आज हम जानेंगे एक ऐसी बॉलीवुड इंडस्ट्री की अदाकारा के बारे में जिसने अपने 3 साल की फिल्मी करियर में बहुत नाम और शोहरत कमाई, दिव्या भारती ने क्यों 19 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री को किया अलविदा ? अपने चेहरे की खूबसूरती और मासूमियत से सबको अपना दीवाना बनाने वाली बॉलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री जिसे पढ़ाई लिखाई का इतना शौक नहीं था, जितना की उसे बचपन से एक्टिंग का और मॉडलिंग का शौक था I जिसने बहुत ही कम सालों में बहुत से हिट फिल्में इंडस्ट्री को दिए, उसे कहते थे कि वह अभिनेत्री श्रीदेवी की कार्बन कॉपी है, जो अपने समय की सबसे कामयाब हीरोइन कहलाती थी, इन्होंने बहुत ही छोटी उम्र में वह सब हासिल कर लिया था, जिसे हासिल करने में लोगों की पूरी जिंदगी गुजर जाती है, यह अपने दौर की सबसे छोटी उम्र लोकप्रिय अदाकारा थी I
बॉलीवुड इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत और सबसे छोटी उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली अदाकारा दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुंबई के मिडिल क्लास फैमिली में हुआ, उनका पूरा नाम दिव्या ओम प्रकाश भारती था I उनके पिता का नाम ओम प्रकाश भारती, और मां का नाम मीता भारती, ओम प्रकाश भारती ने दो शादियां की थी, मीता भारती यह उनकी दूसरी पत्नी थी, दिव्या यह उनकी दूसरी पत्नी की संतान है, दिव्या का एक छोटा भाई कुणाल और बहन पूनम भी थी I ओम प्रकाश भारती यह एक इंश्योरेंस ऑफिसर थे, दिव्या को बचपन से ही पढ़ाई में कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए 9th स्टैंडर्ड तक मुंबई के मानिक जी कॉपर हाई स्कूल से पढ़ाई की I
दिव्या ने अपनी पढ़ाई छोड़कर उम्र के महेज 14 साल में मॉडलिंग करियर की शुरुआत की, और अपनी चेहरे की खूबसूरती और मासूमियत से मॉडलिंग की दुनिया में उसने अपना मुकाम बनाया I एक वीडियो लाइब्रेरी में अभिनेता गोविंदा के बड़े भाई कीर्ति कुमार की नजर दिव्या भारती पर पड़ी, और दिव्या को देखते ही उन्हें अपने भाई गोविंदा के साथ अपनी फिल्म “राधा का संगम” में कास्ट करने का तय किया, कुछ दिनों बाद दिव्या से बात करके उन्होंने अपनी फिल्म के लिए दिव्या को साइन भी किया, लेकिन किसी वजह के चलते दिव्या को इस फिल्म से बाहर किया और दिव्या की जगह है जूही चावला को ले लिया I
एक बार फिर से किसी इवेंट के दौरान फिल्म निर्माता “नंदू तोलानी” की नजर दिव्या पर पड़ी, और उन्होंने साल 1988 में अपनी आने वाली फिल्म “गुनाहों के देवता” के लिए दिव्या को साइन किया, इस फिल्म से दिव्या अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाली थी, लेकिन फिर से किसी वजह से दिव्या को इस फिल्म से हटा दिया गया, और दिव्या की जगह पर “संगीता बिजलानी” को कास्ट किया I इसी तरह से दिव्या भारती ने कई बार ऑडिशन दिए, लेकिन हर बार नाकामयाबी ही उनके हाथ लगी I
