पैंतालीस साल कि संध्या गर्भवती महिलाओं की स्पेशलिस्ट डॉ प्रिया इनके हॉस्पिटल में गई, और वहाँ बैठकर अपनी बारी आने का इन्तज़ार कर रही थी। संध्या दिखने में सिधी-साधी गोरा रंग, लंबे काले घने बाल, फटी पुरानी साड़ी पहनकर आई हुई थी I उस हॉस्पिटल में और भी बहोत से गर्भवती महिलायें आये हुए थे, बाकी महिलाएं संध्या से बहोत कम उम्र की थी, उनके साथ कोई ना कोई था, किसी ने अपने साथ पति को लाया था, तो कोई अपनी माँ के साथ आई थी। पर संध्या अकेली आई हुई थी, उसे बहोत बेचैनी हो रही थी, क्यूंकि वहाँ आए हुए सभी औरतो में सिर्फ़ संध्या ही ज्यादा उम्र वाली थी, और उसे डर लग रहा था की, कहीं कोई पहचान का व्यक्ती ना मिल जाये इसलिए, अपने साडी के पलु से चेहरा छुपाते हुए संध्या एक कोने में बैठी थी, वो बहोत परेशान लग रहीं थीं ।
बहोत देर इन्तेज़ार करने के बाद संध्या का नंबर आया, संध्या डॉ साहिबा के केबिन में गई, डॉ ने कहा बैठीए आंटी कहिए आपको जो भी तकलीफ़ हैं, आप मुझे खुल के बता सकती है। डॉ ने जब आंटी कह कर पुकारा तो संध्या को अपने पन सा लगा, संध्या थोड़ा डरी हुई थी, फिर भी हिम्मत करते हुए अपना हाथ आगे बढाया, हाथ में रूमाल थी, और रूमाल में प्रेग्नेंसी कीट थी, और वो डॉ के सामाने रख दी, उस कीट में दो लाल रंग की रेखाए दिख रही थी, रिझल्ट पॉझिटिव्ह था। डॉ ने संध्या से पूछा कि कितने महिने हुए है ? संध्या खबराते हुए कहने लगी, लगभग दो ढाई महिने हो गए हैं I पिछले दो महीने से पिरियड नहीं आये, इसलिये मैंने दो दिन पहिले घर में टेस्ट किया तो, रिझल्ट पॉझिटिव्ह आया, इसलिए मैं आज आप के पास आई हूँ I
डॉ मुझे ये बच्चा नही चाहिए, हिच किचाते हुए…
डॉ ने कहा आप अपना नाम बताइए, उसने धिरे आवाज में कहा संध्या डॉ ने नर्स से कहा की तुम इनका बल्ड प्रेशर और बी पी चेक करना I नर्स ने संध्या से कहा आप यहा आइए, बेड पर लेट जाइए, नर्स ने बल्ड प्रेशर, बी पी चेक किया तो वो नॉर्मल था, जब हार्टबीट चेक किया तो हार्ट बीट रेट ज्यादा था, नर्स ने डॉ को बताया, डॉ ने कहा आंटी आपको सोनोग्राफी और बाकी के टेस्ट करवाने होंगे । इस बात पर संध्या कहने लगी कि, डॉ मुझे ये बच्चा नही चाहिए, हिच किचाते हुए डाँ ने पूछा क्या आप मुझे इसका कारण बता सकती है कि, आप को ये बच्चा क्यूँ नही चाहिए I संध्या कहने लगी कि मैं एक गरीब परिवार से हूँ, दो वक्त कि रोटी के लिए दिनभर मेहनत करती हूँ, वैसे भी मुझे पहले से ही तीन बेटिया और एक बेटा हैं, बस आप मुझे कोई दवाई दीजिए जिसे ये बच्चा गिर जाये I
