कैसे यह लड़का दिल्ली की गलियों से निकाल कर Cricket World का King बना, 18 दिसंबर 2006 रात के 2:30 बजे दिल्ली के सड़कों पर कड़ाके की सर्दी, लेकिन उत्तम नगर के एक घर में इस मौसम की कोई भी परवाह नहीं, क्योंकि इस परिवार के लिए तो यह कयामत की रात है I आज तो घर के सबसे छोटा बदमाश बच्चा भी खामोश था, क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि रोना है सबकी हिम्मत बना है I
Premnath Ji 1 महीने तक बिस्तर पर ही थे, और एक दिन अचानक उन्हें हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने अपने सबसे लाडले बेटे के हाथों में दम तोड़ा, उसे समझ नहीं आ रहा था यह सब क्या हुआ इतनी सी उम्र में इतनी बड़ी परीक्षा आखिर क्यों, पर उसे पता नहीं था कि बड़ा आदमी बनने के लिए बड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, और चीकू की जिंदगी की पहली और सबसे बड़ी परीक्षा यही थी, पिता की मौत वह पिता जो घर से लेकर क्रिकेट के मैदान तक हर जगह उसका साथी था, जो हर अच्छे बुरे वक्त में सहारा बनने वाला उसका दोस्त था वह अचानक बिछड़ गया I
जिंदगी का एक और उसूल है जब कोई बड़ी मुश्किल आ जाए तो आप जितना बड़ा फैसला करोगे जिंदगी आपको उतना ही बड़ा बनाएगी, 18 साल के चीकू ने भी यही किया वह एक क्रिकेटर है फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उसका पहला साल है, बल्कि रणजी ट्रॉफी में उसका एक मैच भी चल रहा है, पहले तो चीकू की टीम ने 446 रन खाए और जवाब में उनके सिर्फ 59 पर पांच विकेट गिर गई, दिन का खेल खत्म हुआ तब चीकू क्रेस पर ही था और उसी के कंधों पर टीम को बचाने की जिम्मेदारी थी I
उस रात अचानक पिता की मौत हो गई, और जब यह खबर टीम मैनेजमेंट को पता चली तब वह समझ गए कि आप चीकू खेलने नहीं आएगा लेकिन यह क्या सब यह देखकर दंग रह गए की सुबह चीकू मैदान में मौजूद था I अपनी जिंदगी के मुश्किल से मुश्किल हालात में भी वह उस खेल को नहीं भूला जिससे वह बहुत चाहता था, I वह वह अपने घर वालों के आगे तो बिल्कुल नहीं रोया, लेकिन स्टेडियम के चेंजिंग रूम में वह बहुत रोया, और फिर उसने वह इनिंग्स खेली जो आज भी उसे define करती है I
मैच में 238 बॉल पर 90 रन अगर अंपायर गलत आउट नहीं देता तो वह सेंचुरी बना देता, चीकू ने गलत आउट का रिप्लाई देखा सर झुका कर घर चला गया जहां उसके पिता को आखिरी विदाई दी जा रही थी, सिर्फ एक ही दिन में वह बहुत बड़ा हो गया, और बड़ा होने के हैसियत से अपना एक फैसला भी सुना दिया और उसने अपने परिवार वालों को बताया कि अब वह सिर्फ क्रिकेट खेलेगा और एक कामयाब क्रिकेटर बनेगा, हाईएस्ट लेवल पर खेलकर अपने पिता का सपना पूरा करेगा I
इसके बाद दुनिया के किसी भी चीज की अहमियत नहीं रही, क्रिकेट ही उसकी पहले Priority बन गया, सुबह उठने से लेकर रात सोने तक उसके दिलों दिमाग पर एक ही चीज का जुनून सवार था और वह था क्रिकेट I यहां उसे एक ही चीज से प्यार था वह थी जीत और उसे हार से नफरत हो गई थी, और इसी सोच के साथ क्रिकेट के दुनिया में आगे बड़ा और बढ़ता ही चला गया, यहां तक के वर्ल्ड नंबर वन बन गया I
वह ऑस्ट्रेलिया का Don Bradman और हिंदुस्तान का Sachin Tendulkar बन गया, वह चीकू से विराट कोहली बन गया I यह सफर है विराट कोहली का और यह सफर है बदलाव का विराट ने खुद को बहुत बदला फिजिकल और मेंटली तौर पर भी, जो बिना डरे गालियां देने वाला लड़का आज लोगों को मोटिवेट करता है जिंदगी की बारीकियां समझाता है, कामयाबी के गुण सिखाता है मतलब मैदान में रन बटोरने वाला लड़का अब ज्ञान बाट रहा है I ये क्रिकेट के इतिहास की सबसे इंटरेस्टिंग कहानी है यह विराट कोहली की कहानी I