मॉडलिंग करियर के 2 साल बाद जब दिव्या की उम्र 16 साल थी, तब साल 1990 में डायरेक्टर “डी रामा नायडू” ने अपनी तेलुगु फिल्म “Bobbili Raja” से दिव्या भारती को लॉन्च किया, इस फिल्म में दिव्या भारती तेलुगु फिल्मों के मशहूर एक्टर “डग्गुबाटी वेंकटेश” के साथ लीड रोल में थी I दिव्या भारती की यह पहली तेलुगू फिल्म सिनेमा में सुपरहिट फिल्म साबित हुए, इसके बाद दिव्या एक तमिल फिल्म में भी नजर आई, तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में दिव्या ने वहां के सुपरस्टार “चिरंजीवी” और “मोहन बाबू” के साथ भी काम किया, और दक्षिण की कामयाब और सुपरस्टार अभिनेत्री बनी थी, और उन्हें एक कामयाब हीरोइन की पहचान में मिली थी I
दिव्या भारती की कुछ तेलुगु फिल्मों के नाम इस प्रकार हैं:
- 1} बोब्बिली राजा (1990)
- 2} राउडी अल्लुडू (1991)
- 3} असेंबली राउडी (1991)
एक तरफ तेलुगु फिल्मों में अपनी एक्टिंग और अदाकारी से सबको अपना दीवाना बनाने वाली दिव्या भारती बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने का तय करती हैं, और साल 1992 में दिव्या भारती ने सनी देओल के साथ अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म “विश्वात्मा” की, और विश्वात्मा इतनी कामयाब हुई, कि आज भी इस फिल्म का गाना “सात समंदर पार” जगह-जगह पर सुनाई देते हैं I विश्वात्मा से दिव्या भारती को बॉलीवुड में बहुत कामयाबी मिली, विश्वात्मा के बाद दिव्या ने डायरेक्ट “लॉरेंस डी’सोसा” की फिल्म “दिल का क्या कसूर” इस फिल्म में पृथ्वी के साथ काम किया, लेकिन इस फिल्म को उतनी कामयाबी नहीं मिली, जीतनी की उनकी पहली फिल्म विश्वात्मा को मिली थी, लेकिन इस फिल्म के गानों को भी लोगों ने काफी पसंद किया I इसके बाद दिव्या ने “शोला और शबनम” में अभिनेता गोविंदा के साथ काम किया, और जब यह फिल्म परदे पर आए तब सुपरहिट साबित हुई I
शोला और शबनम के बाद “लक्स फेस ऑफ़ द ईयर” का टाइटल भी दिव्या ने अपने नाम किया, और इस फिल्म में गोविंदा के साथ दिव्या की जोड़ी को लोगों ने बहुत पसंद भी किया I आज के बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान ने भी दिव्या भारती के साथ ही अपने करियर की शुरुआत की थी, और साल 1992 में शाहरुख खान ने दिव्या भारती के साथ अपनी पहली फिल्म “दीवाना” से शुरुआत की थी, जिसमें ऋषि कपूर भी उनके साथ लीड रोल में थे, दिव्या को अपनी फिल्म दीवाना के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला I
इसके बाद एक बार फिर “दिल आशना है” में भी शाहरुख खान दिव्या भारती के साथ नजर आए, और इसमें अभिनेत्री “हेमा मालिनी, मिथुन चक्रवर्ती, जितेंद्र, डिंपल कपाड़िया” यह सपोर्टिंग एक्टर थे I 1992 यह वह साल था जिसने दिव्या भारती की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी थी, और यह उस वक्त सबसे लोकप्रिय और सबसे सक्सेसफुल अभिनेत्री थी I 1992 में दिव्या भारती ने बैक टू बैक 14 फिल्में इंडस्ट्री को दिए थे, जिसमें से 10 सुपरहिट साबित हुए I
दिव्या भारती की कुछ सुपरहिट हिंदी फिल्में इस प्रकार हैं:
- विश्वात्मा (1992)
- दीवाना (1992)
- शोला और शब्नम (1992)
- दिल ही तो है (1992)
- दुश्मन ज़माना (1992)
- गीत (1992)
