2010 हुए कत्ल का राज, कैसे दिमाग ने खोले 8 साल बाद, आज की कहानी 2010 में शुरू हुई थी, दिल्ली के पास एक छोटे से गांव टपूकड़ा में कमल नाम का एक लड़का रहा करता था, और उसका एक छोटा सा कंस्ट्रक्शन का काम था, वह उसी गांव में छोटे-छोटे घरों का बात काम करता था, कमल के गांव के पास ही एक गांव में शकुंतला नाम की लड़की रहती थी I कमल की उम्र 20 साल और शकुंतला की उम्र 21 या 22 सला थी, कमल का कंस्ट्रक्शन का काम था इसी कारण आसपास के गांव में भी काम करने के लिए जाता, तो वहीं पर शकुंतला कमल की मुलाकात होती है, वही मुलाकात दोस्ती में बदल गई और वही प्यार भी हो गया I छोटे-छोटे गांव में ऐसी बातें ज्यादा वक्त तक छुपाती नहीं, छोटे से गांव में अगर तुम चोरी छिपे मिलते भी हो, तो किसी न किसी की नजर तुम पर में पढ़ ही जाती है I
सारे गांव में बात फेल चुकी थी, लेकिन अब तक कमल के माता-पिता को इस बात की खबर तक नहीं थी, लेकिन कुछ वक्त के बाद कुछ लोगों की जरिए से कमल के माता-पिता को इस बात का पता चला, और इधर लोगों के जरिए से ही शकुंतला के घर में भी इस बात का पता चल चुका था I शकुंतला और कमल दोनों के ही परिवार वाले बहुत घबरा हुए थे, दोनों अलग-अलग धर्म के थे, अगर परिवार वाले मन भी जाए तो समाज के लोग उन्हें अपनाएंगे नहीं, और समाज और बिरादरी के खिलाफ जाने के हिम्मत परिवार वालों में नहीं थी I इसलिए दोनों के ही परिवार वालों ने अपने-अपने बच्चों को समझाया, पर वह कहते हैं ना कि प्यार पर किसी का बस नहीं चलता, प्यार में लोग अंधे हो जाते हैं, दोनों भी नहीं मानते I
शकुंतला के मां-बाप को लगा की बात कहीं हाथ से निकल ना जाए, और कहीं कोई बड़ा हादसा हो ना जाए, इससे पहले शकुंतला की शादी कहीं और करवा दे, डर के कारण शकुंतला के परिवार वालों ने उसकी शादी करने का फैसला करते हैं I अब शकुंतला के परिवार वाले अपने बेटी के लिए एक अच्छे रिश्ते की तलाश में थे, और यह बात कमल और शकुंतला दोनों को ही पता चली तो दोनों बहुत परेशान हो गए I कुछ महीनो बाद शकुंतला के लिए एक लड़का चुन लिया, वह लड़का दिल्ली के समालखा इलाके में रहता था, और उसका नाम रवि कुमार था रवि सीधा-साधा अच्छे खाते पीते परिवार से था, उस के पिता का नाम जय भारद्वाज था I रवि अपने परिवार वालों के साथ शकुंतला को देखना उसके गांव आता हैं, दोनों परिवार वाले आपस में मिलते हैं बातचीत करके रिश्ता भी तय करते हैं I
जब यह बात कमल को पता चली तो वह परेशान होता है, वह सोचता है अगर शकुंतला की शादी हो जाएगी तो उसके बिना कैसे रहेगा, शकुंतला की शादी कैसे कर सकती है, ऐसे बहुत से सवाल उसके मन में आते हैं I एक तरफ मन ही मन कमल सोचता है, कि ऐसा क्या करूं शकुंतला सिर्फ मेरी हो जाए, यह सोचते हुए कमल फिल्मों का सहारा लेने का तय करता है, आज के जमाने में सोशल मीडिया टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ चुकी है, और बहुत से लोग इन सारी चीजों में सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल भी करते हैं I इसी बीच परेशान हाल शकुंतला से बिछड़ने का गम अपने दिल में भर कमल फिल्मों का सहारा लेता है I
