हैंडसम स्टाइलिश और हट्टे कट्टे नौजवान एक ऐसा अदाकार जिसके चेहरे पर रहस्य में मुस्कान रहती, उनकी आंखों में शरारत दिखती थी, इन्होंने जीस प्रेमिका के लिए अपने बिवी को छोड़ा, उसी प्रेमिका ने इन्हें बीच रास्ते में छोड़कर किसी और के साथ अपना घर बसा लिया I इस अदाकार के कामयाबी का आलम यह था कि, 70 के दशक में महंगी फेस चार्ज करने वाले अदाकारों में से एक थे, “पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से गोल्ड मेडल” हासिल कर, वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में चमकता सितारा बन कर उभरा, और एक फिल्म में एक वक्त के फ्लॉप अदाकार अमिताभ बच्चन के साथ खड़े होने से भी मना कर दिया था I
लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया कि इस कामयाब अदाकार को अपने मुश्किल दिनो में उसी फ्लॉप अदाकार अमिताभ बच्चन से मदद लेनी पड़ी, फिर अमिताभ बच्चन ने अपना दिल बड़ा रखते हुए अपनी एक फिल्म में छोटा सा रोल दे दिया I एक वक्त में इस अदाकार को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ लग जाती थी, उसी अदाकार को उसके सगे भाई ने घर से बाहर निकाला, इनकी दूसरी पत्नी के मौत के बाद इन पर लगे हुए गंभीर आरोप की वजह से सालों तक इन्हें जेल में जिंदगी बितानी पड़ी I
आज हम जानेंगे 60 और 70 के दशक के एक ऐसे मशहूर अदाकार “नवीन निश्चल” के बारे में, दिखने में गोरा रंग, ऊंचा कद, तीखे नैन नक्ष एक ऐसा खूबसूरत अदाकार, एक एक्टर बनने से पहले वो एक मशहूर मॉडल भी बने थे I हिंदी फिल्म इंडस्ट्री कि चमकती हुई दुनिया में “चढ़ते सूरज को सलाम करने और डूबते सूरज से किनारा करने” के किस्से जब सुनाए जाते हैं तब अदाकार नवीन निश्चल के का नाम सबसे पहले आता है I नवीन निश्चल के जिंदगी के साथ जुड़ी एक सच्चाई यह भी है, कि इन्हें किसी और ने नहीं बल्कि इन्होंने खुद ही अपनी कामयाब जिंदगी को बर्बाद कर दी, अपनी जिंदगी को बर्बाद कर के उसे तबाह करने के जिम्मेदार यह खुद है I
नवीन निश्चल का जन्म 18 मार्च 1946 को लाहौर में एक बंगाली परिवार में हुआ, नवीन की पढ़ाई बेंगलुरु में आर्मी स्कूल में हुई, बेहद स्टाइलिश और हैंडसम दिखने वाले नवीन निश्चल पहले मॉडलिंग कैरियर में अपना हाथ आजमाया और कामयाब मॉडल बने I 60 के दशक में नवीन निश्चल दिल्ली में “मिस्टर इंडिया” के कॉन्टेस्ट का प्राइमरी राउंड जीत कर अपने आखिरी राउंड के लिए मुंबई पहुंचे, तो अपने पिता की दोस्त और उस दौर के मशहूर डायरेक्टर मोहन सहगल से मुलाकात की I मोहन सहगल ने नवीन निश्चल को कहा कि वह पहले पुणे जाकर वहां फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन करा के एक्टिंग सिखकर आए, मोहन सहगल ने कहा कि हीरो बनने के सारी चीज़ें अच्छे से सीख कर मेरे पास आना I
नवीन निश्चल पुणे के “फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया” अपने बैच में टॉप करके गोल्ड मेडल लेकर वापस आए, मोहन सहगल नवीन निश्चल को दिए हुए वादे के अनुसार अपने आने वाली फिल्म में नवीन निश्चल को कष्ट किया, और 1970 में डायरेक्टर मोहन सहगल ने नवीन निश्चल को लेकर “सावन भादो” ये फिल्म बनाई, इस फिल्म में अदाकारा रेखा लीड रोल में थी, और उनकी भी यह पहली फिल्म थी I सावन भादो पर्दे पर आते ही छा गई, और इस फिल्म के बाद नवीन निश्चल के पास डायरेक्टर आफ प्रोड्यूसर की लाइन लग गई I