- बलवान (1992)
- दिल की कहानी (1993)
- दिल अशना है (1993)
- वीरा (1993)
- शत्रु (1993)
- डीयर डई (1993)
- रंग (1993)
- बालवीर (1993)
- जीवन की शत्रु (1993)
ये उनकी हिट फिल्में थीं जो उन्हें कामयाबी के माध्यम बनाईं।
बॉलीवुड में कामयाबी मिलने के बाद दिव्या भारती का करियर बुलंदियों पर पहुंचा था, और इसी बीच दिव्या का नाम बहुत से अभिनेताओं के साथ जोड़ा गया, उस वक्त दिव्या को लाइफ में बड़ती कामयाबी के साथ बहुत से कंट्रोवर्सी का सामना भी करना पड़ा I एक बार शोला और शबनम के सेट पर फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला गोविंद से मिलने आते हैं, उस वक्त गोविंदा ने दिव्या की मुलाकात “साजिद नाडियाडवाला” से करवाई थी, जहां दिव्या और साजिद दोनों मैं दोस्ती हुई और दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई I कुछ वक्त बाद दिव्या और साजिद ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन दिव्या के इस फैसले से उसके परिवार वाले थोड़ा नाराज थे I
14 साल की छोटी उम्र में मॉडलिंग की शुरुआत की, और 16 साल की उम्र में दिव्या ने अपने करियर की शुरुआत की थी, और उम्र की महेज 18 साल में दिव्या ने 10 में 1992 को फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवा से शादी की, साजिद से शादी करने के लिए दिव्या ने अपना नाम और धर्म दोनों बदला था, दिव्या ने शादी के बाद अपना नाम “सना नाडियाडवाला” रख लिया था, अपनी शादी की बात दिव्या ने और साजिद ने कुछ वक्त तक मीडिया से और लोगों से छुपा के रखी थी I शादी के बाद भी दिव्या और साजिद अलग-अलग रहते थे, दिव्या मुंबई में वर्सोवा इलाके के तुलसी अपार्टमेंट में अपनी मेड के साथ रहती थी, और साजिद अपनी फैमिली के साथ रहते थे I
तुलसी अपार्टमेंट में 3 बेडरूम वाले बड़े से घर में दिव्या अपने मेड के साथ अकेले रहती थी, यह घर ना तो साजिद के नाम पर रजिस्टर था, और ना ही दिव्या के नाम पर, इस घर में दिव्या से मिलने उनके भाई कुणाल कभी कबार आते थे I 5 अप्रैल 1993 की सुबह दिव्या हैदराबाद में अपनी एक तमिल फिल्म की शूटिंग में बिजी थी, उस वक्त दिव्या हिंदी फिल्मों के साथ तमिल की फिल्में भी कर रही थी, अपनी फिल्म की शूटिंग पूरी कर दिव्या दोपहर को हैदराबाद से मुंबई अपने तुलसी अपार्टमेंट में आई, शूटिंग के दौरान दिव्या के पैर में मोच आई थी, तो घर आकर उन्होंने अपने पैर पर पट्टि बंधी I इस बीच दिव्या ने मुंबई में खुद की कमाई से अपना चार बेडरूम वाला नया घर खरीदा था, जिसकी वजह से वह बहुत खुश भी थी, दिव्या ने अपनी इस खुशी को अपने भाई कुणाल के साथ बाटी अपने भाई को फोन लगाकर अपने नए घर की बात बताई, अपने भाई के साथ-साथ उन्होंने यह बात अपने मां-बाप को भी बताई, यह बात सुन वह भी बहुत खुश हुए I
