मैंने भगवान को देखा,भयानक रात मंदिर के सीडीओ पर लाइट के…

एक भयानक रात मंदिर के सीडीओ पर लाइट के उजाले में 15 साल का लड़का पढ़ाई करते दिखाई दिया, ठंडी का मौसम था हाथ पैर कांप रहे थे, फिर भी वह अपनी पढ़ाई में व्यस्त था I हफ्ते के दो दिन ही उस रास्ते से मेरा आना जाना था, दिन में कभी दिखाई नहीं देता था, बहुत उत्सुकता थी उस लड़के के बारे में जानने की I एक दिन देर रात खाना खाकर मैं उस रास्ते से गाड़ी लेकर निकला, मन में ख्याल आया अगर वह लड़का वहां पर रहेगा तो, उसके लिए खाने को कुछ लेकर जाऊं, रात के लगभग 12:30 या 1:00 बज रहे थे, मैं उस मंदिर के पास आया वह लड़का हमेशा की तरह मंदिर के सीडीओ पर पढ़ाई करता दिखाई दिया I

गाड़ी रुका कर मैं उसके नजदीक गया, वह मुझे देख मन ही मन मुस्कुराने लगा मानो जैसे मेरी और उसकी पुरानी पहचान हो, मैंने पूछा बेटा जब भी मैं यहां से गुजरता हूं, तो तुम मुझे यहीं पर दिखाई देते हो, तुम रोज यहां बैठकर क्यों पढ़ाई करते हो I वह बच्चा कहने लगा अंकल मेरे घर में लाइट नहीं है, और मेरी मां बहुत बीमार है, हमारे घर में रॉकेल से जलने वाला चिराग है, लेकिन रॉकेल खरीदने के लिए पैसे नहीं है हमारे पास I बेटा तुम मुझे देखकर क्यों मुस्कुराए, तुम्हारा मुस्कुराना देखकर ऐसा लग रहा था, मानो तुम्हारी और मेरी पुरानी पहचान हो I वह कहने लगा “अंकल आप भगवान हो” नहीं बेटा यह तुम क्या कह रहे हो, अंकल आप मेरे लिए भगवान ही हो, रहने दो इस बात को यही खत्म करो I 

इसलिए मैंने कहा कि आप भगवान हो…

तुमने खाना खाया क्या,  यह देखो मैं तुम्हारे लिए खाना लाया हूं, अंकल इसी वजह से मैं मुस्कुराया मुझे पता था, भगवान किस भी रूप में आएंगे, लेकिन मुझे भूखे पेट नहीं सोने देंगे I मैंने कई बार इसका अनुभव किया है, जब भी कभी मैं भूखा रहता हूं, तब भगवान किसी न किसी रूप में आकर मुझे खाना देते है, आज भी मैं भूखा हूं और मुझे यकीन था, मुझे पता था, वह किसी न किसी रूप में मुझे मिलने आएंगे, तभी आप आ गए इसलिए मैंने कहा कि आप भगवान हो I यह सुन मैं निशब्द हो गया उसके आगे मैं कुछ बोल ही नहीं पाया, अनजाने मैं ही सही मेरे हाथों किसी गरीब का पेट भरा I

कर्ज के बोझ तले दबाते हुए हर दिन मैं भगवान को कोसते रहता, आज उन्होंने मुझे एक बच्चे के जरिए से भगवान कहकर शर्मिंदा किया I उस बच्चे ने आधे पेट खाना खाया और कहा अंकल आप यही रुकना मैं यह आधा खाना अपनी मां को देखकर आता हूं, मेरी आंखें नम हो गई, इससे पहले कि मैं उससे कुछ पूछाता, उसने अपनी सारी बातें बता दीं I 5-10 मिनट के बाद वह बच्चा वापस आया देखा तो उसके हाथों में फूल थे, कहने लगा अंकल मेरी मां कहती है, जिस भगवान ने अपना पेट भरा उस भगवान के चरणों में फूल डालना चाहिए I

और मंदिरों पर ताला लगा दिया गया…

मैंने एक पल के लिए अपनी आंखें बंद कर ली, और मेरी नज़र उस मंदिर के बंद दरवाज़े के पीछे भगवान की मूर्ति पर पड़ी, वह भी मुझे उस बच्चे के मुस्कुराने के जैसा लगा I कुछ वक्त के बाद कोरोना के वजह से लॉक डाउन लगा, स्कूल, कॉलेज बंद हो गए, मंदिर भी बंद हो गए और मंदिरों पर ताला लगा दिया गया, और रास्ते भी वीरान थे I ऐसे ही एक रात जानबूझ कर उस मंदिर की ओर देखा, रात का वक्त था मंदिर के सीडीओ पर की लाइट बंद थी, और वह बच्चा भी कहीं दिखाई नहीं दिया I मुझे बहुत बुरा लगा इस कोरोना की महामारी में कहां गया होगा, किस हाल में होगा, वह बच्चा क्या खाता होगा, कैसे जी रहा होगा ऐसे बहुत से अजीब अजीब सवाल मेरे मन में आने लगे I 