वह कुछ फिल्में देखता है जिसे उसे शकुंतला को पानी में मदद मिल जाए, उन फिल्मों में एक फिल्म हमराज भी थी, बॉबी देओल और अमीषा पटेल ने इस फिल्म में काम किया है I हमराज फिल्म देखने के बाद उसे शकुंतला को पाने का एक रास्ता मिला I यह रास्ता गलत था, उस रास्ते में बहुत मुश्किल भी थी, और यह रास्ता कानून के भी खिलाफ था, पर किसी की भी परवाह न करते हुए कमल ने हमराज फिल्म के मदद से एक बहुत ही खतरनाक प्लान बनाने की तैयारी की I इस प्लान के मुताबिक दो बातें बहुत जरूरी थी, एक तो शकुंतला का इस प्लान में शामिल होना, और दूसरा उसकी मदद के लिए एक और व्यक्ति की जरूरत थी, जो इस पूरे प्लान में उसका साथ दे सके I
अपनी मदद करने के लिए कमल ने एक व्यक्ति की तलाश में लगा, गणेश आता है गणेश कमल का दोस्त था, और उसका ड्राइवर भी था, एक दिन कमल ने मौका देखकर गणेश से कहता है, कि मुझे तुमसे एक मदद की जरूरत है, और मैं तुम्हें इस मदद के बदले ₹70,000 दूंगा I गणेश एक गरीब परिवार से था 70,000 यह उसके लिए बहुत ज्यादा थे 70,000 के लालच में आकर गणेश ने कमल के प्लेन में मदद करने के लिए राजी होता है I
गणेश को राजी करने के बाद कमल शकुंतला से बात करता है, कहता है कि तुम रवि से शादी करने के लिए मना मत करना, तुम रवि से शादी करना, यह सुन शकुंतला सोच में पड़ गई, परेशान हो गई, कि कमल ऐसा क्यों कर रहा है, जब शकुंतला ने उसका कारण पूछा तो उसने सारी प्लानिंग शकुंतला को बताई I तब कमल कहता है की देखो तुम अगर रवि से शादी करती हो तो तभी हम दोनों मिल सकते हैं, और हमारी शादी होगी, और एक शर्त यह भी है जब तुम रवि से शादी करोगी, तो कुछ दिन तक यानी महीना या 2 महीने रवि से दूरी बनाए रखनी है, तुम कुछ भी बहाना बनाना, या फिर झूठ बोलना, लेकिन रवि के साथ पति-पत्नी का रिश्ता नहीं बनाना, उसके करीब मत जाना, उससे कहना कि तुमने उसके साथ खुशहाल जिंदगी जीने के लिए मन्नत मांगी है, और यह मन्नत डेढ़ से 2 महीने में पूरी होगी, ऐसा कहकर कमल ने खुद ही शकुंतला को दूर रहने का बहाना दे दिया I
यह बात सुन शकुंतला भी खुश हो जाती है, और कमल के इस प्लान में साथ देने के लिए राजी हो जाती है I 8 फरवरी 2011 को शकुंतला की शादी रवि से हो जाती है, शादी के दूसरे ही दिन शकुंतला 9 फरवरी को प्लान के मुताबिक अपने मायके टपूकड़ा गांव आ जाती है I ससुराल में शकुंतला एक दिन रुकी थी, उसके बाद मायके आ गई, अब रवि और ससुराल वाले कई बार फोन लगाकर बुलाते हैं, कि ससुराल आ जाओ, लेकिन वह,कहती है कि मैंने मन्नत मांगी है, अभी वह पूरी नहीं हुई है अभी कुछ दिन बाकी है, ऐसा बहाना बनाकर शकुंतला ससुराल जाना टालती है I ऐसे ही डेढ़ महीना गुजर जाता है, डेढ़ महीना गुजरने के बाद कमल शकुंतला से कहता है अब तुम अपने ससुराल चली जाओ, और कमल की बात मानकर शकुंतला 21 मार्च को रवि के पास समालखा पहुंच जाती है I
ससुराल पहुंचने के बाद भी शकुंतला रवि से यही कहती है, कि अभी हम पति पत्नी के जैसे करीब नहीं आ सकते, मन्नत पूरी होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं, बस कुछ दिन की बात है जैसे मन्नत पूरी होगी तो मैं आपको बता दूंगी I रवि एक पढ़ा लिखा एजुकेटेड, समझदार लड़का था, उसने शकुंतला के साथ किसी भी तरह के जोर जबरदस्ती नहीं की, शकुंतला की बात को मान लेता है I दूसरे दिन शकुंतला रवि से कहती है, की क्या हुआ अगर हमारे बीच पति-पत्नी जैसा रिश्ता नहीं है, इसका मतलब यह तो नहीं कि हम लोग कहीं बाहर घूमने फिरने नहीं जा सकते अगर आप फ्री हो तो हम दोनों आज कहीं बाहर चलते हैं I