डॉ ने कहा कि आप फिर से वहाँ जाकार लेट जाइए, संध्या के चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था । संध्या बेड पर लेट गई फिर डॉ साहिबा आकर पेट पर हाथ रख कर चेक करने लगी, डॉ हैरान हो गई और उस नर्स के कान में कुछ फुस फुसाया फिर अपनी जगह पर जा बैठी। नर्स आई उसने प्रेग्नन्सी किट लाकर संध्या को थमाया और कहने लगी, यहाँ बाजू मे वॉश रूम है, आप वहाँ जाकर टेस्ट कर के आइये । इस बात पर संध्या बहोत खबरा गई और कहने लगी, टेस्ट कि क्या जरूरत है, वो तो मैं घर से करके आई हु, और डॉ साहिबा को भी दिखाया है I इस पर नर्स कहने लगी ठिक है आप जाकर मॅडम से हि बात किजीए, संध्या डॉ के पास आ कर कहने लगी, डॉ साहिबा टेस्ट तो मैंने किया है, और आप को दिखया भी है I डॉ कहने लगी, आप एक बार फिर टेस्ट किजीये टेस्ट के बाद सोनोग्राफि किरेंगे इसके बाद हि कुछ कर पायेगे।
डॉ को संध्या पर शक होने लगा, जरूर संध्या कुछ…
संध्या हात जोडकर कहने लगी मैं आप से विनंती करती हूँ, कृपया मुझे गोलीया लिख दिजीये, ज्यादा टेस्ट करवाने मत लगाइये, इन फुजूल के टेस्ट के लिए पैसे नहीं है मेरे पास, मुझे ये बच्चा नही चाहिए। डॉ को संध्या पर शक होने लगा, जरूर संध्या कुछ तो छुपा रही है, इसलिए डॉ प्रिया ने संध्या से कहा कि आप परेशान मत होइए, आप जो दवाई मांग रहीं हैं, अभी तो वो मेरे पास नहीं है, आप एक काम कीजिए अपना फोन नंबर और घर का पता नर्स के पास दे देना मैं आपकी दवाइया माँगावा कर आपको बता दूंगी, आप आकर ले जाना I संध्या अपना पता और फोन नंबर नर्स के पास लिख कर चली जाती हैं I डॉ प्रिया अपने सभी पेशन्ट चेक करने के बाद बिंदिया से मिलती हैं, बिंदिया उस हॉस्पिटल में सफाई कर्मचारी थी, जो वहा साफ सफाई का काम करती थी। बिंदिया को संध्या का पता दिखाया और पूछा क्या तुम संध्या को पहचानती हो ? या कोई तुम्हारे पहचान का है, जो संध्या को जानता हो।
बिंदीया ने कहा हाँ मॅडम मेरे घर के पिछे बिमला रहती है, शायद इस पते पर बिमला का मायका है, वो इसी पहचानती होगी। क्यूँ क्या हुआ मॉडम ? आप क्यूँ पूछ रही हो इतना, मुझे इस पर शक है, मुझे लगता है ये कुछ छुपा रही है, क्या तुम जाँच कर के मुझे बता सकती हो क्या ? क्यूँ नही मॉडम जरूर आप रुकिए, बिंदिया ने बिमला को फोन कर पूछा, जो जानकारी बिमला ने दी वो बहोत हैरान करने वाली थी I बिंदिया ने बताया कि, संध्या के पति की छह महिने पहले ही एक एक्सीडेंट में मौत हो गई हैं, और संध्या दूसरों के घर में काम कर अपना गुजारा करती हैं I ये सुन डॉ प्रिया एकदम हैरान रह गई, कुछ देर शांत रही और बिंदीया से कहा अच्छा ठिक है, तुम जाओ । डॉ प्रिया सोचने लगी अगर संध्या का पति इस दुनिया में नही है, तो वो खुद को प्रेगनेन्ट क्यूँ बता रहीं हैं, जरूर कोई बात है।
मॅडम मैं प्रेगनेन्ट हुँ संध्या ने घबराते हुए कहा…