विराट कोहली का संघर्ष :
5 नवंबर 1988 में दिल्ली के पंजाबी हिंदू परिवार में विराट कोहली का जन्म हुआ, उनके पिता का नाम प्रेमनाथ कोहली था वह एक पेशावर Criminal वकील थे उनकी मां का नाम सरोज कोहली और वह एक ग्रहणी थी, प्रेमनाथ जी को तीन बच्चे थे जिनमें विराट सबसे छोटे थे, सबसे बड़ा बेटा विकास फिर बेटी भावना फिर सबसे छोटा और सबका लाड़ला विराट कोहली, छोटे होने के वजह से सब उन्हें प्यार से चीकू कहते I
विराट दिल्ली के उत्तम नगर एरिया में खेल कूद करछोटे से बड़े हुए, और विराट ने अपनी शुरुआती पढ़ाई Vishal Bharti Public School Delhi से पूरी की, उनके परिवार वाले बताते हैं कि विराट को 3 साल के उम्र से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी, वह बॉट पकढ़ते और अपने पिता से बॉलिंग के लिए कहते I
क्रिकेट में दिलचस्पी क्यों ना हो आखिरकार हिंदुस्तान में क्रिकेट को सिर्फ खेल नहीं धर्म समझा जाता है, हर हिंदुस्तानी अपने खून में क्रिकेट का हुनर लेकर पैदा होता है, और आज भी हिंदुस्तान के हर गली मोहल्ले में आप देखे तो हर लड़का चाहे छोटा हो या बड़ा हर एक के हाथ में बॉट और बॉल जरूर दिखेगी I यही क्रिकेट कोहली के खून में भी था, और इसी के साथ उसमें हुनर भी बहुत था विराट की बैटिंग पूरे उत्तम नगर के मोहल्ले में मशहूर थी, और यही देखकर उनके पड़ोसियों ने प्रेम नाथ जी यानी विराट के पिता को मशवरा दिया विराट के टैलेंट को गली मोहल्ले तक सीमित रखकर उसके टैलेंट को बर्बाद ना करो बल्कि उसे किसी क्रिकेट अकादमी में दाखिल करो I
पड़ोसियों की बातें सुनकर उनका मान रखते हुए प्रेम नाथ जी ने यह फैसला किया कि वह विराट को प्रोफेशनल क्रिकेटर बनाएंगे I 3 मे 1998 में 9 साल की उम्र में विराट को West Delhi Cricket Academy – {WDCA} में एडमिशन कराया, और यहीं से यही विराट के क्रिकेट करियर का सफर शुरू हुआ I
WDCA यह अकादमी चलाते थे Coach Rajkumar Sharma चीकू के पहले गुरु और उनका अच्छा शिष्य विराट था, क्योंकि चीकू में सिर्फ टैलेंट ही नहीं कमिटमेंट, डेडीकेशन और एटीट्यूड भी था, कमिटमेंट भी ऐसे के दिल्ली की कड़कती धूप में कई घंटों तक प्रैक्टिस करता, अपने एक शॉट को पक्का करने के लिए पूरा दिन लगा देता I Dedication ऐसी की क्रिकेट के लिए अपना सब कुछ निछावर करने के लिए तैयार, और Attitude तो पूछो ही मत I
विराट की पढ़ाई और क्रिकेट दोनों साथ चल रहे थे, पढ़ाई थी क्या बस जितनी मेहनत वो क्रिकेट के लिए करता, वह पढ़ाई में उतना ही परेशान रहता, विराट ने खुद एक इंटरव्यू में बताया की पढ़ाई में मैं इतना अच्छा था जिंदगी में कभी क्रिकेट के लिए इतनी मेहनत नहीं की जितनी मैट्रिक में गणित के पेपर पास करने के लिए की थी I लेकिन शायद विराट कोहली यह बात पता नहीं थी की वो आगे जाकर क्रिकेट स्टेट के दुनिया को हिलाने वाला है I
जिंदगी अपने पूरी स्पीड से भाग रही हैं, और इसी के साथ कोहली ने Vasundhara Enclave के सुमित डोगरा की अकादमी के मैचों में हिस्सा लिया अंडर 15 में अपनी जगह बना ली, 9th क्लास के पढ़ाई के दौरान Savior Convert School में अपना दाखिला करवाया I अंडर 15 के बाद अब अंडर 17 में भी अपनी जगह बनाई, विराट के जलवे अंडर 15 के बाद 17 में भी नजर आ रहे हैं, और तब उसे अपनी जिंदगी का एक बड़ा सबक मिला I