रवि भी खुश हो जाता है यह सोचकर कि पत्नी ने पहली बार खुद मुझे आकर कहा है कि कहीं बाहर चलते हैं, फिर रवि भी ऑफिस से छुट्टी लेकर शकुंतला के साथ तैयार होकर घूमने निकलता है I शकुंतला रवि से कहती है कि घूमने जाने से पहले मेरे रिश्तेदार यहां पर रहते हैं मुझे उनसे मिलना है, शादी के दूसरे दिन मैं अपने मायके चली गई थी, तो शादी के बाद मैं उनसे मिल नहीं पाई थी, आज मुझे उनसे मिलना है I रवि भी कहता है कि ठीक है चलो मैं तुम्हें तुम्हारे रिश्तेदारों से मिलवाता हूं I प्लानिंग के मुताबिक कमल और गणेश समालखा पहुंच जाते हैं, शकुंतला को सारी प्लानिंग, टाइमिंग भी और उस जगह भी पता थी जहां कमल और गणेश उसका इंतजार कर रहे थे I
कमल और गणेश के पास फोर व्हीलर गाड़ी थी, और उस गाड़ी में बैठकर वह दोनों शकुंतला और रवि का इंतजार कर रहे थे, घर से थोड़ा दूर आने के बाद शकुंतला और रवि को रास्ते में कमल और गणेश मिलते हैं, और वह दोनों ऐसा बर्ताव करते हैं कि जैसे वह इत्तेफाक से मिले हो, और फिर शकुंतला रवि से कमल और गणेश की मुलाकात करवाती है, कहते हैं कि हमारे गांव के हैं और हमारे पड़ोसी भी है I रवि भी उनसे अच्छे से बात करता है, यह सोचकर की बीवी की मायके वाले हैं, तब कमल रवि से पूछता है कि आप लोग कहां जा रहे हैं तो रवि कहता है कि हमारे रिश्तेदार है यहां पर उनसे मिलने जा रहे हैं, फिर कमल कहता है चलिए मैं आपको वहां तक छोड़ देता हूं, एक ही गांव के हैं और पहचानते भी है यह सोचकर रवि हां कर देता है I
गाड़ी में बैठकर चारों निकलते हैं, शकुंतला के रिश्तेदारों के घर से थोड़ा पहले ही कमल शकुंतला को ड्रॉप कर देता है, शकुंतला के साथ रवि भी गाड़ी से उतर रहा होता है, कि तभी अचानक कमल रवि से कहता है कि मुझे आप से एक जरूरी बात करनी है, ज्यादा नहीं सिर्फ 5 मिनट आपसे बात करनी है I रवि सोचता है कि को परेशानी होगी, या कोई मदद चाहिए होगी, यह सोचकर रुक जाता है, शकुंतला के उतारने के बाद अब गाड़ी में सिर्फ तीन लोग हैं गणेश, कमल, और रवि गणेश गाड़ी स्टार्ट करता है और चलती गाड़ी में कमल रवि से बातें करता है उसे पानी पूछता है, उस पानी की बोतल में पहले से ही प्लानिंग के मुताबिक बेहोश की दवाई मिलाई हुई थी I
जैसे ही रवि पानी पीता है, जगह पर बेहोश हो जाता है, जैसे ही रवि बेहोश हुआ तब कमल और गणेश मिलकर रवि का गला घोट देते हैं, दोपहर से रात हो जाती है, गला घोटने के बाद कमल अपनी गाड़ी का रुख समालखा से टपूकड़ा की तरफ मोड़ देता है I टपूकड़ा पहुंचते पहुंचते काफी रात हो चुकी थी, रात के अंधेरे में कमल और गणेश टपूकड़ा में कमल का एक गोडाउन था, जहां पर वह अपना कंस्ट्रक्शन का सामान रखता था जैसे सीमेंट, और ईट, सलिए और भी बहुत से चीज रखता था, कमल अपने गोडाउन के पास ही एक जगह देखकर गड्ढा खोदता हैं, और उस गड्ढे में रवि के डेड बॉडी को दफनाते हैं I
रवि को दफनाने के बाद कमल और गणेश अपने घर चले आते हैं, और इधर देर रात शकुंतला भी अपने रिश्तेदारों से मिलकर ससुराल चली जाती है, घर जाकर अपने सास ससुर से पूछती है, की रवि अब तक घर नहीं आए, तब रवि के पिता कहते हैं कि वह तो तुम्हारे साथ गया था, यह तो हमें तुमसे पूछना चाहिए कि तुम अकेले आई हो, और रवि कहां है I तब शकुंतला कहती है कि जब मैं अपने रिश्तेदारों से मिलने गई थी, तो रवि ने मुझे कहा था कि कुछ काम है, मैं 5 मिनट में आता हूं तुम आगे चलो ऐसा कह कर वह कहीं चला गया, और मैं वहां उसका इंतजार कर रही थी, ताकि हम साथ में घर आए, पर वह मुझे लेने नहीं आया तो मैं खुद अकेली आ गई, मुझे लगा कि शायद वह अपना काम करके घर आया होगा I
