए मन्सूर जी कहने लगे I लेकिन रेहाना जी बहोत बेचैन थी इस रिश्ते को लेकर, वो बार बार मन्सूर जी से एक ही सवाल करती थी की, लड़के के बारे में जांच कीजिए, आस पड़ोस में पूछ ताज करे, पर मन्सूर जी हर बार यही कह कर टाल देते थे की पढा लीखा समझदार लड़का है, मिजाज़ भी अच्छा ही होगा I

  कुछ दिन बाद निगार की शादी हो गई, नई नवेली दुल्हन अपने आँखों में बहोत से ख्वाब, दिल में मोहब्बत और उम्मीद लिये, अपने ससुराल पहोचती है। ससुराल पहोंच कर देखा तो फैजल का रवैय्या निगार के उम्मीद से बहोत अलग था, फैजल ने घर कि जिम्मेदारी बहोत अच्छे से उठाई थी, पर उसने घर में  एक अजीब सा खौफनाक माहौल बना रखा था । वो हमेशा बात बात पर अपनी अम्मी को धमकाता रहता, आपने जैसा मैं चाहूँ वैसा नही किया, अगर आप मेरे फ़ैसले के खिलाफ गई तो मैं ये घर छोड कर चला जाऊगा, फिर कर लेना अपनी मन मानी इस तरह से वह अपनी अम्मी को डराता I फैजल अपनी अम्मी की जरा भी कद्र नही करता, कहता कि इस घर को और अब्बा के बिजनैस को भी आप ही संभाल लेना, अम्मी और बहन के साथ फैजल का ये रवैय्या देख कर निगार बहोत परेशान हो गई I 

   क्यूँकि निगार ने ना तो अपने घर में अपने भाईयो को अम्मी से ऐसे बात करते देखा था, और ना ही किसी और लड़के को I निगार सोचने लगी जो शख्स अपनी अम्मी कि और अपनी बहेन कि कद्र नहीं करता, वो अपनी बीवी की क्या कद्र करेगा। दिन ब दिन निगार के साथ फैजल का रवैय्या बदल ने लगा, अब वो बात बात पर निगार को टोकने लगा, यहाँ मत जाना वहाँ मत जाना, ऐसे मत करो, वैसे मत करो, उस पर चीखना चिल्लाना, छोटी-छोटी बातो पर बड़ी बहस करना, अब ये रोज का हो गया था। इसी बीच निगार ने खुश खबरी सुना दी कि वो माँ बने वाली है, ये खबर सुन कर फैजल के मिजाज़ मे थोडा सुधार हो गया था, पर वो अभी वैसा हि रोक टोक लगाता, ये मत खाऊ, वो मत खाऊ बच्चे के लिए सही नहीं हैं, इस तरह से । 

  जैसे तैसे 9 महिने गुजर गए अब डिलिवरी के लिए निगार अपने मायके जाना चाहती थी, लेकिन फैजल तयार नही था उसे मायके भेजने काफि कोशीशो के बाद वो माना। मायके पहुंचते ही अपनी अम्मी को देखते ही निगार अपने आप को संभाल ना सकी और अपनी अम्मी से गले लग कर खूब रोई I रेहाना जी ने पुछा क्या हुआ बेटी ? तुम इतना क्यूँ रो रहीं हो, तब निगाह ने रोते हुए फैजल के हरकतों और उसके बुरे रवैये के बारे में बताया, ये सुन रेहाना जी भी रोने लगी, वहीं पास में मंसूर की भी बैठे हुए थे, और यह सुन गुस्से में रिहाना जी मन्सूर जी से कहने लगी देखा मैंने कई बार कहा था कि, लड़के के बारे में जांच कीजिये पर आपने मेरी एक ना सुनी, लड़के की शान शौकत जायदाद देख कर अपनी बेटी को उस कुएं में धकेल दिया, ऐसी झूठी शान-शौकत किस काम की जब हमारी बेटी को उस घर में दो पल का सुकून ही ना हो I 