मुंबई जैसी बड़ी सिटी में अपना खुद का घर खरीदना यह दिव्या का ख्वाब था, और दिव्या ने अपनी मेहनत और लगन से इस ख्वाब को पूरा भी किया I 6 अप्रैल की सुबह दिव्या को फिल्म की शूटिंग पर जाना था, एक तरफ दिव्या के पैर में मोच आई थी, और दूसरी तरफ अपना नया घर खरीदने की खुशी भी थी, इसीलिए दिव्या ने डायरेक्टर से कह कर 6 तारीख की शूटिंग को 7 तारीख को रखने को कहती है, ताकि वह एक दिन आराम कर सके, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने भी मंजूरी दे दी I 5 अप्रैल की शाम को दिव्या की कॉस्टयूम डिजाइनर नीता लुल्ला का फोन आता है, नीता यह बहुत ही मशहूर कॉस्टयूम डिजाइनर थी, दिव्या ने अपनी सारी फिल्मों में इन्हीं की डिजाइन किए हुए कपड़े पहने हैं, और इसी बीच नीता और दिव्या में बहुत अच्छी दोस्ती भी हो गई थी I
फोन पर नीता कहती है कि उनकी आने वाली फिल्मों में कॉस्ट्यूम के डिजाइन के बारे में कुछ बात करनी है, तब दिव्या उनसे कहती हैं कि तुम घर पर आ जाओ घर पर ही हम कॉस्ट्यूम बारे में डिस्कस करेंगे, दिव्या की बात मान रात करीब 9:00 बजे नीता लुल्ला अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या के घर तुलसी अपार्टमेंट आती है I नीति के पति श्याम यह एक डॉक्टर थे, श्याम के साथ भी दिव्या की अच्छी दोस्ती थी, अब दिव्या के घर में चार लोग हैं, दिव्या, नीता, श्याम, और दिव्या की मेड, दिव्या की मेड हमेशा उनके साथ ही थी I बाहर डाइनिंग रूम में दिव्या नीता और श्याम यह तीनों अपने काम की बातें करते बैठे थे, और बातें करते हुए तीनों शराब भी पी रहे थे, और दिव्या की मेड किचन में उनके लिए खाने पीने का इंतजाम कर रही थी I
रात 9:00 बजे नीता और श्याम दिव्या के घर आए थे, और रात के करीब 11:00 बजे तक शराब पीते और बातें करते बैठे थे, इसी बीच दिव्या भारती उठकर किचन में चली जाती है जहां उनकी मेड उनके लिए खाना बना रही थी, इससे पहले भी दिव्या एक दो बार किचन में आई थी, फिर वह वापस जाकर नीता और श्याम के साथ बैठ जाती है, दिव्या भारती की यह मेड काफी लंबे समय से उनके साथ ही थी, वह घर में खाना बनाने के अलावा घर की देख रेख, साफ सफाई और बाकी काम भी करती थी I
दिव्या अपनी मेड से बहुत ज्यादा करीब थी, उन दोनों के बीच एक प्यारा सा अलग ही रिश्ता था, वह दिव्या से इतना ज्यादा प्यार करती थी कि उनकी मौत को वह बर्दाश्त ना कर सकी और दिव्या के मौत के एक महीने बाद ही हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई, अब यह पता नहीं की दिव्या की मेड की यह नेचुरल मौत थी, या किसी ने उन्हें मार कर हार्ट अटैक का बहन बताया, क्योंकि 5 अप्रैल के रात एग्जैक्ट क्या हुआ था यह सिर्फ उन्हें ही पता था, और वह उस वक्त वहां पर मौजूद थी I
दिव्या रात 11:00 बजे किचन में गई और जाकर किचन के खिड़की पर बैठने जा रही थी, दिव्या का घर पांचवें माले पर था, और जिस खिड़की पर दिव्या बैठ रही थी उसकी दीवार की लंबाई करीब 12 इंच थी, और उस वक्त दिव्या पूरी तरह से शराब के नशे में थी I अक्सर करके देखा जाता है कि मुंबई में फ्लैट्स में खिड़कियों में जाली लगा दी जाती है, ताकि कोई भी चीज गिरे ना, और खिड़कियों पर रबड़ का स्टॉपर भी रहता है, दिव्या के बिल्डिंग के नीचे एक पार्किंग लोट भी था, जहां पर हमेशा कई गाड़ियां पार्क रहती थी, लेकिन यह इत्तेफाक था या कुछ और कि उस रात एक भी गाड़ी उस पार्किंग एरिया में मौजूद नहीं थी, और ना ही उसे वक्त का खिड़की में रबड़ का स्टॉपर लगा हुआ था I
