एक फैक्ट्री वर्कर से कैसे बने,”द कॉमेडी किंग ऑफ़ बॉलीवुड”…

  आज हम जानेंगे 80 के दशक के एक फैक्ट्री वर्कर से कैसे बने “द कॉमेडी किंग ऑफ़ बॉलीवुड”, शख्सियत के बारे में,  हिंदुस्तान के फिल्म इंडस्ट्री के एक मशहूर कॉमेडियन और अदाकार जिन्होंने कई दशकों तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में राज किया, जबरदस्त कॉमेडी टाइमिंग, शानदार एक्टिंग स्किल्स और लाजवाब फेस एक्सप्रेशन, अपने करियर में हर बड़े स्टार के साथ काम करने वाले इस अदाकार ने जहां फिल्मों में इन्होंने अपनी कॉमेडी और फेस एक्सप्रेशन से दर्शकों को खूब हंसाया, तो वही इसी के साथ हिंदुस्तान के “स्टैंड अप कॉमेडियन” के खोज करने वाला लोगों में इनका नाम शूमार हुआ I इन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, और बेजोड़ मेहनत और लगन से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बुलंदियों को छूने में कामयाबी हासिल की I

करोड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक यह शख्स किसी जमाने में पाई पाई के लिए मोहताज थे, आज के दौर में लग्जरियस गाड़ियों में घूमने वाले और लग्जरी लाइफ जीने वाले यह अदाकार एक दौर में दो वक्त रोटी के लिए सड़कों पर पेन बेचने और फैक्ट्री में मजदूरी करने के लिए मजबूर थे I अपने शराबी पिता की आदतों और घर की हालातो से परेशान होकर इस अदाकार ने अपने जिंदगी खत्म करने का फैसला किया, और खुदकुशी करने के लिए रेलवे ट्रैक पर जाकर सो गए I आखिर कौन है यह अदाकार  जिसने अपने करियर के बीच करियर को छोड़कर धर्म गुरु बन गए , और क्यों तिरंगे के अपमान के मामले में जेल भी गए I 

  आज हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में जानेंगे जिन्हें हिंदुस्तान के फिल्मों के कॉमेडियन सरताज के नाम से भी जाना जाता है, और वह एक कॉमेडियन के साथ ही बेहतरीन अदाकार भी है, जिन्हें सारी दुनिया जॉनी लीवर के नाम से पहचानती है, इनका असली नाम है जॉन प्रकाश राव जनुमाला है I जॉनी लीवर काफी लंबे वक्त तक अकेले ही कॉमेडी सेगमेंट पर राज करते रहे, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि उनकी असल जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से काम नहीं थी I मुंबई के एक मामूली चाल से उठकर करोड़ों के संपत्ति के मालिक बने, फर्श से अर्श तक का सफर, मुफलिसी से आज करोड़ का नेटवर्थ, गुमनाम जिंदगी से जबरदस्त कामयाबी और स्टारडम तक का इनका सफर वाकई में बेमिसाल है I 

    हिंदुस्तान के मशहूर कॉमेडियन और एक्टर जॉनी लीवर का जन्म 14th अक्टूबर 1956 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में तेलुगु और क्रिश्चियन परिवार में हुआ, जिसके चलते माता-पिता ने इनका नाम जॉन प्रकाश राव रखा, प्रकाश राव जनुमाला हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में ऑपरेटर के पद पर काम करते थे, माँ का नाम करुणा जनुमाला ग्रहणी थी, प्रकाश राव को दो बेटे और तीन बेटियां थी जिनमें सबसे बड़े जॉनी थे  I आगे चलकर जॉनी के भाई भी फिल्मों दुनिया का हिस्सा बने, जॉनी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई आंध्र एजुकेशन सोसायटी हाई स्कूल से की थी, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से जॉनी को 7th स्टैंडर्ड में ही पढ़ाई छोड़ने पड़ी I छोटे थे तभी इनका परिवार आंध्र प्रदेश से मुंबई शिफ्ट हुआ था, अपने जॉनी का बचपन मुंबई के धारावी इलाके स्लम बस्ती में गुजर, जॉनी लीवर के मुताबिक उनके बस्ती में हर साल बारिश का पानी भर जाता था, घर के छत से पानी टपकता था, उस पानी को उनकी भाई और बहन घर के बर्तनों में जमा कर बाहर फेंका करते थे I  

