उठे जनाजा जो कल हमारा, कसम है तुम्हें ना देना कंधा I आज हम जानेंगे एक ऐसी अदाकारा के बारे में की जिसका चेहरा आज भी भारतीय सिनेमा में अमर चेहरा कहा जाता है, और उसके जैसी आज तक के फिल्म इंडस्ट्री में खूबसूरत और हंसी कोई नहीं, जिसके दीवाने, और चाहने वाले बॉलीवुड के अभिनेताओं से लेकर, फिल्म डायरेक्टर से लेकर, अंडरवर्ल्ड के डॉन तक थेI हर कोई उनसे प्यार करता था, और हर कोई उनके खूबसूरती का कायल था I उनकी एक झलक पाने के लिए लोग मर मिटते थे, इनके बारे में कहा जाता है कि यह इस कदर खूबसूरत और हसीन थी, कि उस वक्त के कैमरे में इनकी सिर्फ दो परसेंट ही खूबसूरती को कैद कर पाए I जिसने बहुत ही कम उम्र में इज्जत, नाम, शोहरत, और कामयाबी हासिल की, यह जितनी खूबसूरत और कामयाब अदाकारा थी, उससे कई ज्यादा बदसूरत, और नाकामयाब उनकी किस्मत थी I
इन्होंने महज 36 साल की उम्र में ही फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहा, इनकी मौत इतनी दर्द भरी, और तकलीफ दे थी, जब यह बीमार थी तो हर रोज खून लेने के लिए डॉक्टर खुद उनके घर आते थे I इनके जिंदगी का एक ऐसा पहलू था, जिस पहलू ने इनके जिंदगी के सारी खुशियां छिन ली, और उनकी जिंदगी के आखिरी वक्त में इनको तड़पने के लिए अकेला छोड़ दिया I
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत और हसीन अदाकारा मधुबाला यह हिंदी सिनेमा का एक मशहूर नाम है, जिसे न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि विदेश में भी पहचाना जाता था, मधुबाला को वीनस क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा इस नाम से भी वह जानी जाती थी I मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में हुआ, मधुबाला का असली नाम मुमताज जहान बेगम देहलवी था, उनके पिता का नाम अत्ताउल्लाह खान और मां का नाम बेगम आयशा था I अत्ताउल्लाह खान को 11 बच्चे थे उसमें मधुबाला पांचवें नंबर पर थी, मधुबाला के पिता अत्ताउल्लाह खान तंबाकू के फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन उन्होंने यह काम ज्यादा वक्त तक नहीं किया, और काम बंद होने के बाद वह अपने परिवार को लेकर दिल्ली से मुंबई आते हैं I
मुंबई पहुंचने के बाद अत्ताउल्लाह खान नौकरी की तलाश में निकलते हैं, परिवार बहुत बड़ा था और दो वक्त के खाने का भी इंतजाम करना बहुत मुश्किल था I मधुबाला जी ने अपने बचपन से ही अपनी जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं, और बहुत मुश्किल वक्त उन्होंने निकला है, इनके दो भाई और तीन बहनों की मौत बचपन में ही हो गई थी I मधुबाला जी को बचपन से ही संगीत में बहुत दिलचस्पी थी, और मुंबई पहुंचने के बाद उन्हें पहले काम बॉम्बे टॉकीज ने बतौर बाल कलाकार के रूप में काम दिया I लेकिन उस वक्त किसी को भी पता नहीं था कि यह मुमताज अपने आने वाले जिंदगी में भारतीय सिनेमा की सबसे मशहूर और कामयाब अदाकारा मधुबाला बनेगी I