एक मैच खेलने के लिए दिल्ली अंडर 17 की टीम पटियाला गई कोच राजकुमार शर्मा ने अपने दोस्त से कहा कि उनके स्टूडेंट का ख्याल रखे, राजकुमार के दोस्त भी एक पेशेवर कोच थे, इन्होंने पटियाला के मैच के दौरान देखा कि बाकी खिलाड़िया प्रैक्टिस कर रहे हैं और विराट ग्राउंड में आराम से लेटा हुआ है, उसके दोनों हाथ सर के पीछे हैं और वह लेट कर लड़कों को प्रैक्टिस करता हुआ देख रहा है, ऐसे जैसे मानो खुद एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है, और बाकी सब बच्चे हैं I
कोच ने वही एक फैसला किया स्कोर्ड का ऐलान किया और उसमें विराट का नाम शामिल नहीं किया, उसे बहुत गुस्सा आया कि ऐसे कैसे हो सकता है कि मैं ना खेलो, मैं तो टीम का एक बेहतरीन खिलाड़ी हूं, और मैं सबसे अच्छा खेलता हूं I लेकिन फैसला हो चुका था और यही से यह बात भी साफ हो गई के इसे अपने एटीट्यूड पर भी काम करना होगा, इस एक फैसले की वजह से कोहली के अंदर एक तड़प पैदा हुई, और जब उसने अगला मैच खेला, तो 420 बॉल पर नॉट आउट 251 रन बनाएं I
एक ऐसी परफॉर्मेंस जो पहले कोहली को फर्स्ट क्लास क्रिकेट तक ले आई, विराट के अनुसार 2008 में उसे पहला ब्रेक मिला, वह एक फर्स्ट क्लास क्रिकेटर बन चुका था, और अब क्रिकेट ही उसका सब कुछ था, उसका ओड़ना, बिछोना, खाना, पीना उठना बैठना सब कुछ क्रिकेट ही था I जब किसी चीज से बहुत ज्यादा मोहब्बत हो जाए, और उस चीज को आप पूरी शिद्दत से पानी की कोशिश करते हैं तो बहुत से मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है I
2008 यह विराट कोहली के लिए वही मुश्किलों भार दौर था, इसमें ऐसा लगता था उसका सब कुछ खत्म हो गया, इसी साल उसके सर से उसका पिता का साया उठ गया या यूं कहे की सबसे अच्छे दोस्त और गुरु चले गए, अब विराट को जिंदगी का नया रूप देखना था सबसे बड़ा मुश्किल रूप I एक नहीं दो नहीं बल्कि गई मुश्किलों का सामना करना पड़ा इमोशनली भी और फाइनेंशियली भी, लेकिन एक कोहली की क्रिकेट के प्रति डेडीकेशन थी जो जिंदगी की बड़ी से बड़ी मुश्किल और परेशानी भी क्रिकेट से उसे अलग नहीं कर पाई, हर मुश्किल ने क्रिकेट से उसका रिश्ता मजबूत कर दिया I
इस मुश्किल हालात में कोच राजकुमार हर कदम उसके साथ थे, विराट जब 10 साल के थे तब उनके पास आया था, और अब वह 19 साल का हो चुका था, और यही उसे अपनी जिंदगी की पहली बड़ी कामयाबी हासिल हुई I कोहली अंदर 17 से परफॉर्म करता हुआ, आखिरकार इंडिया अंडर-19 तक पहुंच गया और उसकी पहली बड़ी परीक्षा बनी, अंडर-19 का वर्ल्ड कप और वह भी एक कैप्टन के तौर पर I
उसे वर्ल्ड कप से पहले एक प्रमोशनल वीडियो भी सामने आई थी, इस वीडियो में विराट ने बताया था की उसका फेवरेट क्रिकेटर herschelle gibbs है, उस पर herschelle gibbs के जैसा एग्रेसिव और एनिमेटेड कैरेक्टर ही सूट करता था I वर्ल्ड कप हुआ इंडिया ने इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, और न्यूजीलैंड जैसे टीम को हराया और फाइनल में पहुंचा, और यहां साउथ अफ्रीका को मात देते हुए इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बन गया, इस मैच में कोहली ने भी जबरदस्त पारी खेली I
कोहली ने 6 मैचस में 235 रन बनाए वेस्टइंडीज के खिलाफ इनिंग देखने लायक थी, लेकिन जिस चीज में दुनिया की अटेंशन हासिल कि वह कैप्टनसी थी, वर्ल्ड कप खत्म हुआ और इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बन गया I इस दौरान Rahul Dravid कोहली से मिले और उससे कहा कि मुझे उम्मीद है की एक दिन आएगा कि इंडिया वर्ल्ड कप जीतेगा और तुम उस टीम के मेंबर रहोगे I