1971 में नवीन निश्चल के पांच फिल्में रिलीज हुई, जैसे कि “बुड्ढा मिल गया” “नादान” “संसार” “गंगा तेरा पानी अमृत” “परवाना” ऐसे सुपरहिट फिल्में शामिल थी I परवाना यह वही फिल्म थी जिसमें नवीन निश्चल और अमिताभ बच्चन एक साथ में थे, और इस फिल्म में निश्चल के मुकाबले में अमिताभ बच्चन बहुत ही छोटा सा नेगेटिव रोल निभाया था I कुछ फिल्मों में कामयाबी हासिल करने के बाद नवीन निश्चल के सर पर अपने काबिलियत का और अपने कामयाबी का घमंड, गुरुर इस कदर चढ़ गया कि परवाना फिल्म के प्रमोशन के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ फोटो निकालने से मना कर दिया था, क्योंकि उस वक्त अमिताभ बच्चन का फिल्मों में शुरुआती सफर था I
साला 1972 में फिल्म “विक्टोरिया नंबर 203” आई, और इस फिल्म ने पर्दे पर आते ही अपने जलवे बिखरे I 1 साल बाद 1973 में नवीन निश्चल की एक के बाद एक छह फिल्में आई, जिसमें से दो दर्शक आज भी पसंद करते हैं I पहले थी 1973 में आई फिल्म “धुंध” यह एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी, जिसका निर्देशन बी. आर. चोपड़ा ने किया था। फिल्म में नवीन निश्चल के साथ-साथ ज़ीनत अमान और संजय ख़ान भी मुख्य भूमिकाओं में थे, “धुंध” को अपनी रोमांचक कहानी और उत्कृष्ट अभिनय के लिए सराहा गया था।
1973 की दूसरी फिल्म “हंसते ज़ख्म” यह फिल्म महान अदाकार देवानंद साहब के बड़े भाई मशहूर डायरेक्टर चेतन आनंद ने बनाई थी, इस फिल्म में नवीन निश्चल के साथ चेतन आनंद की लविंग पार्टनर प्रिया राजवंश लीड रोल में थी I फिल्म हंसते जख्म के सेट का एक छोटी सी घटना काफी मशहूर हुआ था, नवीन निश्चल अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ देर रात तक पार्टी करते रहे, सुबह होते ही तैयार होकर शूटिंग के लिए सेट पर पहुंचे, इस फिल्म के डायरेक्टर चेतन आनंद ने नवीन निश्चल को देखा और देखते ही वह समझ गए, कि यह रात भर पार्टी कर कर आए हैं, नवीन निश्चल की हालत ऐसी थी के उन्हें चेतन आनंद ने एक खास किस्म के लेंस लगाकर शूटिंग करने का सोचा पर लेंस से भी कोई फायदा नहीं हुआ, और शूटिंग कैंसिल करनी पड़ी इस घटना से नुकसान हुआ वह अलग और इंडस्ट्री में बात फैल गई की नवीन निश्चल अपने काम के प्रति लापरवाह हो गए हैं I
मशहूर शायर, संगीतकार और डायरेक्टर गुलजार साहब ने अपनी पहली फिल्म “मेरे अपने” बना रहे थे, उस वक्त गुलजार साहब की पहली पसंद नवीन निश्चल ही थे, फिल्म मेरे अपने में जो रोल अभिनेता विनोद खन्ना ने निभाया है वो नवीन निश्चल को मिलने वाला था I इसके बाद मनोज कुमार की फिल्म “रोटी कपड़ा और मकान” और “दीवार” फिल्म में जो रोल शशि कपूर ने अदा किया है, वह भी पहले नवीन निश्चल को ही मिलने वाला था I इन दोनों ही फिल्मों में महानायक अमिताभ बच्चन है जिन्हें एक वक्त में अपने घमंड और गुरुर में डूबे हुए नवीन निश्चल ने अपने मुकाबले में बहुत ही छोटा और कमजोर कलाकार मानते थे, इसी वजह से नवीन ने इन फिल्मों में काम करने से मना किया I”रोटी कपड़ा और मकान”और “दीवार” जब ये फिल्में पर्दे पर आए तो इस कदर पर्दे पर छाई कि लोग बस देखते ही रह गए I इन दोनों फिल्मों ने पर्दे पर तहलका मचा दिया, और इन फिल्मों की कामयाबी देखने के बाद नवीन निश्चल को अपने गलती पर बहुत पछतावा हुआ I
