गांव के सरपंच से लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर जमीन से जुड़े नेता महाराष्ट्र के राजनीति के मिसाल थे, आज हम जानेंगे भारत सरकार के 15 के लोकसभा के मंत्रिमंडल में बड़े उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम में मंत्री बने, एक ऐसे नेता के बारे में जिसे I जिनका जन्म 26 मई1945 को महाराष्ट्र राज्य के बाभळगाव के छोटे से गाँव में हुआ था, उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार था, जिसमें परिश्रम और ईमानदारी की गहरी जड़ें थीं, उनके पिता का नाम दगडूजीराव देशमुख था और वह भी एक जिम्मेदार नागरिक और अपने क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति थे। उनकी मां का नाम सुशीला देवी था, दगडूजी राव को पांच बच्चे थे जिनमें सबसे बड़े विलासराव, फिर एक बहन नलिनी फिर विजय, और उनके एक छोटे बेटे दिलीप राव था I
हैदराबाद राज्य में विलासराव जी के दादा राजस्व अधिकारी थे, और राजस्व एक करने के लिए न्याय सीमा में कानून और व्यवस्था स्थित करने के लिए देशमुखी अधिकार रखते थे। दगडूजी राव को उनके दादा के बाद वंशानुगत अधिकार मिले, लेकिन भारत में हैदराबाद राज्य के विलय के कारण दादा की बराबरी में उनका औधा काम था। लेकिन वे अपने जन्म सिद्ध गांव के ग्राम प्रधान थे जो उस वक्त उस्मानाबाद जिले में था, साल 2000 के आखिर में उनका निधन हुआ I
दगडूजी राव से पहले सुशीला देवी यानी विलासराव जी की माता जी का निधन हुआ था, विलासराव जी के बहुत से संस्थाओं के नाम उनके नाम पर रखा गया है, विलासराव देशमुख के छोटे भाई दिलीपराव देशमुख यह महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं और 2000 लेकर 2018 तक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं।
विलासराव जी ने लातूर से ही अपने शुरुआती पढ़ाई पूरी कर, वह पुणे के ILS विश्वविद्यालय से कानून यानी {Low} की डिग्री हासिल की, विश्वविद्यालय से पास होने के बाद, Low की डिग्री मिलने के बाद विलासराव जी ने वकालत भी की। उसके बाद विलासराव जी ने अपने घरवालों के सहमति और सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ 1973 में वैशाली जी के साथ शादी के पवित्र बंधन में बांधे I
विलासराव जी के तीन बेटे हैं और तीनों भी अपने वैवाहिक जीवन में सुखी है, सबसे बड़े बेटे अमित देशमुख अपने पिता की तरह ही अमित भी एक Politician है, वह भारतीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, वह लातूर शहर के मतदाता क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के तीन बार सदस्य रह चुके हैं, अमित की पत्नी का नाम अदिति प्रताप घोरपडे, जो बाद में अदिति देशमुख बनी I इनके मजले बेटे धीरज देशमुख यह भी अपने पिता और बड़े भाई की तरह ही भारत के एक Politician है, वह महाराष्ट्र के विधानसभा में लातूर शहर के ग्रामीण का प्रतिनिधित्व करते हैं, धीरज की पत्नी का नाम दीपशिखा देशमुख हैं वह एक मशहूर फ़िल्म निर्माता वाशु भगनानी की बेटी हैं, और दीपशिखा खुद भी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक फिल्म निर्माता है I
अब सबसे छोटे बेटे रितेश देशमुख इन्हें कोन नहीं जानता यह एक बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता है, रितेश हिंदी और मराठी दोनों फिल्मों में काम करते हैं, फिल्मों में कॉमेडी रोल की वजह से मशहूर है, रितेश को मराठी फिल्मों के लिए Filmfare मराठी पुरस्कार से नवाजा गया, तो वही इन्होंने अंतरराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी के पांच पुरस्कार अपने नाम किया I 3 फरवरी 2012 को रितेश ने जेनेलिया डिसूज़ा के साथ शादी के सात फेरे लिए, जेनेलिया बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक अदाकारा और मॉडल है, जिसके चलते रितेश और जेनेलिया की मुलाकात एक फिल्म के सेट पर हुई थी, जेनेलिया सिर्फ हिंदी नहीं बल्कि अन्य भाषा जैसे तेलुगू तमिल कन्नड़ और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है, जेनेलिया को भी बहुत से फिल्म फेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया I