दुसरे दिन डॉ संध्या को फोन कर कहती है की, मैंने आपकी दवाईया मांगवाली है, आंटी आप आ कर ले जाइए I संध्या दवाइया लेने हॉस्पीटल आती है, डॉ कहती हैं आइये बैठीए मैं आप का ही इन्तज़ार कर रही थी। संध्या कहती है, दवाईया दिजिए मुझे घर जल्दी जाना है, डॉ कहती हैं देखीए आंटी कल जब मैंने खुद आपका चेकअप किया तो मुझे पता चला कि आप प्रेगनेन्ट नहीं है, नहीं नहीं मॅडम मैं प्रेगनेन्ट हुँ संध्या ने घबराते हुए कहा, देखीए आंटी मैं एक डॉ हुँ, मैं हर रोज बहोत से पेशन्ट चेक करती हुँ मुझे पता चलता हैं कि, कौन प्रेगनेन्ट है, और कोन नहीं आप मुझसे झूठ नहीं बोल सकती I आप जो दवाई लेने आई हैं, वो किस के लिए चाहिए मुझे बताईये I ये दवाइयां मैं आप को ऐसे ही नहीं दे सकती, आप नहीं जानती कि, इस दवाई से साईड इफेक्ट भी हो सकता हैं, और भविष्य में वो कभी भी माँ नहीं बन सकती I
ये सुन संध्या रोने लग गई, डॉ ने कहा कि आंटी आप मुझ पर विश्वास रखिए मैं आपकी परेशानी दूर कर सकती हुँ, आप मुझे पूरी बात बताई ये क्या हुआ है? आप ऐसी गोलीया किस के लिए ले रही है, शायद मैं आपकी कोई मदत कर पाऊँ । संध्या कहने लगी, की मॅडम मैं गरीब घर से हूँ, मेरे माँ बाप ने मेरे शादी में ज़्यादा दहेज नहीं दिया था l इस वज़ह से नाराज होकर मेरे सास ससुर, और नणंद मेरे साथ हर रोज मार पिठ करते थे, जब मैंने उनका विरोध करके अलग रहना चहा तो, उन्हों ने रहने नही दिया I नणंद कि शादी हो गई और वो अपने घर चली गई, ऐसे ही मैंने उनके साथ 38 साल गुजारे और कुछ साल पहले सास, ससुर का भी निधन हो गया, अब जाके जिंदगी से थोड़ा परेशानी कम हो गई थी, अब बच्चे बड़े हो गए थे उनकी फिक्र थी I
मेरी बेटी ये कहते हुए संध्या जोरो से रोने लगी…
मेरे पति थे तब ही मेरी दोनों बेटियों की शादी हुई थी, बड़ी बेटियां ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं, क्योंकि ससुर जी का कहना था कि, ल़डकियों को तो शादी के बाद रसोई संभालनी होती हैं, इन्ह पर क्यूँ पैसा खर्च करे I लेकिन मेरे पति चाहते थे कि मेरी छोटी बेटी पढ़ लिख कर कुछ बने, अपने दादा जी की बात को गलत साबित करे I वो अच्छे से पढ़ाई भी करती थी, लेकिन अचानक पति की मौत हो गई , अब घर कि और छोटी बेटी और बेटे के पढ़ाई कि जिम्मेदारी मुझ पर ही थी। मैं पैसे कमाने घर से बाहर निकाल गई, मुझे क्या पता था कि पति के मरने के बाद मुझे ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा मेरी बेटी ये कहते हुए संध्या जोरो से रोने लगी I डॉ ने समझाया कि आप पहले शांत हो जाइए, पीने पानी दिया कहा कि आप रोना बंद करे, मुझे पूरी बात बताइए क्या हुआ ? आपके बेटी को ।
संध्या अपने दिल पर पत्थर रख कर कहने लगी कि, मेरी बेटी अभी सिर्फ 19 साल की है, वो कॉलेज जाती है पढने के लिए उसके पापा का सपना था कि उन्हकी बेटी पढ़ लीखकर कुछ बन जाये, लेकिन मेरी बेटी उसके कॉलेज के एक लड़के से प्यार कर बैठी और पता नही कब कैसे हुआ, अब वो ढाई महिने के गर्भवती है, मैं तो पूरा दिन घर से बाहर अपने बच्चों के लिए कमाने जाती हुँ, अपने बच्चों कि जरूरत पूरी करने, ताकि उन्हें किसी चीज़ की कमी ना हो इसलिए I मैं तो सपने में भी सोच नही सकती थी कि, मेरी बेटी ऐसा कुछ करेंगी, पिछले दो महिने से उसे पिरियड्स नहीं आये, जब मैंने जोर देकर उसे पुछा तो उसने बताया की, वो एक लड़के से प्यार करती है I