वह वक्त भी आया लेकिन बहुत बाद में इससे पहले इंडियन क्रिकेट टीम को Revolution का सामना करना पड़ा, तब कोहली भी उसका हिस्सा था I अंडर-19 के जीत का कारण बनने वाला कोहली अब सबके नजरों में था लेकिन उससे भी ज्यादा सबके नजरे कहीं और थी, यह इंडियन क्रिकेट टीम में इंकलाब का और बदलाव का साल था एक ऐसा बदलाव जिसमें बाद में क्रिकेट वर्ल्ड को भी बदल दिया I
यह इंडियन प्रीमियर लीग IPL का पहला साल था, कोहली भी उस लीग का हिस्सा थे, रॉयल चैलेंज बेंगलुरु यानी RCB के टीम का कोहली खिलाड़ी थे और फिर वह दुनिया का ईमानदार खिलाड़ी बना, ईमानदार भी ऐसा की जिसने आज तक RCB को नहीं छोड़ा, लेकिन पहले सीजन में विराट खेल नहीं पाया उसने 12 इनिंग्स में सिर्फ 165 रन बनाएं ना कोई 100 ना कोई 50 I
उस वक्त ब्राज़ीलियन मॉडल और अभिनेत्री इज़ाबेल लेटे { Izabelle Leite } के साथ विराट को कई बार देखा गया था, इज़ाबेल लेटे और विराट कोहली 2 साल तक रिश्ते में रहे और आपसी सहमति से 2 साल के बाद इस रिश्ते को खत्म किया I और भी ऐसी बहुतसी अभिनेत्री के साथ विराट के रिश्ते की अफवाह आते रही, ऐसा लगता था कि कोहली अपना रास्ता भूल गया है या फिर बड़े खिलाड़ियों के साथ बैठकर उसका दिमाग घूम गया है, मौज-मस्ती और पार्टियों में बिजी रहने लगा I
फिर यहां पर एंट्री हुई उनके कोच राजकुमार शर्मा की पिता के मौत के बाद उनके कोच ही उनके पिता के समान थे, उन्होंने कोहली को संभाला और उसे यह बात समझाइए कि उसे अपना मकसद नहीं भूलना है उसे अपने मकसद और अपने पिता के सपनों को हकीकत बनाना है I उस वक्त किस्मत ने भी दरवाजे पर दस्तक दे दी, इंडिया A का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैच था जिसे देखने के लिए इंडियन क्रिकेट बोर्ड के चीफ सिलेक्टर भी आने वाले थे, और यही कोहली को खुद को प्रूफ करना था, यहां तक की वो ओपनर आने के लिए भी तैयार था हालांकि उसने कभी ओपनिंग नहीं की थी I
विराट ने यह फैसला किया था कि वह खुद को इस दलदल से बाहर निकलेगा, और कुछ बन के दिखाएगा, जब किसी चीज को ठन कर आप उस पर डठे रहते हैं, तो फिर किस्मत भी आपका साथ देती है I जैसे ही चीफ सिलेक्टर मैच देखने के लिए मैदान में पहुंचे वैसे ही विराट कोहली की ग्राउंड में एंट्री हुई, विराट ने 120 प्लस की इनिंग खेली जिसने इंटरनेशनल क्रिकेट के दरवाजे खोलें I
साल 2008 में श्रीलंका टूर के लिए विराट कोहली सिलेक्ट हुए, लेकिन टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करना आसान नहीं था, उस वक्त टीम में सबसे बेहतरीन और शानदार बल्लेबाज मौजूद थे, जिनके होते हुए किसी भी लड़के की कोई जगह नहीं थी, Virendra Sehwag, Rahul Dravid, Gautam Gambhir, Mahendra Singh Dhoni, Sourav Ganguly, Suresh Raina और सबसे बेहतरीन खिलाड़ी Master blaster Sachin Tendulkar इन जैसे खिलाड़ियों के होते हुए किसी और की क्या मजाल I
विराट श्रीलंका टूर पर कुछ खास कमाल दिखा नहीं पाए, डेब्यू पर सिर्फ 12 रन बनाएं और सीरीज के अगले चार मैचो में 35 तो 25 कभी 54 तो कभी 31 इस तरह से कोहली टीम से इन एंड आउट होते रहे I लेकिन उसने कई अच्छी इनिंग्स भी खेली जैसे कि चैंपियंस ट्रॉफी साल 2009 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ नॉट आउट 79 रन बनाए और अपना पहला Man Of The Match का अवार्ड जीता, और इसी साल के आखिर में श्रीलंका के खिलाफ सेंचुरी बनाई I