कुछ वक्त तक यह अपने असली नाम मुमताज से बाल कलाकार के रूप में काम करती रही, किसी कारण वह अपने पिता के साथ दिल्ली वापस चली गई I साल 1942 में बॉम्बे टॉकीज से मुमताज की पहली फिल्म “बसंत” आई I मुमताज ने बहुत से फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया, लेकिन घर की हालत अभी वैसे ही थे, जहां दो वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किल से मिलता था I फिल्मों में उनकी अदाकारी, एक्टिंग उनके चेहरे के हाव-भाव को देखकर उस वक्त के मशहूर फिल्म निर्माता, अदाकारा और बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देवीका रानी ने उन्हें दिल्ली से मुंबई वापस बुलाती है I
उस समय एक भविष्य देखने वाले ने भविष्यवाणी की थी, उन्होंने कहा था यह बच्ची बहुत नाम रोशन करेगी, जितना इसके खानदान में आज तक किसी ने नहीं किया, लेकिन यह अपनी जिंदगी जीने के लिए बहुत तरसेगी, पर यह अपनी पूरी उम्र नहीं जी पाएगी I
देविका रानी के कहने पर अत्ताउल्लाह खान और मधुबाला मुंबई आते हैं, मुंबई पहुंचने के बाद मधुबाला डॉकयार्ड, यानी गोदी के इलाके में रहने लगी, मधुबाला अभी छोटी ही थी, और यह अपने परिवार के साथ गोदी में रहती थी I एक दिन रात के वक्त मुंबई के गोदी के इलाके में जोरदार धमाका हुआ, वह धमाका इतना बड़ा था की पूरी बस्ती में आग लगी थी, और बस्ती के सारे घर जल के खाक हो गए थे, और इस धमाके में बहुत से लोगों ने अपनी जान गमाई थी I साल 1944 में 14 अप्रैल को यह धमाका हुआ था, इसे किस्मत कहे या कुछ और, उसे धमाके के वक्त मधुबाला उस बस्ती में नहीं थी, वह अपने पूरे परिवार के साथ थिएटर गई थी फिल्म देखने, इस वजह से उनकी जान तो बच गई, लेकिन इनका घर तबाह हो गया था I
अत्ताउल्लाह खान अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर आ गए थे, लेकिन मधुबाला के सहेली ने मधुबाला के पूरे परिवार को अपने घर में सहारा दिया, जब मधुबाला अपने साहिल के घर पर रह रही थी, तभी उन्हें फिल्म में बतौर हीरोइन का ऑफर मिला, तब इनकी उम्र सिर्फ 14 साल थी I उस वक्त के मशहूर फिल्म निर्देशक केदार शर्मा ने इन्हें अपनी फिल्म नील-कमल में राज कपूर के साथ लीड रोल में कास्ट किया, यह मधुबाला की बतौर हीरोइन की पहली फिल्म थी I उसके बाद मधुबाला ने अशोक कुमार के साथ उनकी फिल्म “महल” में नजर आई, इस फिल्म में पहले तो सुरैया बेगम को अप्रोच किया था, लेकिन फिल्म निर्देशक कमल अमरोही ने महल फिल्म के लिए मधुबाला को सजेस्ट किया, जब यह फिल्म पर्दे पर आई तो सारे लोग बस देखते ही रह गए I
मधुबाला ने अपनी करियर में कई लोकप्रिय फिल्मों में काम किया, यहाँ कुछ उनकी प्रमुख फिल्मों की सूची है:
- 1} महल (1949)
- 2} मुग़ल-ए-आज़म (1960)
- 3} चालबाज़ (1956)
- 4} काला पानी (1958)
- 5} बार्सात की रात (1960)
- 6} छलिया (1960)
- 7} दुल्हन एक रात की (1956)
- 8} बेगाना (1956)
- 9} परदेस (1950)
- 10} फिल्मी डाकू (1956