   जॉनी अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे, और उनके पिता हर वक्त शराब के नशे में थे, इसी वजह से जॉनी के कंधे पर घर की जिम्मेदारी आई थी, और उन्हें बेहद छोटी उम्र में रोजी-रोटी के लिए काम की तलाश में घर से निकलना पड़ा I जॉनी ने कुछ दिनों का हैदराबाद के याकूतपुरा में भी काम किया, जॉनी बताते हैं कि उनके पिता के हरकतों से तंग आकर रेलवे ट्रैक पर लेट गए और खुदकुशी करनी चाहि, जिससे सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगे I जॉनी ने अपने पिता के साथ ही हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में मजदूरी का काम करना शुरू किया, और उन्हें हर महीना ₹80 तनखा मिलती थी, फैक्ट्री में काम करने के दौरान ही इन्हें कॉमेडी प्रतिभा को निखारने का मौका भी मिला, क्योंकि यह खाली समय उस फैक्ट्री में को वर्कर्स को अपने कॉमेडी से खूब हंसते थे,और यहीं पर उनके को वर्कर्स ने उन्हें जॉनी लीवर नाम दिया, इसके बाद जॉनी हर जगह पर अपनी इसी नाम से पहचान करते थे I

पांच भाई बहनों का परिवार चलाने के लिए यह काम काफी नहीं था, इसलिए जॉनी ने सड़कों पर सिग्नल पर फेरी लगाकर पेन बेचने का काम किया, और इसे हर दिन की उनकी ₹5 ₹6 रुपए की कमाई होती थी, और धीरे-धीरे जॉनी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के अदाकाराओं की मिमिक्री करते हुए पेन बेचने लगे, जिससे उनकी एक दिन की कमाई ₹400 से ₹500 रुपए तक पहुंच गई I जॉनी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कॉमेडियन मेहमूद साहब, जॉनी वॉकर और किशोर कुमार से बहुत प्रभावित थे, और उन दिनों जॉनी ने स्टैंड अप कॉमेडियन दिनेश हिंगो को कॉमेडी शो करते हुए देखा और उनके इस काम से वह इतने प्रभावीत हुए, कि उस वक्त उन्होंने ऐसा ही कैरियर बनाने की ठान लिया I 

   कुछ दिनों बाद जॉनी की मुलाकात मशहूर कॉमेडियन नरेला वेणु माधव से हुई, दिनेश हिंगो, नरेला वेणु माधव इन दोनों से ही जॉनी ने कॉमेडी की बेसिक सखी, साथ ही इन्होंने प्रताप को अपना उपदेशक बनाया, और मिमिक्री आर्टिस्ट रामकुमार के भी संपर्क में आए I इन्हीं की मदद से जॉनी दिनेश हिंगो से मिले और उन्होंने इन्हें एक स्टेज शो स्टैंड अप कॉमेडी करने का मौका दिया, दर्शकों को उनकी कॉमेडी काफी अच्छी लगी, लोगों ने उनके कॉमेडी के खूब मजे लिए, और फिर यहीं से उनकी गाड़ी चल पड़ी I धीरे-धीरे स्टैंड अप कॉमेडी में जॉनी का नाम होने लगा, तब कई मशहूर आर्केस्ट्रा कंपनियां जॉनी को साइन करने लगी, और यह स्टेज पर स्टैंड अप कॉमेडियन के तौर पर काम करने लगे, 

   स्टैंड अप कॉमेडी करने के दौरान ही जाने मानी अदाकारा तबस्सुम हिट परेड का भी हिस्सा बने, उसके बाद मशहूर संगीतकार कल्याण जी आनंद जी म्यूजिकल ग्रुप में इन्हें सिलेक्ट किया, इस ग्रुप के संगीत मंडली में फिलर के तौर पर काम करना शुरू किया, और इन्हें पूरी दुनिया में होने वाले कार्यक्रमों में जाने का मौका मिलने लगा I जॉनी लीवर ने लगभग 6 साल फैक्ट्री में मजदूरी करने के बाद वह काम छोड़, क्योंकि अब इनके स्टैंड अप कॉमेडी शो से ही अच्छी खासी कमाई होने लगी थी, और घर अच्छे से चलने लगा था I स्टैंड अप कॉमेडी के दौरान है उस जमाने के मशहूर अदाकार सुनील दत्त साहब की नजर जॉनी लीवर पर पड़ी, और उन्होंने जॉनी लीवर को अपने फिल्म में एक मौका दिया, वह फिल्म थी साल 1982 में आई “दर्द का रिश्ता” और इस फिल्म से जॉनी लीवर को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक मिला I