श्रीलंका के खिलाफ इंडिया को 316 रन बने थे और 23 पर दो आउट हो चुके थे, Sehwag और Tendulkar दोनों ही आउट हुए थे फिर कोहली ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर कमल की बैटिंग की नॉट आउट 107 रन बनाए अपनी पहली सेंचुरी बनाई I साल 2010 में विराट ने 25 मैचो में 3 सेंचुरियों के साथ 995 रन बनाए अब वह इंडिया का लीडिंग स्कोरर था उसे अपने कामयाबी का रास्ता मिल चुका था और अब वर्ल्ड कप ड्रीम शुरू हुआ था I
2011 यह वर्ल्ड कप का साल था एक ऐसा वर्ल्ड कप जिसका इंडिया भी मेजबान यानी {Host} था, अपने मैदान पर अपने खिलाड़ियों के साथ वर्ल्ड कप को अपना बनाने का काम शुरू था, जो टीम बनी उसमें कोहली भी शामिल था, क्योंकि वह बेस्ट परफॉर्मर था वर्ल्ड रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर 2 था इसलिए इंडिया ने वर्ल्ड कप में सारे मैचेस खिलाएं फिर कोहली ने पहले ही मैच में सेंचुरी बनाई I लेकिन असली मुकाबला था फाइनल में यह 275 चेयर्स करते हुए इंडिया के 31 पर दो आउट हो गए सहवाग और सचिन दोनों जल्दी आउट हो गए, फिर यहां पर कोहली ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर 83 रन की पार्टनरशिप की और आखिर में इंडिया वर्ल्ड कप जीत गया I
यह पल धोनी के नहीं थे यह पल था सचिन का सचिन ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया था, जीत के जश्न के दौरान बाकी खिलाड़ियों ने कंधों पर उठा लिया इनमें से एक खिलाड़ी विराट भी थे, और यही उसने एक यादगार जुमला भी कहा “Sachin Tendulkar Has Carried The Burden Of The Nation For 21 Years, It Was Time We Carried Him” I

वर्ल्ड कप की खुशी अपनी जगह पर सबको पता था की अब सचिन तेंदुलकर का रिटायरमेंट का वक्त आ चुका है, वर्ल्ड कप के जीत से लेकर सचिन के रिटायरमेंट तक पूरी दुनिया में एक ही बहेस शुरू थी, कि अब इंडिया का अगला सचिव कौन होगा I हर कोई किसी न किसी खिलाड़ी का नाम लेता लेकिन एक मजे की बात एक डॉक्यूमेंट्री तक आ गई जिसमें अगला सचिन के तौर पर 15 साल के Prithvi Shaw का नाम सामने आया विराट कोहली का नाम कोई नहीं लेता था I
आखिर क्यों कोई भी कोहली का नाम नहीं लेता था लेकिन कोहली एक अच्छा खिलाड़ी था पर क्या वो सचिन था, कोहली में आग और गुस्सा बहुत था जब उसे कामयाबी मिलती तो वह खुशी के मारे पागल हो जाता, ऐसे लगता था कि जैसे इसका खुद पर काबू नहीं है वह टिपिकल एंग्री यंग मैन बन जाता था, लेकिन उसमें कुछ कर दिखाने का जोश भी बहुत था चौथे नंबर पर खेलते, लेकिन जैसे ही ओपनर मैदान में उतरते थे तो अपने पैर के पैड बांध लेता, और अगर आउट हो जाता तो मैच खत्म होने तक अपने पैड नहीं निकलता I
विराट का एटीट्यूड अपनी जगह लेकिन वर्ल्ड कप 2011 से लेकर 2015 तक विराट ने बहुत शानदार बैटिंग की 96 मैचेस, 4278 रन, 16 सेंचुरी और 55 से ज्यादा का एवरेज, इसमें सी इनिंग्स भी शामिल है जो बार-बार देखने को दिल चाहता है, जैसे 2012 के एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ वह यादगार इनिंग्स और इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सेंचुरी भी ऑस्ट्रेलिया में ही बनाई I लेकिन यह सेंचुरी उस वक्त कुछ लोगों को बहुत बुरी लगी थी, क्योंकि उस वक्त टीम इंडिया का बहुत बुरा हाल था, टीम इंडिया वह सीरीज बुरी तरह हार चुकी थी, कोहली को उसकी कोई फिक्र नहीं थी I
इस टूर पर सचिन, राहुल, लक्ष्मण, सहवाग, धोनी और गंभीर यह सारे खिलाड़ी नाकाम हुए लेकिन कोहली ने वहां पर सेंचुरी बनाई, इसलिए उसने जश्न मनाया और ऐसा बनाया जिसे देखकर सब हैरान रह गए, 99 का रन लिया तो दौड़ते ही सेलिब्रेशन शुरू किया और दूसरा रन लेना ही भूल गए, और फिर गालियां देना शुरू किया I इस टूर पर सिर्फ यही एक विवाद नहीं था इस मैच के दौरान विराट वहां मौजूद लोगों को कुछ अजीब से इशारे करते हुए नजर आए जो उन्हें नहीं करनी चाहिए थे I