विलासराव जी को उनके मूल गांव और लातूर जिले में “थोरले साहब” यानी बड़े भाई उर्फ अन्ना कहकर हर कोई उन्हें पुकारते और पहचानते हैं, वह मालेगांव के खंडोबा और धानेगांव के रोकड़ेश्वर हनुमान को बहुत मानते हैं, और उनके भक्त हैं, विलासराव जी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक महान मोहम्मद रफी साहब के बहुत बड़े फैन हैं, वह वह अक्सर रफी साहब के गाने सुना और गुनगुनाते I विलासराव जी हमेशा से ही शहर में रहने को खास तवज्जो नहीं दी, उन्हें अपने लातूर जिले के छोटे से बाभलगांव में रहना वह काफी पसंद करते थे I
राजनीति में कदम :
विलासराव जी ने राजनीति में पहला कदम 1974 में रखा, वह 1974 से लेकर 1980 तक बाभलगांव (लातूर) ग्राम पंचायत के हिस्सा रहे, और 1974 से लेकर 1976 तक वह इस ग्राम पंचायत के सरपंच यानी ग्राम प्रधान बने I इसी के साथ वह1974 से लेकर 1980 तक उस्मानाबाद जिले के परिषद में और तालुका लातूर पंचायत समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, 1975 से लेकर 1978 तक उस्मानाबाद जिले के कांग्रेस पार्टी के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संजय गांधी से प्रेरित पांच सूत्री कार्यक्रम के लिए काम किया, उन्होंने उस्मानाबाद जिले में नौजवानों को एकजुट किया और कांग्रेस पार्टी के जिला शाखा के अध्यक्ष बने I
वह 1980 से लेकर 1995 तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने, और 1980 से लेकर 1985 और 1990 तक के कामयाबी पाई । इस कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया और उनके पास गृह, सामान्य प्रशासन, सहकारिता, लोक निर्माण, परिवहन, विधायी मामले, पर्यटन, कृषि, पशुपालन, डेयरी विकास मत्स्य पालन, उद्योग, ग्रामीण विकास, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, खेल और युवा कल्याण मंत्रालयों के विभाग थे।
विलासराव जी ने 1995 में 35,000 मतों के फासले से चुनाव हार गए, लेकिन वह सितंबर 1999 में हुए चुनावों में वे लातूर अपने मूल क्षेत्र से राज्य विधान मंडल के लिए फिर से चुने गए और लगातार एक के बाद एक दो चुनावों में लगभग 91,000 मतों के फासले से जीत हासिल की, जो महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा था। साल 1999 को माननीय श्री विलासराव जी ने 18 अक्टूबर महाराष्ट्र के 14 वे Chief Minister बने और मुख्यमंत्री की शपथ ली और अपना पद संभाला, और 17 जनवरी 2003 को पार्टी की राज्य एक तरफा में दलबंदी के परिणाम के नतीजे से पद से हटने तक वह अपने पद पर डटे रहे और उनके बाद माननीय श्री सुशील कुमार शिंदे ने यह पद संभाला I
एक बार फिर अक्टूबर 2004 में विलासराव जी अपने मूल गांव लातूर के मतदाता क्षेत्र से विधान सभा के लिए फिर से चुने गए, और वह 1 नवंबर 2004 से लेकर 4 दिसंबर 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, मुख्यमंत्री बनने के बाद वह राज्यसभा में शामिल हुए, और इसके कुछ महीने बाद 28 मई 2009 को माननीय श्री प्रधानमंत्री Manmohan Singh के जरिए से उन्हें भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के पद में मंत्रिपरिषद में चुना गया। कैबिनेट फेरबदल के बाद 19 जनवरी 2011 को उन्हें Ministry of Heavy Industry, और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, बाद में उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री का पद दिया गया, इसी के साथ विलासराव जी को 12 जुलाई 2011 को ministry of science and technology और Earth Minister Science के लिए भी चुना गया I
विलासराव जी से जुड़े विवाद और उनका इस्तीफा :