5 अप्रैल 1993 की रात को जब दिव्या जब अपने किचन के खिड़की में बैठ रही थी, तब उनका बैलेंस बिगड़ जाता है, और वह अपने पांचवें माले के फ्लैट से नीचे कंक्रीट के जमीन पर गिर जाती है, अगर उस रात वहां पर कोई गाड़ी पार्क होती तो शायद दिव्या बच जाती, पर अफसोस उस वक्त वहां पर एक भी गाड़ी मौजूद नहीं थी I जब दिव्या नीचे गिरी यह देख उनकी मेड ने जोरों से चिल्लाया, मेड की चिक सुन नीता और श्याम दौड़ते हुए किचन में आते हैं, और जब देखा कि दिव्या खिड़की से नीचे गिरी है, तब मेड नीति और श्याम यह तीनों भागते हुए नीचे आते हैं, और उनके साथ उनके 2 बॉडीगार्ड भी थे I जब यह लोग दिव्या के करीब पहुंचते हैं तब देखते हैं कि दिव्या के सर पर बहुत गहरी चोट लगी है, यह देख दिव्या को फौरन मुंबई के कोपर हॉस्पिटल लेकर आते हैं I
जब दिव्या को हॉस्पिटल लेजा रहे थे तब उनके सांसे चल रही थी, लेकिन जब इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुंचती है तब डॉक्टर ने कहा कि दिव्या नहीं रही, सर में गहरी चोट लगने के कारण दिव्या का काफी खून बह चुका था I दिव्या अब हमारे बीच नहीं रहे इस बात पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था, दिव्या भारती के मौत की बाद फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा गहरा शोक था, उनका असमय मौत एक बड़ी चौंकाने वाली खबर थी, जिसने उनके परिवार, दोस्तों, और फैंस को बहुत दुखी किया । दिव्या भारती वह एक प्रतिभाशाली और प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं, और उन्हें अपने अभिनय कौशल के लिए सार्वभौमिक सम्मान प्राप्त था। उनका निधन उन की चमकती फिल्मी करियर को अचानक खत्म कर दिया, जिससे बॉलीवुड उनकी यादों को सदैव याद करेगा।
दिव्या भारती के मौत के 5 सालों तक मुंबई पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन करके उनकी मौत की वजह ढूंढने की कोशिश की, लेकिन 5 सालों में ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे उनकी मौत की वजह पता चल सके, साल 1993 में हुई मौत के 5 साल बाद 1998 में दिव्या की मौत को मुंबई पुलिस ने एक हादसा बात कर केस को क्लोज कर दिया I इन्वेस्टिगेशन के दौरान मुंबई पुलिस को कुछ ऐसी बातें पता चली, जिसमें एक बात यह भी थी कि दिव्या की अपने पति साजिद के साथ कुछ वक्त से किसी बात को लेकर अनबन चल रही थी, इसके लिए उन्होंने अपना खुद का अलग घर लिया था, और वह उसमें रहना चाहती थी, और एक तरफ दिव्या की अपनी सास के साथ बिल्कुल नहीं जम रही थी, और इसी बीच साजिद के रिश्ते अंडरवर्ल्ड लोगों के साथ मिलने की खबर भी आने लगी, और इसी वजह से दिव्या और साजिद के रिश्ते में दूरियां आने लगी I