नवीन निश्चल ने जिस तेजी से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाया फिल्मों में कामयाबी शोहरत और इज्जत हासिल की थी, उसे कई ज्यादा तेजी से उनकी कामयाबी और शोहरत उन्हें छोड़कर जाने लगी, इसका कारण ये रहा कि यह अपने साथी कलाकार का अपमान करते थे, शूटिंग के दौरान बहाने बनाना, गलत आदतें, नशे में डूबे रहना और डायरेक्टर प्रोड्यूसर के बातों को ना मानकर उन्हें नजर अंदाज करना I नवीन निश्चल के बारे में यह भी कहा जाता है कि कई बार उन्होंने रिपोर्टर की भी इंसल्ट की है और इसी के चलते रिपोर्टर ने नवीन निश्चल के बारे में खबरें छापना ही छोड़ दिए, और एक वक्त ऐसा भी हुआ कि मुंबई के मेट्रो थियेटर में एक फिल्म के प्रीमियर पार्टी में नवीन निश्चल अपने बड़े से गाड़ी से उतरे तब मीडिया वाले उनकी तरफ उनकी फोटो लेने दौड़े पर जैसे उन्हें पता चला कि यह नवीन निश्चल है तब फोटोग्राफर ने अपने कैमरा नीचे किया I
नवीन निश्चल की निजी जिंदगी :
यूं तो नवीन निश्चल की जिंदगी में कई औरतें आई और नवीन कपड़ों की तरह लड़कियां बदलते रहे, फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले ही नवीन निश्चल ने मशहूर अदाकार देवानंद साहब की भाजी और शेखर कपूर की बहन नीलू कपूर से शादी की थी, और नीलू से नवीन निश्चल को दो बेटियां हुई “नताशा और नोमिता” और इसी नाते देवानंद साहब से नवीन निश्चल का करीबी नता बन गया I इसी के चलते डायरेक्टर चेतन आनंद ने अपनी फिल्म “हंसते ज़ख्म” में अपने लविंग पार्टनर प्रिया राजवंश के साथ कास्ट किया था, धीरे-धीरे यह सब बदलने लगा, क्योंकि नवीन निश्चल उस वक्त अपने साथी मशहूर अदाकारा पद्मिनी कपिला से नजदीकियां बढ़ गई, इन दोनों के नजदीकी ये इतनी बढ़ गई कि साल 1976 में नीलू कपूर और नवीन निश्चल के बीच तलाक हो गई I
अफसोस की बात यह है कि जीस अदाकारा के लिए नवीन निश्चल ने अपनी पत्नी को तलाक दे दी, उसी अदाकारा ने एक दूसरे मर्द के लिए नवीन निश्चल को बीच रास्ते छोड़कर चली गई, वह दूसरे मर्द कोई और नहीं बल्कि उस दौर के मशहूर फिल्म डायरेक्टर प्रकाश मेहरा थे जिसके साथ पद्मिनी कपिला ने घर बसा लिया था I पद्मिनी कपिला के बाद नवीन निश्चल की जिंदगी में एक और औरत आई और इसका नाम पूमा था, यह पहले से ही शादीशुदा थी और दिल्ली में अपने पति को छोड़ नवीन निश्चल के साथ लिविंग रिलेशन में रहने लगी I कुछ ही दिनों बाद नवीन और पूमा में किसी बात को लेकर बहस शुरू हुई, अनबन होने लगी, तब पूमा नवीन निश्चल को छोड़ अपने पति के पास वापस चली गई I पूमा के चले जाने के कुछ दिनों बाद नवीन के जिंदगी में एक और औरत आई और वह भी तलाक शुदा उसका नाम गीतांजलि था, मुलाकात के कुछ दिनों बाद ही गीतांजलि और नवीन निश्चल ने शादी कर ली I