महल फिल्म के बाद मधुबाला ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा, बस एक के बाद एक हिट फिल्में देती गई I दुलारी, बेकसूर, बादल इन फिल्मों में उन्होंने अद्भुत अभिनय और अधिकारी दिखाएं जिसकी वजह से वह कामयाब भी हुई I इन फिल्मों के बाद मधुबाला की जिंदगी में “तराना” यह फिल्म आई, जिसमें दिलीप कुमार साहब और मधुबाला एक साथ लीड रोल में थे I तराना फिल्म की शूटिंग के लिए दिलीप साहब और मधुबाला जब पहली बार मिले थे, तो दिलीप साहब मधुबाला की खूबसूरती को देखते ही रह गए, और इसी फिल्म के शूटिंग के दौरान उन दोनों के बीच दोस्ती हुई और धीरे-धीरे यह दोस्तों प्यार में बदलने लगी I
7 साल तक दोनों एक दूसरे के साथ एक रिश्ते में रहे, उन दोनों की मोहब्बत को देखकर ऐसा लग रहा था, कि वह दोनों बहुत जल्दी शादी कर के अपने जिंदगी की एक नई शुरुआत करने वाले हैं I लेकिन जब “नया दौर” इस फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, “नया दौर” मधुबाला ने जब इस फिल्म का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था, उसमें लिखा था कि उन्हें इस फिल्म की आउटडोर शूटिंग के लिए बाहर जाना होगा, लेकिन मधुबाला के पिता अत्ताउल्लाह खान ने उन्हें शूटिंग के लिए बाहर जाने से मना कर दिया, इस बात से नाराज फिल्म के डायरेक्टर बी आर चोपड़ा ने मधुबाला और अत्ताउल्लाह खान पर केस कर दिया, और जब यह मामला कोर्ट में पहुंचता है I तब अदालत में गवाही देने के लिए जज साहब ने दिलीप साहब को कटघरे में बुलाया, तो दिलीप साहब ने फिल्म के कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक डायरेक्टर के पक्ष में गवाही दी I
दिलीप साहब का यू डायरेक्टर के पक्ष में गवाही देना, अत्ताउल्लाह खान को और मधुबाला को पसंद नहीं आता, वह उनसे नाराज हो जाते हैं, और तभी से मधुबाला और दिलीप साहब के रिश्ते में दरार आ गई, और इसी बीच डायरेक्टर बी आर चोपड़ा ने मधुबाला को इस फिल्म से बाहर किया, और मधुबाला के जगह पर वैजयंती माला को कास्ट किया I इस घटना के बाद मधुबाला और दिलीप साहब के बीच काफी दूरियां आई, और दोनों के दिल टूट चुके थे, फिर डायरेक्ट के आसिफ की 12 साल की मेहनत के बाद बनी फिल्म “मुग़ल-इ-आज़म” में मधुबाला और दिलीप साहब ने शहजादे सलीम और कनीज अनारकली का किरदार बखूबी निभाया, फिर इसके बाद वह दोनों ने किसी और फिल्म में साथ काम नहीं किया I
मुग़ल-इ-आज़म यह उस वक्त एक करोड़ में बनने वाली सबसे महंगी फिल्म थी, और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी, और 1960 से लेकर आज तक फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी फिल्म नहीं बनी I इस फिल्म में मधुबाला ने असली लोहे की जंजीर पहने हुई थी, जिसकी वजह से उनके तबीयत खराब हो गई थी I
मुग़ल-इ-आज़म के बाद एक और फिल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला को सेट पर ही खून की उल्टी हुई, उसे वक्त सब को यह पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है, और उन दिनों इस बीमारी का इलाज अभी आया नहीं था, हालांकि छोटे बच्चों का दिल को ऑपरेशन होता था, लेकिन बड़े लोगों के बीमारी का इलाज का रिसर्च चालू था I एक तरफ मधुबाला का दिल दिलीप साहब की कारण टूटा हुआ था, और एक तरफ उनके दिल में छेद था, और इसी बीच उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव देखे, बहुत से मुश्किलों का सामना किया I एक वक्त ऐसा आया कि उनके लिए शादी के प्रस्ताव आने लगे, अभिनेता भारत भूषण, प्रदीप कुमार और किशोर कुमार यह तीनों अभिनेता मधुबाला से शादी करने के लिए तैयार थे I