मैं तो कही मुंह देखने के काबिल नहीं बची…
तब मैंने घर में ही प्रेग्नेन्सी किट लाकर चेक करावाया तो पता चला कि वो प्रेगनेन्ट है। और मैं उसे यँहा नहीं ला सकती थी, इसलिए मैंने खुद को ही गर्भवती बताया, अगर उसे मैं यहा लाती तो हमारी बहोत बदनामी होती I मैं आपके आगे हात जोडती हूँ मॅडम कृपया करके कुछ किजिये, वर्ना मैं तो कही मुंह देखने के काबिल नहीं बची I अब मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहा I मेरे बेटी ने मुझे कही मुह देखने के काबील नहीं छोड़ा । ये सुन डॉ प्रिया भी रोने लग गई, उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था की, क्या करें क्या उस लड़के के साथ उसके शादी करवाये जीस का ये बच्चा है, या फिर इस बच्चे को इस दुनिया में आने ही ना दे, या फिर पुलिस को खबर कर दे I डॉ उदास होकर कहने लगी, की आंटी मुझे कुछ भी समझ नहीं रहा कि क्या करें? मैं आपकी किस तराह से मदत करू I
बच्चो को पालने में माँ-बाप अपनी पूरी जिन्दगी लुटा देते है, वही बच्चे बड़े हो कर माँ-बाप को उनके लाड-प्यार का, उनके मेहनत का ये सिला देते है। ना तो वो जि सकते है, ना ही मर सकते हैं, मैं आपको साफ-साफ बता देती हूँ, की ये पूरी तरह से गर्भपात करने का प्रकार है, और ये न्याय नहीं। गर्भपात करना ये एक कानूनी अपराध है, अगर दवाइया खायेगे तो ये आपके बेटी के लिए बहोत नुकसान दायक हो सकती है, और जब की मैंने अभी तक आपके बेटी को देखा भी नहीं हैं I आप ऐसा किजीए आप अपनी बेटी को मुझसे मिलवाइये, मेरे पहचान के एक पोलीस ऑफिसर है, अगर आप कह तो मैं उनसे बात करती हूँ, संध्या हाथ जोड़ कर वहाँ से चली गई I उसके बाद वो वहाँ दुबारा नहीं आई, डॉ प्रियाने संध्या का बहोत इन्तेज़ार किया, पर वो नहीं आई ।
हमें यकीन है कि बच्चे कभी भी गलत रास्ते पर नही जायेगे…
पता नही आगे क्या हुआ, वो कहा चली गई और किस तरहा से उसने अपने बेटी को संभाला, पता नहीं लोगो ने उसके साथ और उसके बेटी के साथ कैसा व्यवहार किया होगा । फिर कुछ महिने बाद इसी हॉस्पीटल के गेट के बाहर एक नवजात शिशु लावारिस हालात में मिला। कोई भी माँ ये नहीं चाहती कि उसके बच्चे ऐसा कुछ करे, हर माँ को अपने बच्चों के लिए वक्त निकलना चाहिए, उस पर ध्यान देना चाहिए, इस उर्म में बेटी के साथ माँ को एक सहेली कि तरहा रहना चाहिए I ऐसी सहेली जिस से वो दिल खोलकर बात कर सके, जिस तरह एक सहेली अपने दुसरी सहेली को समझाती है। अक्सर इस उर्म मे आकर बच्चों से ऐसी गलती होती है, पर माँ-बाप अपने बच्चों से खुल कर बात करेगें, दोस्त बनकर तो हमें यकीन है कि बच्चे कभी भी गलत रास्ते पर नही जायेगे।