ऐसा लड़का तो सचिन कभी हो नहीं सकता वह कितना भी अच्छा क्यों ना खेले, क्योंकि सचिन बनने के लिए तो पॉजिटिविटी चाहिए शांत स्वभाव चाहिए, क्योंकि लोगों को यह बात पता नहीं थी विराट और सचिन में बहुत से आदतें से थी, जैसे Work Ethic, खुद को साबित करने के लिए Dedication, जबरदस्त फोकस मुश्किल हालात में भी हिम्मत न हारने का एटीट्यूड कोहली में बहुत था, उसे बस एक चीज की जरूरत थी डिसिप्लिन की वह आया उसके बेहतरीन साल के बाद I
कोहली ने अपने करियर में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे जैसे की साल 2012 में IPL का बहुत ही खराब सीजन खेला उसने खुद बताया कि उसके खाने-पीने लाइफ स्टाइल पर कोई कंट्रोल नहीं था, अपने धुन का पक्का अगर वह किसी चीज पर अड जाता तो फिर अपनी भी नहीं सुनता I एक दिन आईना देखा और यह फैसला किया तो अब अपनी जिंदगी बदलेगा, उसे पकोड़े और समोसे बहुत पसंद है उन्हें खाना छोड़ दिया, दिन भर कोक पीता नजर आता उसे भी छोड़ दिया, और खाने में सबसे ज्यादा बिरयानी पसंद थी तो उसने चावल खाना ही छोड़ दिया I
10 महीने में विराट ने लगभग 6 से 7 किलो वजन घटा दिया और यही वह वक्त था जहां विराट के एटीट्यूड कि शिकायत बहुत आती थी, उसका एटीट्यूड तो एटीट्यूड के बाउंड्री पार करके Arrogance तक पहुंच गया था, इसलिए जिसने भी उसे देखा तो वह यही कहता कि उन्हें अपने temperament पर काम करना पड़ेगा, इतना अग्रेशन अच्छा नहीं I इतने Arrogance नहीं चलती फील्ड पर, इतना टैलेंट होने पर बांदा बेहक ही जाता है I साल 2012 के ऑस्ट्रेलिया टूर ने उस पर मोहर लगा दी, लेकिन हालात तो अभी और भी खराब होने वाले थे I
साल 2014 में इंग्लैंड का टूर था और इस टूर ने विराट को पूरी तरह से हिला कर रख दिया था, पहले सबके बोलती बंद करने के लिए विराट का बल्ला तो चल रहा था लेकिन टूर पर विराट के बल्ले ने भी जवाब दे दिया, दो इनिंग में सिर्फ 134 रन 13 ना कोई 50 ना कोई सेंचुरी और इंग्लैंड यह सीरीज तीन एक से जीता I कोहली का यह पहले इंग्लैंड टूर नाकामयाब हो गया, और इसी नाकामयाबी ने उसकी जिंदगी बदल दी I
2014 के टूर के बाद कोहली में बहुत बदलाव आया वह इतना बदला कि आज का कोहली और पहले का कोहली बहुत अलग है आप यह बात मान ही नहीं सकोगे की यह वही कोहली है जो एक वक्त में विवादों का विषय बना हुआ करता था, एक जमाने के बदमाश से आज वह हजारों नौजवानों की प्रेरणा बन गया I
कैसे वो स्टार बना :
2014 का नाकामयाब साल ही कोहली के बदलाव का कारण बना, कोहली जो इतना घमंडी था, अगर मैदान में कोई कुछ कर देता तो सामने वाले के पूरे खानदान को याद कर देता, फिर उसने खुद को बदला मैदान में भी और मैदान के बाहर भी I इंग्लैंड के नाकामयाब टूर के बाद इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के टूर पर गया, ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा किला जिसे हासिल करना जो क्रिकेट के इतिहास में सबके लिए मुश्किल था I