साल 1958 में आई फिल्म “चलती का नाम गाड़ी” के सेट पर मधुबाला और किशोर कुमार में दोस्ती हुई, और वह दोस्ती प्यार में बदल गई, हालांकि उस वक्त किशोर कुमार पहले से ही शादी शुदा थे, लेकिन उनका तलाक हो चुका था I किशोर कुमार और मधुबाला 2 साल एक साथ रहने के बाद साल 1960 में शादी के बंधन में बनते हैं I इनकी शादी से पहले मधुबाला के पिता अत्ताउल्लाह खान ने कहा था, कि किशोर पहले मधु का इलाज करना फिर उसके बाद शादी करना, लेकिन किशोर कुमार ने कहा कि मैं पहले से शादी करूंगा फिर उसके बाद में इनका इलाज लंदन ले जाकर कराऊंगा I
अपनी शादी के कुछ दिनों बाद किशोर कुमार मधुबाला को हनीमून का बहाना बनाकर लंदन ले जाते हैं इलाज करवाने, ताकि किसी को शक ना हो, उस वक्त लंदन के डॉक्टरों ने कहा कि हम इनका ऑपरेशन नहीं कर सकते, हम अभी सिर्फ छोटे बच्चों के दिल का ऑपरेशन करते हैं, बड़ों पर अभी हमारी रिसर्च चालू है, और हम इनका ऑपरेशन करके किसी भी तरह के खतरे को मोल लेना नहीं चाहते, हम सिर्फ मधुबाला को किसी भी तरह की टेंशन, तनाव, परेशानी से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि आप बच्चे को भी जन्म नहीं दे सकती, यह आपके लिए और भी ज्यादा खतरा है इस बात का ध्यान रखें, और हां आप बहुत कम दिनों की मेहमान है I लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की इलाज करने की और डॉक्टरों ने अपने हिसाब से कुछ दवाई दे दी I
लंदन से लौटने के बाद मधुबाला खुद को स्वस्थ महसूस करने लगी थी, और उन्हें ऐसा लग रहा था कि वह अब दोबारा फिल्मों में काम कर सकती हैं I उसके बाद मधुबाला ने राज कपूर की आने वाली फिल्म “चालक” में काम करने की ख्वाहिश जाहिर की, और मधुबाला के इस ख्वाहिश को मदे नजर रखते हुए, फिल्म चालक में मधुबाला को लीड रोल में कास्ट किया और इस फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई I फिल्म के शूटिंग के पहले ही दिन मधुबाला शूटिंग के दौरान सेट पर ही बेहोश होकर गिर गई, और उसके बाद यह कभी बेड से उठ नहीं पाई I
सबसे खूबसूरत, हसीन, और चुलबुली सी मधुबाला जो हर छोटी छोटी बात पर खुलकर हंसती थी, फिल्म के सेट पर हर किसी को हसाया करती थी, इनके ऐसी हरकत से सेट पर हीरो और हर कोई परेशान रहता था, यह कहते हुए की एक बार यह हंसना शुरू करती है तो फिर रुकती नहीं और फिल्म का सीन पूरा नहीं हो पता I 60 के दशक में हर अभिनेता मधुबाला के साथ फिल्म करना चाहता, जिसकी एक्टिंग, अदाकारी, फिल्मों में उनकी नजाकत का हर कोई दीवाना था, ऐसे मशहूर और कामयाब अभिनेत्री अपनी उम्र के महज 36 साल में हीं बिस्तर पकड़ ली और ऐसा पकड़ ली कि वह दोबारा कभी उठ ना पाई I