मुंबई पुलिस ने जब इन्वेस्टिगेशन करके यह जानने की कोशिश की कहीं यह किसी की साजिश तो नहीं, क्योंकि उस वक्त साजिद की अंडरवर्ल्ड के लोगों से मिलने की खबर भी आ रही थी, या कहीं किसी ने सोच समझ कर प्लान बना कर दिव्या भारती का मर्डर तो नहीं किया I लोग ऐसा भी कहने लगे कि साजिद के साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी ठीक नहीं चल रही थी, और इसलिए दिव्या ने शराब को अपना साथी बनाया और खुदकुशी कर ली I लेकिन एक तरफ डॉक्टर के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक दिव्या ने काफी हद तक शराब पी रखी थी, और वह खिड़की पर बैठने जा रही थी, जिसके चलते वह खुद को संभाल न सकी और वह खिड़की से नीचे गिर गई, और हॉस्पिटल जाते वक्त उनका काफी खून बह गया था, इस वजह से उनकी मौत हो गई I और इस तरह से हिंदी फिल्म जगत की सबसे लोकप्रिय अदाकारा जिसने अपने सिर्फ 3 साल के करियर में बहुत नाम, इज्जत और शोहरत कमाई थी, जिसे कमाने में लोगों की पूरी जिंदगी निकल जाती है, यह 90 के दशक की सबसे कम उम्र की कामयाब अदाकारा थी I
दिव्या ने अपने 3 साल के करियर में बहुत मेहनत की थी, जिसके चलते उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को 3 साल में 21 हिट फिल्में दिए, “रंग” और “शतरंज” इन दो फिल्मों की शूटिंग दिव्या भारती ने पुरी की थी, और उनके मौत के बाद यह दो फिल्में रिलीज हुई, और कुछ फिल्मों की 80% शूटिंग दिव्या ने की थी, उनके बाद इन फिल्मों को दूसरे हीरोइन को लेकर पूरी की गई, जिसमें “लाडला” मूवी का जिक्र आता है, लाडला मूवी की शूटिंग आधे से ज्यादा पूरे हो चुकी थी, लेकिन दिव्या की मौत के बाद अभिनेत्री “श्रीदेवी” को लेकर इस फिल्म की शूटिंग पूरी की गई, ऐसे और भी कुछ फिल्म थे जो दिव्या ने साइन किए थे, पर अधूरी रह गई, और बाद में इसे दूसरी अभिनेत्रीओं के साथ पूरा किया गया I ऐसे ही एक तेलुगू फिल्म “थोली मुंधु” की भी शूटिंग आधी हो चुकी थी, बाद में इस फिल्म में दिव्या भारती की जगह अभिनेत्री रंभा को लेकर फिल्म की शूटिंग पूरी की गई, ऐसा कहा जाता है की रंभा की शक्ल दिव्या भारती से काफी मिलती-जुलती थी I
दिव्या भारती की यह कुछ अधूरी फिल्मों के नाम कुछ इस प्रकार :
- लाडला (1994) – दिव्या भारती का काम अभिनेत्री श्रीदेवी ने पूरा किया।
- रंगीला राजा (1995) – अपूर्व अग्निहोत्री ने दिव्या भारती की जगह ली थी।
- उन्हें कट के रखा (1996) – सोनाली बेंद्रे ने दिव्या भारती की जगह काम किया था।
- दिल तेरा आशिक़ (1999) – राणी मुखर्जी ने दिव्या भारती की भूमिका की थी।
- चाये के धाम (2000) – आशिष चौधरी ने इस फिल्म में उनकी जगह ली थी।
ये कुछ फिल्में हैं जिनमें दिव्या भारती का काम पूरा नहीं हो सका और उनकी जगह दूसरे अभिनेत्रीओं ने ली थी।
दिव्या भारती के जिंदगी पर एक बायोपिक फिल्म बनने वाली थी, उस फिल्म का नाम “लव बिहाइंड द बॉर्डर पाइप” यह था, लेकिन यह फिल्म बनी नहीं इसका काम वहीं पर रुक गया I इस तरह से दिव्या भारती ने अपने मेहनत को अपने करियर को एक बुलंद मुकाम पर पहुंचाया, और ऐसी मेहनती, खूबसूरत, जवान और अपने वक्त की सबसे लोकप्रिय अदाकारा दिव्या भारती अपने 18 साल की उम्र में शादी की और उम्र के महज 19 साल में अलविदा कह कर इस दुनिया से चली गई I
यह थी दोस्तों सबसे कम उम्र की कामयाब अदाकारा “दिव्या भारती” के जीवन का परिचय I