1980 से ही नवीन निश्चल अपने भाई प्रवीण निश्चल के साथ मुंबई के खारघर में रहते थे, और अपने शादी के बाद गीतांजलि को भी उन्होंने अपने भाई के घर ही ले गए, पर कुछ सालों बाद फरवरी 2006 में प्रवीण निश्चल ने अपने भाई को उसकी पत्नी के साथ अपने घर से बेदखल कर दिया I इसकी वजह यह थी कि दोनों भाइयों के बीच काफी जबरदस्त झगड़ा हुआ था, इसके बाद एक हादसा ऐसा हुआ जिसे सब कुछ हिला कर रख दिया, प्रवीण के घर से निकलने के ठीक 3 महीने बाद नवीन निश्चल की पत्नी गीतांजलि की मौत हो गई, मौत से पहले गीतांजलि ने एक खत लिखा था जो उनके मरने के बाद मिला I
गीतांजलि ने उस खत में अपने पति नवीन निश्चल और उनके भाई प्रवीण पर बहुत संगीन अरोप लगाए, उन्होंने यह लिखा था नवीन उनके साथ ऐसा बर्ताव करते हैं, जैसा कोई जानवरों के साथ भी ना करें, नवीन शराब पी कर पूरी तरह से जानवर बन जाते, और खूब मारते I गीतांजलि का लेटर मिलाने के बाद पुलिस ने नवीन को और उनके भाई प्रवीण निश्चल को अरेस्ट कर लिया, और काफी लंबे समय तक अदालत में यह कैसे चलता रहा, और इसी के साथ काफी सालों तक नवीन निश्चल को अपनी जिंदगी जेल में बितानी पड़ी, कुछ सालों के बाद नवीन निश्चल बेल लेकर जेल से बाहर आए I
अपने काम और काबिलियत से नवीन निश्चल ने जो कुछ अपनी जिंदगी में हासिल किया था, पर अफसोस वह सब अपने गलतियों से गवा बैठे, किसी तरह से नवीन निश्चल अपनी जिंदगी गुजर रहे थे, वह फिर से फिल्मों में काम पाने के लिए यहां वहां हाथ पैर मरने लगे I फीर टेलीविजन पर काम करना शुरू किया वह दूरदर्शन पर दिखाई देने वाले कई टीवी सीरियल में काम किया, जैसे “रिश्ते नाते” “देख भाई” “आहट” “दाल में कला” “फरमान” “चूड़ियां” “आशीर्वाद” यह टीवी सीरियल मौजूद थे I
19 मार्च 2011 को नवीन निश्चल अपने दोस्तों के साथ होली का त्योहार सेलिब्रेट करने फोर व्हीलर से जा रहे थे, वो कार में फिल्म डायरेक्टर गुरदीप सिंह और अदाकार रणधीर कपूर के साथ वह मुंबई से पुणे जा रहे थे, कुछ घंंटों का सफर तय करने के बाद नवीन निश्चल ने गुरदीप सिंह से कार का A.C बंद करने को कहा, A.C. बंद करने के कुछ ही पल बाद नवीन को दिल का दौरा पड़ा और जगह पर ही उनकी मौत हो गई I फिल्म इंडस्ट्री में नवीन निश्चल को उनकी शानदार एक्टिंग और बहुत से चर्चाओं में गिरे रहने के वजह से रहती दुनिया तक याद किया जाएगा I
जब भी कहीं इस अदाकार की बात की जाएगी तब उसे सुनने वाले को इसे सबक हासिल होगा, कि हमें किस तरह से अपनी जिंदगी को गुजराना है, और अपनी जिंदगी में औरतों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए I किस गलतियों से सबक हासिल करना चाहिए, सफलता और कामयाबी को कभी भी अपने आप पर हावी होने नहीं देना चाहिए, और किसी के साथ भी जाति या बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बात कोई नहीं जानता कि कब जिंदगी करवट लेकर पसा पलट दे, और जिंदगी तबाह कर दे क्योंकि इस दुनिया में सब कुछ हमेशा के लिए नहीं रहता I हमने जो कुछ भी इस दुनिया में पाया है हासिल किया उससे यही छोड़कर जाना है, अपनी कामयाबी और शोहरत पर कभी घमंड और गुरुर नहीं करना चाहिए I