साल 2012 के ऑस्ट्रेलिया के टूर पर जो हुआ था वह सबको याद था, और यह बात कोहली को भी याद थी इसलिए वह कुछ अच्छा करना चाहता था, और उसने कर दिखाया 4 मैसेज में 86 के एवरेज से 4 सेंचुरी और एक 50 पहले टेस्ट में 115 और 141, Melbourne में 169, Sydney में मैच सेविंग 147 I लेकिन इंडिया सीरीज तो नहीं जीत सका पर 26 साल के कोहली ने खुद को साबित कर दिया था और एक मेगास्टार ने अपने आने का ऐलान किया कर था खुले आम डंके की चोट पर अपने बदले हुए स्वभाव से और अपने खेल के अंदाज से भी I New Zealand Cricketer Martin Crowe ने Young Fab Four का नाम लिया, ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी Steve Smith, इंग्लैंड के Joseph Edward Root, न्यूजीलैंड के Kane Williamson इंडिया के और Virat Kohli, अब वह क्रिकेट के इतिहास का चमकता सितारा बन चुका था I
ऑस्ट्रेलिया टूर पर MS Dhoni ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का ऐलान किया, तब नया कप्तान बनाया गया कोहली को वह छोटी-मोटी टीम के खिलाफ वनडे मैचेस में कप्तानी कर चुका था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थोड़ा मुश्किल था, पर जिन दो मैचेस के दौरान कोहली ने कप्तानी की वह मैच देखने के काबिल थे I पहले टेस्ट में इंडिया 364 चेस करते हुए 315 रन तक पहुंचा इसमें कोहली ने 147 की इनिंग खेली अगर वह आउट ना होता तो शायद इंडिया जीत जाता I फिर आखरी टेस्ट में जहां विराट ने 147 रन की इनिंग ने यह मैच बना दिया, और इंडिया के मैच बचाने में कामयाबी I
यह कैप्टन कोहली था जो एक एग्रेसिव और एटीट्यूड वाला जो बेख़ौफ़ है किसी से ना डरने वाला, आगे बढ़कर हालत को समझता है, प्रेशर को आगे बढ़कर खुद संभालता है जो एक बड़े लीडर में होता है I क्रिकेट में कैप्टन का रोल कितना इंपॉर्टेंट है यह किसी से छुपा हुआ नहीं अब यही पाकिस्तान के क्रिकेट टीम के कप्तान Imran khan को देख लीजिए Imran khan के मुंह से निकला हुआ हर एक शब्द ड्रेसिंग रूम का कानून बन जाता था, और सबसे बढ़कर यह कि वह जो कहता पहले खुद करके दिखाता I
विराट में भी कुछ ऐसा ही है बल्कि उसे कह सकते हैं कि वह एक नया Imran khan है, पहले खुद करके दिखाने वाला एग्रेसिव और सबसे बढ़कर मोटिवेटेर, यह बदलाव कैसे हुआ, इस बदलाव की शुरुआत हुई उसी साल 2014 में इस बदलाव के पिछे बड़ा हाथ था बॉलीवुड की अदाकारा Anushka Sharma का I
कोहली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर मेरी जिंदगी में अनुष्का ना आती तो जाने मैं कहां होता, As a person अनुष्का ने मुझे कई लेवल आगे पहुंचा दिया, यही टर्निंग पॉइंट था कोहली के लाइफ में, जब अनुष्का विराट की जिंदगी में आए विराट की जिंदगी में पूरी तरह से बदलाव आए I वह बेहतर से बेहतरीन होने लगा, लेकिन जो पूरे इंडिया को प्यार हो और वह किसी और को प्यारा लगने लगे, यह हर किसी को हजम नहीं होता, इंडिया में लोग क्रिकेट को धर्म समझते हैं इसलिए वह हार को बर्दाश्त नहीं करते I
जब भी इंडिया हरता और कोहली नाकाम होता तब हर कोई इसकी वजह अनुष्का को बताते, तब कोहली ने ठान लिया वैसे ही जैसे वह पहले करता था विराट ने हर जगह हर स्टेज पर हर लम्हे में अनुष्का को डिफेंड किया I एक बार विराट ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट तक कर डाली, उसने कहा कि “उन लोगों को शर्म आनी चाहिए जो अनुष्का के पीछे पड़े हैं, और अनुष्का के बारे में नेगेटिव बातें करते हैं बल्कि अनुष्का तो मुझे पॉजिटिविटी देती है और मोटिवेट करती हैं” I
दोस्त से जीवनसाथी बनने का सफर बहुत मुश्किल हालात में कामयाब हुआ, साल 2017 में इंडिया ने विराट कोहली के कप्तानी के दौरान चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हारा, और जीतने वाली टीम पाकिस्तान थी, एक ऐसा फाइनल जो टीम इंडिया को हमेशा याद रहेगा I यह जिंदगी का सबसे मुश्किल वक्त था और कोहली तो मुश्किल वक्त में ही बड़े फैसले करता है, इसी साल 2017 में कोहली ने अनुष्का शर्मा से शादी कर ली और आज कोहली जीस बुलंदियों पर है उसमें अनुष्का शर्मा का बहुत बड़ा किरदार है I
