बाप और बेटी की मोहब्बत दिल को छू लेने वाली कहानी…

  अमित और अंजना कि शादी को दस साल हो चुके थे, लेकिन उनकी कोई भी संतान‌ नही थी। फिर एक दिन अंजना को कमज़ोरी सी महसूस होने लगी, और वो घर मे काम करते समय चक्कर आकर गिर जाती है । ऑफिस कि छूटी थी तो अमित भी उस वक्त घर पर ही था, उसने तुरंत अंजना को हाँस्पीटल ले गया । डाँ ने अंजना का चेकअप किया और कुछ टेस्ट करवाये, टेस्ट के बाद डॉ ने बताया कि, ऐसी हालात में कमजोर होना, और चक्कर आना नॉर्मल बात है, अमित ने घबराते हुए पूछा ऐसी हालत मतलब सब ठिक तो है ना ? डाँ क्या हुआ है मेरी बिवी को I डॉ कहते हैं अरे आप इतना परेशान मत होइए घबराने कि बात नही है, आप कि बिवी प्रेग्नेट है, अब आप को उनका बहोत खयाल रखना पड़ेगा I 

    ये बात सुन कर अमित का खुशी का ठिकाना नही रहा, और वो मिठाई लाकर, सबको बाटने लगा, और फिर अंजना को घर लेकर आ गया। अमित और अंजना दोनो बहोत खुश हो कर भगवान का धन्यवाद करने लगे, अमित अंजना से कहता है, देखा आखिर कार भगवान ने हमारी प्रथाना सुन ही ली, मैंने कहा था ना, भगवान के घर देर है अंधेर नही, हाँ आपने बिलकुल सही कहा था, भगवान ने हमारी सुन ली, अब हमारे भी घर में बच्चे की किलकारी गूंजेगी I फिर उस दिन से ही अमित अंजना का बहुत खयाल रखने लगता है, क्युकि इतने सालो बाद उन्हे ये खुशी मिली थी, वो चाहता था कि उन्हका बच्चा सेहतमंद, और बगैर किसी तकलीफ के इस दुनिया में आये, ऐसे ही पूरे नौ महिने गुजरते हैं, अंजना के डिलेवरी का वक्‍त नजदीक आता है I 

   एक दिन अमित और अंजना बाते करते बैठे थे, की तभी अंजना अमित से कहती है, कुछ दिनों मे हम माता-पिता बनने वाले है, आपको क्या लगता है लड़का होगा या लड़की, अमित कहता है ये तो नही पत्ता कि लड़का होगा या लड़की मैं बस अपने आप इतना खुशानाशब मानता हु, कि भगवान ने हमे माँ-बाप बने कि खुशी दि हैं I अंजना कहती है फिर भी आप बताई ना कि आप को क्या चाहिए ? अंजना कि बात का मान रखते हुए अमित कहता है, अगर हमे लड़का हुआ तो, मे उसे एक क़ाबिल और नेक इंसान बनाऊँगा I उसे हमेशा दूसरों की इज्जत करना सिखाऊँगा, हम दोनों हर रोज श्याम को गार्डन खेलने जायेंगे, और मैं उसे क्रिकेट सीखाऊँगा हम दोनो साथ में बाहर गुमने जायेंगे, अंजना कहती है “अगर, लड़की हुई तो”? 

   अगर हमे बेटी हुई तो,मुझे उसे कुछ सिखाने कि जरूरत ही नही होगी क्योंकि, वो तो सारे गुणों के साथ इस दुनिया मे आयेगी वो ही मुझे दोबारा सिखाएगी कैसे पहनना है, कसे खाना, कब कहा क्या कहना है या क्या नही कहना है। वो तो मुझे अपना हिरो मानेगे चाहे मै उसके लिए कुछ खास करू या ना करू वा हमेशा मुझसे प्यार करेगी, वो चाहेगी कि उसे अपने पापा जैसा पत्ती मिले, वो हमेशा अपने पत्ती से मेरी बराबरी करेंगे, जब मैं उसे किसी बात के लिए मना करूंगा, तो वो मुझे समझेगी I

  चाहे वो कितनी भी बड़ी क्यूँ ना हो, वो हमेशा चाहेगी कि मैं उसे राजुकुमारी कि तरह प्यार करू, जब कोई मेरे बारे में कुछ गलत कहेगा, तो वो उसे लढ़ेगी, जब कोई मेरी बेइजती करेगा या कोई मुझे परेशान करेंगे, तो वो उसे कभी भी माफ नाही करेगी । इस बात पर अंजना कहती है, आपको क्या लगता है, ये सब आपका बेटा नही कर पायेगा क्या वो आप के लिए दूसरो से नही लड़ेगा। अमित कहता है नहीं नहीं, मेरे कहने का ये मतलब नहीं है, बेटी अपने बाप से जो प्यार करती है, फिक्र करती हैं I 

  अपने बाप की इज्जत को कभी भी टेच नही पहुंचाती, बाप के मान, समान का हमेशा खयाल रखती है, ये सब एक बेटी ही कर सकती है, बेटे से तो हम सिर्फ उम्मीद ही रख सकतीं है । लेकिन बेटी पर तो हमें पूरा विश्वास होता है, कि वो कभी भी अपने माँ बाप को परेशान नही करेगी और नाही कभी किसी भी बात का दुःख पंहुचने देगी I अगर मुझे बेटी होगी तो, मुझे गर्व होगा इस बात का की मैं एक बेटी का पिता बनूँगा । फिर अंजना कहती है, बेटी तो शादी करके अपने ससुराल चली जायेगी,  बेटा होगा तो हमे पूरी जिन्दगी उसका सहारा मिलेगा, अमित कहता है, हाँ बेटियों को तो एक दिन ससुराल जाना हि है, पर चाहे वो कही भी जाये, लेकिन हमेशा हम उसके दिल में, और वो हमारे दिल में रहेगी, पर इस बात का बहोत दुःख होगा कि वो हमें छोड़ कर अपने पत्ती के साथ जायेंगी I 

  हम चाहे अपने बेटे से कितना हि प्यार क्यूँ ना करें, लेकिन जिस तरह एक बेटी अपने माँ-बाप से प्यार करती है, वो कोई और नही कर सकता I

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