मन्सुर जी अपना सर पकड़ कर बैठ गए, कहने लगे कि मैंने तो सिर्फ ये सोच कर अपनी बेटी उस घर में दि थी, कि उसे किसी भी चीज़ की किमी नही होगी, उसकी हर जरूरत, हर ख्वाहिश पुरी होगी, वह वहाँ पर रानी कि तरह रहेगी । मुझे क्या पता था कि वो मासुम सा दिखने वाला जालिम मेरी बच्ची पर इतना ज़ुल्म करेगा I दिन बितते गये कुछ दिनो बाद निगार ने प्यारे से बेटे को जन्म दिया, पहले कुछ दिन तक फैजल नाराज़ था, पर वो अपने बेटे से ज्यादा दूर रह ना सका, और मिलने आ गया, फैजल ने कहा कि मैं निगार और अपने बच्चे को ले जाने आया हु, ये बात सुन मन्सूर जी कहने लगे कि मेरी बेटी अब उस घर में दोबारा नही जायेगी, जहाँ उसकी कोई कद्र ना हो, जहाँ उसे दो पल का सुकून तक ना मिले I रेहना जी भी अपने शौहर के हाँ में हाँ मिलाते हुए कहने लगी कि, हमारी बेटी अब हमारे साथ ही रहेगी, हम हमारे बेटी का खयाल खुद रख सकते हैं ।

निगार पढ़ी-लिखी हैं और अपने पैरों पर ख़ुद खडी हो सकती हैं, यह सुन फैजल को वहाँ से खाली हात ही लौटना पड़ा । 6 महिने गुजरते है, फैजल ने अपनी अम्मी को निगार को लाने भेजता है, निगार बहोत परेशान थी, और वो पूरी तरह से टूट चुकी थी, अब जॉब करना बच्चे का संभालना और चार लोगो कि बाते सुना इतने महिनो से मायके में ही पड़ी है, उपर से दोनों भाभीयो के ताने सुना, भाभी कहती थी इतना अमीर शौहर मिला है, अपना ससुराल छोड़कर मायके में पडी है, हमारी जान खाने के लिये, इसे देखो इसके बच्चो को संभालो, हमारे अपने बच्चे भी हैं हमें उन्हें भी देखना होता हैं I अम्मी-अब्बा का क्या है उन्होंने रख लिया अपने बेटी को अपने साथ, दिनभर घर में तो हमें काम करना पडता है। ये सब देख निगार बहोत परेशान हो गई थी, इसलिए वो फैसला करती है, कि वो अपने बेटे समीर को लेकर फैजल के पास वापस जायेगी और अपनी जिन्दगी की एक नई शुरवात करेगी। 

  मुझे उम्मीद हैं की फैजल एक अच्छा बाप जरूर बनेंगे, उन्हें मेरी ना सही, पर हमारे बेटे कि फ्रिक हैं उन्हें, तभी तो आज उन्होने अम्मी को भेजा है हमे लेने, वैसे भी दादा के जायदाद पर तो बेटे से ज्यादा तो पोते का हक्क होता हैं, अपने अम्मी-अब्बा को समझा कर निगार अपने सास के साथ ससुराल पहोंच गईं I  निगार के साथ फैजल का मिजाज अभी वैसा ही था, पर वो समीर से बहोत प्यार करता उसकी बहोत फिक्र करता था। निगार कि खुशी भी इसी में थी, निगार कि तो पुरी दुनिया समीर ही था I वक़्त बितता गया, और अब समीर अपने अब्बु की तरह एक कामयाब बिजनेसमैन बन गया था, और उसकी शादी भी हो गई थी। समीर अपने अब्बु के तरह नहीं था, वो अपनी अम्मी और बीवी कि बहोत इज्जत करता, अपनी अम्मी की हर बात मानता, उसने कभी भी अपने अम्मी से ऊंची आवाज में बात नहीं कि I

निगार ने बहोत अच्छे से अपने बेटे की परवरिश की थी, उसने अपने बेटे को औरतो कि इज्जत और कद्र करना सीखाया था, क्युंकि वो नहीं चाहती थीं की शादी के बाद जिस हालात से वो गूजारी है, उस हालात से कोई और लडकी ना गुजरे, किसी और की बेटी कि जिन्दगी बर्बाद ना हो I बीवी अपनी ज़िन्दगी अपने शौहर के साथ हंसी-खुशी से गुजारना चाहती है, उसके माल-दौलत के साथ नही। अगर शौहर बीवी की कद्र और इज्जत करे तो बीवी छोटेसे घर में भी बहोत ख़ुशी से रहतीं हैं I

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