कोरोना की महामारी में हजारों लोगों ने अपनी जान गमाई, इसी तरह से मेरा भी एक दोस्त पॉजिटिव हुआ था, और उसकी मौत हो गई, मैं उसके अंतिम संस्कार के लिए शमशान में गया था, मेरे दोस्त का अंतिम संस्कार हो गया और सब लोग अपने-अपने घर की तरफ निकले, मैं घर जाने से पहले हाथ पैर धोने के लिए शिव मंदिर के नजदीक नल पर गया, देखा तो क्या वह लड़का शमशान में लाश पर डाले हुए सफेद कपड़े धोकर शमशान के दीवार पर सुखा रहा था I मुझे देखते ही उसने आवाज लगाई अंकल कह कर, मैंने कहा अरे तूम यहां क्या कर रहे हो, उसने जवाब दिया अंकल अब मैं यहीं पर रहता हूं I 

लेकिन इस शव मंदिर के दरवाजे कभी

हमने घर बदला था लेकिन किराए देने के लिए पैसे नहीं थे, और उसमें कोरोना का लॉकडाउन हुआ तभी वह मंदिर भी बंद हो गया, और सीडीओ पर कि लाइट भी बंद हो गई, फिर मैं और मेरी मां यहां आ गए I मां ने कहा था कुछ भी हो जाए लेकिन पढ़ाई नहीं रुकनी चाहिए, गणेश मंदिर के दरवाजे बंद हो गए, लेकिन इस शव मंदिर के दरवाजे कभी बंद नहीं होते I उस मंदिर में जिंदा लोग आते थे, और इस मंदिर में मरे हुए, अंकल मैंने कभी हर नहीं मानी और इस लाइट के नीचे मैं मन लगाकर पढ़ाई करता हूं, मां हमेशा कहती थी, की जिसने इस दुनिया में भेजा है वही हमारा पेट पालेगा, मैंने कहा वह सब तो ठीक है पर तुम्हारी मां कहां है I 

वह कोरोना की बीमारी होने के वजह से मुझे छोड़कर चली गई, 5 दिनों तक बुखार से लड़ती रही, रात भर खासती रही, मैं कहीं भी गया नहीं यही आधे जेले हुए लड़कियों से मां को अग्नि दी I यहीं इस खोपड़ी में मैं 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन रहा, सरकारी कायदा तोड़ना नहीं, वह अपने भले के लिए कहते हैं, सरकारी कायदो का हमेशा पालन करना, इस तरह से मां हमेशा मुझे समझाया करती I मां की अस्थियां सामने नदी में बहाया, अंकल फिर भी मैं हरा नहीं, दुख सिर्फ इसी बात का है कि मैं अच्छे नंबरों से पास हुआ, यह देखने के लिए मां अब दुनिया में नहीं है, वह जहां भी होगी मेरी कामयाबी देख बहुत खुश होगी I 

बुरा लग रहा था और मेरे आंखें नम हो गई…

कल ही मेरा रिजल्ट आया और स्कूल में मेरा पहला नंबर आया, मेरे सर ने कहा है की अब वह मेरी आगे की पढ़ाई का खर्च मेरे सर उठाएंगे। लेकिन अब असली परेशानी सामने खड़ी हो गई है, अब तो मेरे पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए मोबाइल नहीं है, यह सब सुन मुझे बहुत बुरा लग रहा था और मेरे आंखें नम हो गई थी, यह देख वह कहने लगा, रहने दीजिए अंकल आप क्यों बुरा मान रहे हैं अब मुझे आदत हो गई है परेशानियों से लड़ने की I क्या आपको ख़ुशी नहीं हुई मैं पास हो गया इस बात की, अंकल आप यही रुकिए कहीं मत जाना, यह कह कर वह झोपड़ी में चला गया और अपने हाथों में छोटा सा शक्कर का डब्बा लेकर आया, और मेरे हाथ पर एक चुटकी शक्कर रख दी, कहने लगा कि अंकल मुंह मीठा कीजिए I

वह शक्कर का डब्बा रखने के लिए झोपड़ी में गया, फिर मैंने उस नल का पानी अपने चेहरे पर मारा और होश में आया, अपनी आंखों से बहते हुए आंसुओं को छुपाने के लिए अपना मुँह धोया, वह कहने लगा मुझे पता था इस दुनिया में भगवान है, और वो मेरी खुशी में मेरी पीठ थपथपाने जरूर आएंगे I इससे पहले कि वह कुछ और कहता, मैंने मेरी जेब से मेरा नया मोबाइल जो मैंने अभी अभी खरीदा था, वह उस बच्चे के हाथ पैर रख दिया और उसकी पीठ थपथापाके बाय करके शमशान के बाहर आ गया I अब मैं हर महीने बिना बताए उसका मोबाइल रिचार्ज कराता हूं, मैंने उस लड़के की आँखों में भगवान को देखा, मैंने भगवान को देखा I 

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