शादी के बाद मधुबाला जब अपने ससुराल पहुंचे अपने पति के किशोर कुमार के साथ, तो वह अपने ससुराल में सिर्फ कुछ ही महीने रही, उसके बाद मधुबाला को किशोर कुमार ने वापस उनके पिता अत्ताउल्लाह खान के पास छोड़ कर चले गए, यह कहते हुए कि मुझे बहुत काम है, और मैं इन्हें हर जगह अपने साथ नहीं ले जा सकता I मधुबाला कि देखभाल भी मैं नहीं कर पाऊंगा, मुझे अपने फिल्म की शूटिंग के लिए बाहर भी जाना होता है I वह इस बीमारी से बहुत कमजोर, और सुख कर कांटा हो गई थी, की मधुबाला तो पहचान में भी नहीं आ रही थी, कि यह फिल्म इंडस्ट्री के सबसे खूबसूरत और हसीन हीरोइन है I
किशोर कुमार उन्हें हर महीना दवाइयां के लिए और उनके इलाज के लिए पैसे भी भेजा करते, और 2 महीने में एक बार उनसे मिलने आया करते I लेकिन किशोर कुमार ने अपनी बीमार पत्नी जो दिल के बीमारी से लड़ रही थी, उन्होंने कभी उनके पास रहकर उनकी सेवा या देखभाल नहीं की, और बीमारी की हालत में उनके पिता के पास मारता हुआ छोड़कर चले गए I
एक वक्त ऐसा भी था कि उनके खूबसूरती और हसीन चेहरे के दीवाने सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता नहीं, बल्कि अंडरवर्ल्ड के डॉन भी थे, सबसे पहले जिन्होंने अंडरवर्ल्ड शुरू किया वह थे डॉन हाजी मस्तान, यह अपनी उम्र के 8 साल में तमिलनाडु के छोटे से गांव से मुंबई आए थे, इन्होंने कभी किसी का कत्ल नहीं किया, और ना ही कभी उन्होंने बंदूक, या चाकू का इस्तेमाल किया, बगैर किसी खून खराबे के इन्होंने मुंबई पर 20 साल तक हुकूमत की I अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान को 60 के दशक के सबसे खूबसूरत और बेमिसाल अदाकारा मधुबाला से एक तरफा मोहब्बत हुई थी, वह उनकी खूबसूरती और अदाकारी के बहुत बड़े दीवाने थे I
उस वक्त डॉन हाजी मस्तान की फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने लोगों से बहुत गहरी दोस्ती थी, जिन में सबसे पहले नाम आता है दिलीप साहब का और देवानंद का ऐसे और भी बहुत से इंडस्ट्री के लोगों से उनकी दोस्ती थी, और इंडस्ट्री के लोग उन्हें अच्छे से पहचानते थे, और उनकी बहुत इज्जत भी किया करते थे I अपने दिल की बात हाजी मस्तान ने कभी मधुबाला से कहीं नहीं, और जब वह अपने दिल की बात मधुबाला से कहने वाले थे, तब खबर मिली की मधुबाला अब इस दुनिया में नहीं है I
तारीख 23 फरवरी 1979 को दिल के संबंधित बीमारियों के वजह से मधुबाला की मौत हुई, बहुत ही कम उम्र में मौत होने वाली यह फिल्म इंडस्ट्री की पहली अभिनेत्री थी I मधुबाला के जनाजे में फिल्म इंडस्ट्री का हर एक शख्स मौजूद था, लेकिन सिर्फ दिलीप साहब नहीं आए थे, और ना ही जब वह बीमार थी उन्हें देखने के गए थे I मधुबाला के निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री में एक गहरा शोक का माहौल था, मधुबाला एक प्रसिद्ध और प्रिय अभिनेत्री थीं, और उनका चला जाना फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों के लिए एक बड़ी दुख की बात थी। उनके निधन के बाद, लोगों में दुख और उदासी का माहौल था, और उन्हें उनकी अद्भुत अभिनय कला और रंगीन प्रस्तुतियों की यादें साझा करने का दुख था। मदुबाला की अनमोल यादें और उनकी शानदार कलाकारी का आदर फिल्म इंडस्ट्री में आज भी है।
यह थी दोस्तों “वीनस क्वीन ऑफ़ द इंडियन सिनेमा” उर्फ मधुबाला के जीवन का परिचय