वह कहते हैं ना कि हर कामयाब मर्द के पीछे औरत का हाथ होता है, तो हम यह देख सकते हैं की कोहली के कामयाबी के पीछे बड़ा हाथ अनुष्का शर्मा का हैं I जनवरी 2021 को विराट और अनुष्का एक बेटी के माता-पिता बने और उसका नाम Vamika रखा, और फरवरी 2024 को उन्होंने प्यार से बेटे का स्वागत किया, और उसका नाम Akaay रखा, अनुष्का शर्मा ने सोशल मीडिया के ज़रिये से इस बात की जानकारी दी थी। विराट और अनुष्का अपने बच्चों की privacy को लेकर काफ़ी सतर्क रहते हैं, इसीलिए उन्होंने अब तक अपने बच्चों के चेहरे मीडिया में नहीं दिखाए हैं।
टेस्ट क्रिकेट जिंदगी की तरह है अगर पहले दिन मामलात आपके हाथ में नहीं आते तो आप जाकर सो जाएं और अगले दिन वापस आए अगर आप नहीं आए तो टीम में 10 खिलाड़ी रह जाएंगे और आप टीम से बाहर हो जाएंगे, अगर आपने पहले दिन अच्छा भी किया आपको फिर भी आना पड़ेगा और दोबारा मेहनत करनी पड़ेगी इससे भी अच्छा करने के लिए I क्रिकेट में बहुत से उतार चढ़ाव आते हैं बिल्कुल जिंदगी की तरह कभी कबार तो तीन घंटे खेलने के बाद एक रन भी नहीं बनता, जिंदगी में भी ऐसा ही करना रुकना पड़ता है और अपने वक्त का इंतजार करना पड़ता है, यह शब्द किसी और नहीं बल्कि खुद विराट कोहली के हैं I
चैलेंज तो सबके जिंदगी में आते हैं विराट के जिंदगी में भी आए, पहले तो लोगों ने विराट को इग्नोर किया फिर उसे शो मैन कहा फिर उसने ऐसा खेला की सब उसे देखने पर मजबूर हो गए, यह थी विराट कोहली की पहली कामयाबी, फिर उसके दुश्मन भी बहुत बने, एक ऑस्ट्रेलिया के अखबार ने यह तक छापा की विराट कोहली क्रिकेट वर्ल्ड के Donald Trump है I लेकिन वही कोहली आज ऑस्ट्रेलिया में सबके फेवरेट है, एक जमाने में दुनिया भर के लोग कोहली को छोड़कर हर किसी को क्रिकेट के इतिहास का अगला सचिन तेंदुलकर कहती थी, फिर एक वक्त ऐसा भी आया कि सचिन तेंदुलकर ने खुद कहा कि “विराट को खेलता हुआ देखकर बहुत मजा आता है” I
इसके बाद 3 साल बीत गए लेकिन सेंचुरी नहीं बन रही थी, तब विराट कोहली वापस आया सेंचुरी बनाई, और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी जिंदगी की सबसे बेहतरीन इनिंग्स खेली, यह T20 वर्ल्ड कप 2022 का वो मैच है जिसमें कोहली की इनिंग्स कोई भी नहीं भूल सकता I इस तरह से कोहली Come Back King बन गया I आज कोहली के पास बहुत से रिकॉर्ड है सबसे ज्यादा One Day 100 का रिकॉर्ड, 8000 से लेकर 13000 तक हर माइलेज स्टोन को पार करने का रिकॉर्ड, फिर T20 में सबसे ज्यादा रन करने का रिकॉर्ड और सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द मैच, और सबसे ज्यादा सीरीज ऑफ़ द मैच स्क्रीन, रिकॉर्ड से क्या होता है अगर रिकॉर्ड ना भी हो तो कोहली के पास अपनी स्टोरी है एक ऐसी स्टोरी जिसकी वजह से वह हमेशा याद रखा जाएगा I
लोग विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के जोड़ी को काफी पसंद करते हैं, और इन्हें Power Couple कहती है, उम्मीद करते हैं कि विराट और अनुष्का हमेशा अपने परिवार के साथ खुश रहे और अपने करियर में खूब तरक्की करें, और विराट अपनी जिंदगी में इसी कामयाबी से खेलते रहे और इंडियन क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कि बेस्ट क्रिकेट टीम I
तो दोस्तों यह थी दिल्ली के गली से निकाल कर इंडियन क्रिकेट टीम के किंग बने विराट कोहली उर्फ चीकू के सफर की कहानी I