शकुंतला की बात सुनकर उसके ससुर ने रिश्तेदारों को फोन कर के पूछते हैं, तो वह भी कहते हैं कि रवि नहीं आया, अब रवि के मां-बाप और ज्यादा परेशान हो गए थे, की सुबह का गया हुआ बेटा देर रात हो गई, अब तक घर नहीं लौटा I रवि के दोस्तों से आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ की, ढूंढने की कोशिश की पर कहीं उसका तो पता नहीं चला, दूसरे दिन सुबह होते ही रवि के पिता पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट लिखवाने जाते हैं, अपने बेटे के गुमशुदा होने की और किडनैपिंग की I पुलिस वाले उनकी कंप्लेंट लिखवाते हैं, आसपास के एरिया में पूछताछ करते हैं छानबीन करते हैं, पर उन्हें भी कोई जानकारी नहीं मिलती, और उसके बाद पुलिस वाले भी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते I
22 मार्च को रवि लापता हुआ, 23 मार्च को उसके पिता ने कंप्लेंट लिखवाई पूरा अप्रैल, में, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर बीत जाता है, पर रवि की कोई खबर नहीं मिलती और पुलिस वाले भी इस बात को अनदेखा करते हैं I लेकिन रवि के पिता ने अपने बेटे को ढूंढने की कोशिश नहीं छोड़ी, जब देखा कि पुलिस वाले उनकी मदद नहीं कर रहे, तो उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और कहां कि 6 महीने हो गए मेरे बेटा लापता है, मैंने पुलिस स्टेशन में जाकर कंप्लेंट भी लिखवाई थी, पर पुलिस मेरी मदद नहीं कर रही है, इसलिए मैं आपके पास आया हूं मदद मांगने, आप मेरे बेटे को ढूंढने में मदद कीजिए`I
जब एक पिता मजबूर होकर अपने बेटे को ढूंढने की फरियाद अदालत ले जाता है, तो अदालत ने फॉरेन हुक्म देती है, कि इस मामले को दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच को सौंप दो, और अदालत के बात को मानते हुए यह मामला अक्टूबर में दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंप दिया जाता है I अब क्राइम ब्रांच इस मामले के जांच में लग जाती है, शकुंतला के गांव से लेकर, उसकी शादी का, रवि के दोस्तों से लेकर और 22 मार्च को जब रवि गायब हुआ था, सारी कड़ियां, सारी तहकीकात छानबीन उनसे जो बन पड़ता है वह सब करते हैं, फिर भी क्राइम ब्रांच के हाथ कोई सबूत, कोई खबर, या कोई सुराग कुछ भी नहीं मिलता I
धीरे-धीरे 8 साल बीत जाते हैं, 2011 में शुरू हुआ था यह मामला अब 2019 आ जाता है, इन 8 सालों में पुलिस वालों को कई बार लगा शकुंतला का बर्ताव कुछ अलग है बहुत अजीब बर्ताव करती है, और इसी दौरान से शकुंतला के भाई पर भी शक हुआ, पर उसके खिलाफ सबूत नहीं थे, क्राइम ब्रांच पर इस मामले की छानबीन करते-करते बहुत थक गई थी I इसी बीच एक ऑफिसर ने एक बहुत समझदारी का काम किया था, उस ऑफिसर ने कुछ पुलिस वालों को सादी वर्दी में शकुंतला और उसके परिवार वालों की निगरानी में लगा रखा था I