26 नवंबर 2008 को मुंबई में स्थित ताज होटल पर आतंकियों ने हमला किया, इस आतंकी हमले के बाद, जनता में बहुत आक्रोश नजर आया, और जनता के आक्रोश के कारण विलासराव जी और उनके डिप्टी चीफ मिनिस्टर, और महाराष्ट्र राज्य के गृहमंत्री श्री RR पाटिल को अयोग्य प्रशासक और महाराष्ट्र राज्य में लोगों को होने वाली परेशानी और असुविधाओं के लिए ग़ैर जिम्मेदार ठहराया गया, और इसी वजह से उन्हें इस्तीफा यानी {resign} देने पर मजबूर किया गया, उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे का सुझाव दिया, बाद में इस सुझाव को पार्टी ने स्वीकार कर लिया।
साल 2012 में 27 अप्रैल को मुंबई के हाई कोर्ट में मामला दर्ज किया, एक पत्र में आरोप लगाया गया था, कि विलासराव जी मुंबई के कोलाबा में स्थित प्राइम रियल स्टेट पर निर्मित 31 फ्लोर की बिल्डिंग है जो आदर्श हाउसिंग सोसायटी के मुताबिक विलासराव जी दो फ्लैटों के मालिक हो सकते हैं । यह मामला आगे कि तपतीश के लिए मामला लंबित है। महाराष्ट्र के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने 25 जून 2012 को एक न्यायिक पैनल को बताया कि हाउसिंग सोसाइटी को सरकारी जमीन आवंटित करने और अत्यधिक फ्लोर स्पेस इंडेक्स देने का निर्णय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होने के रूप में विलासराव जी के कार्यकाल के दौरान लिया गया था ।
विलासराव जी का ट्रस्टों के साथ जुड़ाव :
विलासराव देशमुख जी ने मंजरा चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्माण किया, जो लातूर जिले से होता हुआ मुंबई में बहुत से कॉलेज मंजरा चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है, मंजरा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल लातूर यह उनमें से एक है, VDF पॉलिटेक्निक, VDF फार्मेसी कॉलेज, VDF इंजीनियरिंग कॉलेज, गोल्डक्रेस्ट हाई ICSE स्कूल, मुंबई के Andheri और Versova इलाके में Rajiv Gandhi Institute of Technology, इसी के साथ लातूर और Airoli Navi Mumbai में विलासराव जी की माता जी के नाम से Sushiladevi Deshmukh School बना है I
विलासराव जी ने मराठवाड़ा मित्र मंडल की भी स्थापना की, जिसके अधीन इन्होंने महाराष्ट्र के पुणे सिटी में इंजीनियरिंग कॉलेज और एक कॉमर्स कॉलेज बनाया है I इसी के साथ मराठवाड़ा मित्र मंडल का इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी यह लोहगांव में और एक पुणे में बनवाया है I
विलासराव जी की बीमारी और उनका निधन :
साल 2011 के गर्मियों में विलासराव जी को Cirrhosis {सिरोसिस} के बारे में पता चला, Cirrhosis यह एक लीवर से जुड़ी हुई बीमारी है, उनकी इस बीमारी के बारे में सिर्फ घर वालों को ही पता था, विलासराव जी की तबीयत और उनकी बीमारी की खबर गुप्त रखी गई थी I अपने बीमारी के दौरान ही विलासराव जी ने वसीयत लिखी, और अपने बीमारी के चलते ही उन्होंने अपने दोनों छोटे बेटे धीरज और रितेश की शादी की, हालांकि जैसे उत्सुकता और गर्म जोशी के साथ उन्होंने अमित की शादी की थी वैसे वह इन दो शादियों में शामिल नहीं हो पाए, इन शादियों में वह बहुत अस्वस्थ थे और उनमें थकान भी शामिल थी I
साल 2012 के अगस्त के पहले हफ्ते में विलासराव जी को मुंबई के Breach Candy Hospital में एडमिट किया गया, यह अस्पताल ज्यादातर बड़े अमीर लोगों के लिए मशहूर है, यहाँ उन्हें लीवर और किडनी फेल होने का पता चला था। 6 अगस्त को विलासराव जी को हवाई एम्बुलेंस के जरिए से Liver Transplant के लिए Chennai लेकर गए, जहां उनके Liver Transplant करने की कोशिश असफल हुई, क्योंकि Medica के रूप से एक मरे हुए व्यक्ति, जिसका लीवर और किडनी Implanted करना था, वह आदमी ऑपरेशन से एक रात पहले ही मर गया था I
मंगलवार के दोपहर 1:40 पर देशमुख परिवार में मातम छा गया, 14 अगस्त 2012 को माननीय श्री विलासराव देशमुख जी ने चेन्नई के ग्लोबल हॉस्पिटल में 67 की उम्र में लिवर कैंसर से जूझते हुएइस दुनिया को अलविदा कहा I उसे वक्त के तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दुःख व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि विलासराव की मृत्यु यह कांग्रेस पार्टी के लिए दुख और नुकसान की बात है I
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने श्रद्धांजलि देते हुए अपना दुख व्यक्त किया, इसी तरह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी किया, मनमोहन जी ने विलासराव जी को एक भरोसेमंद साथी और एक योग्य प्रशासक कहा, जिन्होंने पंचायत राज्य और केंद्रीय स्तर पर सराहनीय समर्पण के साथ काम किया I विपक्ष पार्टी भाजपा के नेता प्रकाश जावेडकर में भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कि यह बहुत दुखद समाचार है, वह गर्म जोशी से भरे और बहुत ही हंसमुख नेता थे, वह हमेशा दूसरों के मदद के लिए आगे रहते, विलासराव जी के पास महाराष्ट्र राज्य के लिए एक विजन था, वह किसानो और युवाओं के बारे में बहुत सोचा करते, उसके लिए वह बहुत परेशान रहते I
मिनिस्ट्री ऑफ़ फर्स्ट साइंस एंड टेक्नोलॉजी के राज्य मंत्री अश्विन कुमार ने विलासराव जी को एक “महान इंसान” कहा, उनमें लोगों से जुड़ने की क्षमता ज्यादा थी, जब हमें पता चला वह “बहुत अस्वस्थ है, तो हम उनके ठीक होने की उम्मीद कर रहे थे, मैं दुखी और निस्तब्ध हूं” I समाजवादी पार्टी के सदस्य और फिल्म जगत के अभिनेत्री जया बच्चन ने भी कहा कि विलासराव जी की मृत्यु “युवा उम्र में ऐसे होनहार नेता को खोना बहुत बदकिस्मत है।” v
जनता दल यूनाइटेड {JDU} के नेता शरद यादव ने कहा कि विलासराव जी जैसे होनहार नेता के निधन की खबर सुनकर बहुत दुःख हुआ, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा “ सार्वजनिक का जीवन में उनका सफर काफी लंबा था, विलासराव जी एक बड़े और बुद्धिमान नेता थे, महाराष्ट्र के सभी हिस्सों को बहुत अच्छे से जानते थे, विलासराव जी की मौत यह देश और महाराष्ट्र के लिए बहुत नुकसान की बात है I
महाराष्ट्र के राज्यपाल K Shankar Narayan, मुख्यमंत्री Prithviraj Chauhan, उपमुख्यमंत्री Ajit Pawar, इसी के साथ रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता Ramdas Athawale जैसे नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया I विलासराव जी के निधन की खबर सुनने के बाद बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से भी बहुत से लोगों ने शोक व्यक्त किया और उनकी मौत पर अफसोस जताया, रितेश देशमुख का कैरियर फिल्म इंडस्ट्री में होने की वजह से उनके दोस्तों ने भी उनके पिता के मौत पर दुःख जताया I
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के अदाकारा Madhuri Dixit, Bipasha Basu, Karan Johar, Dia Mirza और Raveena Tandon के साथ-साथ बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के किंग शाहरुख खान ने भी शोक व्यक्त किया, शाहरुख खान कहते हैं विलासराव जी एक अद्भुत सज्जन व्यक्ति थे, उनकी यूं अचानक हुई मौत का मुझे बहुत दुःख हुआ, मैं उन्हें काफी सालों से जानता हूं क्योंकि रितेश मेरा करीबी दोस्त है यह बहुत अप्रत्याशित {Unexpected} है।
विलासराव देशमुख का अंतिम संस्कार 15 अगस्त 2012 को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर लातूर जिले के मूल गांव बाभलगांव महाराष्ट्र में उनके पारिवारिक खेत में किया गया, यह वही जगह है जहाँ पर उनके पिता दगडूजीराव देशमुख का भी अंतिम संस्कार हुआ था। उनके अंतिम संस्कार में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसे बड़े-बड़े राजनीतिक नेता शामिल थे, और पूरे देश से लगभग 5 लाख से ज्यादा लोग मौजूद थे, जिससे लातूर शहर में बंद का माहौल बन गया था। विलासराव जी के अंतिम संस्कार की रस्में उनके बड़े बेटे अमित ने पूरी की I
विलासराव जी के मौत के कुछ सालों बाद साल 2019 में लातूर में एक मेडिकल कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा गया, विलासराव देशमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज लातुर, और इसी साल मुंबई में Eastern Freeway का नाम भी उनके नाम पर रखा गया
तो दोस्तों यह थी गांव के सरपंच से लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, स्वर्गीय श्री विलासराव दगडूजीराव देशमुख का सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के जीवन का परिचय I