यह बात वहां पहले भी पता चली थी, कि शकुंतला कमल से प्यार करती थी, और इसी वजह से उसके मां-बाप ने उसकी शादी जल्दी करवा दी थी, पर उस वक्त इन दोनों के खिलाफ ऐसी कोई बात या सबूत नहीं मिला, कि इन दोनों पर शक किया जा सके, लेकिन जब पुलिस वाले सादी वर्दी में उनके निगरानी में लगे थे, तब कुछ ऐसी बातें पता चली, उसमें एक बात यह थी कि रवि से शादी के बाद भी शकुंतला कमल से मिलती थी, तब पुलिस वालों को लगा की कही रवि इसी की वजह से कहीं चला गया हो, अगर कहीं गया भी होगा तो इन आठ सालों में वह जिंदा है भी या नहीं इस बात का भी शक था I
एक दिन पुलिस वालों को कमल का ड्राइवर गणेश के बारे में भी पता चला, दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी, और तब पता चला कि 22 मार्च को जब रवि गायब हुआ था, तभी दोनों दिल्ली के समालखा में थे I इस जानकारी के मिलने के बाद पुलिस ने अदालत से दरखास्त की कहा कि उन्हें कमल और गणेश का ब्रेन मैपिंग टेस्ट करना है I इससे पहले भी पुलिस वालों ने कमल और गणेश को कई बार पुलिस स्टेशन बुलाकर पूछताछ की उन्हें डराया, धमकाया पर वह दोनों अपने बयान पर कायम थे, उन्होंने कहा कि उन्हें रवि के बारे में कोई जानकारी नहीं है I
उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था इसी वजह से पुलिस वाले उन्हें अरेस्ट नहीं कर पाए थे, लेकिन जब पुलिस वाले ब्रेन मैपिंग के लिए अदालत से दरखास्त करते हैं, तो अदालत ने इस टेस्ट करने के लिए मंजूरी दे दी I अदालत से मंजूरी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच के ऑफिसर ने अहमदाबाद के फोरेंसिक लैब में कमल और गणेश के ब्रेन मैपिंग टेस्ट चालू करते हैं, और वहां टेस्ट के दौरान भी कमल और गणेश को सवाल पूछते हैं, उस ब्रेन मेंपिक टेस्ट के दौरान दिमाग वह सब बता देता है, जो बातें 8 साल से इनका दिल और दिमाग में कैद थी, 8 सालों से इन्हें अपने दिल में दबा कर रखा था I
ब्रेन मैपिंग टेस्ट में पुलिस वालों को जो सबसे बड़ा सबूत मिला वह यह था, जब पूछा कि रवि कहां है तो एक सवाल के जवाब में बताया की रवि मर चुका है, जब पूछा कि उसकी लाश कहां है, तो कमल ने बताया कि टपूकड़ा में अपने गोडाउन के पास उसने दफनाया है I जब ब्रेन मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट आई तो दिल्ली क्राइम ब्रांच के ऑफिसर कमल और गणेश को लेकर टपूकड़ा पहुंचती है, और जिस जगह कमल ने रवि को दफनाया था, उस जगह कई लोग जमा होते हैं, मजिस्ट्रेट भी मौका ए वारदात पर मौजूद थे, मजिस्ट्रेट को भी वहां बुलाया जाता है I करीब करीब 5, 6 फीट खुदाई के बाद रवि के हड्डियां मिलती हैं I
उन हड्डियों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया जाता है, लैब से रिपोर्ट आई तो पता चलता है कि यह हड्डियां वाकई में रवि की ही है, और इस तरह से 8 साल पुराना कत्ल का राज ब्रेन मैपिंग टेस्ट के जरिए से बाहर आया, ब्रेन मैपिंग यानी दिमाग ने खोला जुबान ने नहीं, और फिर पुलिस वालों ने कमल और गणेश को रवि की कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया I दूसरी तरफ जीस दिन रवि के कब्र की खुदाई हो रही थी, उस दिन शकुंतला अपने घर से अचानक गायब हो गई, और अब पुलिस उसकी तलाश में लगी है, उसका इस तरह से गायब होना इस बात का सबूत देता है कि वह भी इस प्लान में शामिल थी, पर कुछ वक्त के बाद शकुंतला को भी गिरफ्तार किया जाता है, इसके बाद इन तीनों पर धारा 302 के तहत रवि के कत्ल के इल्जाम में अदालत इन तीनों को ताउम्र कैद का फैसला सुनती I