इस फिल्म के मिलने से काफी पहले ही गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा तबस्सुम ने जॉनी लीवर को अपनी एक फिल्म “तुम पर हम कुर्बान” में कास्ट किया था, पर यह फिल्म देरी से साल 1985 में पर्दे पर आई थी, जॉनी लीवर फिल्म “जलवा” , “हीरो हीरालाल” में दिग्गज अदाकार नसीरुद्दीन शाह के साथ नजर आए, कामयाबी शाहरुख खान की फिल्म “बाजीगर” से मिली, और बस यही से जॉनी लीवर की जिंदगी बदल गई, और यहीं से उन्हें एक के बाद एक फिल्में मिलने लगे I धीरे-धीरे जॉनी लीवर अपने दौर के हर दूसरी फिल्म में कॉमेडियन के रूप में नजर आने लगे, साल 1986 में जॉनी लीवर को शेखर कपूर ने अपने कमर्शियल कछुआ छाप में भी कास्ट किया, और इसी के साथ यह टीवी कमर्शियल में भी नजर आने लगे I 

  साथ ही जॉनी ने अपना कॉमेडी शो हंसी के हंगामे का कैसेट भी रिलीज किया, जो की काफी हिट रहा, इसके साथ जॉनी ने “होप 86” के नाम से एक कामयाब चैरिटी शो भी होस्ट किया, उसके बाद जॉनी लीवर कॉमेडी में हिट होते गए, और देखते ही देखते जॉनी लीवर हिंदी फिल्मों में एक बड़ा नाम बन गए I हिंदी फिल्मों में जॉनी लीवर का जलवा सालों तक बरकरार रहा, और जॉनी सैकड़ो सुपरहिट फिल्मों में अहम हिस्सा रहे, और जॉनी लीवर के लिए फिल्मों में अलग से किरदार लिखे जाने लगे, जैसे कभी टुनटुन, जॉनी वॉकर, और मोहम्मद के लिए होता था I 

  करियर के बुलंदी पर हर साल जॉनी लीवर की 10 से 12 फिल्में रिलीज होती थी, उस वक्त उनके पास इतना काम था कि इन्हें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलती थी I जॉनी लीवर के सभी फिल्मों का जिक्र करना तो काफी मुश्किल है, लेकिन इनके कुछ ब्लॉकबस्टर फिल्मों के बारे में जानेंगे जिसमें इन्होंने दमदार अभिनय किया है, जैसे की बाजीगर के अलावा बादशाह, तेज़ाब, और इलाका” यह फिल्में जॉनी लीवर के खास फिल्मों में शामिल है I इसके अलावा फिल्म “किशन कन्हैया” “बंद दरवाजा” में भी इनका किरदार मजबूत रहा, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया,साथ ही “चमत्कार” “इंसानियत का देवता” “रूप की रानी चोरों का राजा” यह 90 के दशक की वह फिल्में रही चीन में जॉनी लीवर ने दमदार अभिनय से अपनी मौजूदगी का एहसास कराया I

 इन फिल्मों में भी जॉनी ने अपने कॉमिक टाइमिंग से लोगों को लोटपोट किया, इसके अलावा “इंडियन” “सपूत” “बारूद” इन फिल्मों में भी इनका इंपॉर्टेंट रोल रहा, और फिल्म “कुछ कुछ होता है” इस फिल्म के कई डायलॉग आज भी याद किया जाते हैं I मशहूर अदाकार सलमान खान और शाहरुख खान की फिल्म “करण अर्जुन” जैसे हिट फिल्मों के मुख्य किरदार रहे, और बड़े-बड़े एक्टर्स के अभिनय पर भारी पड़े I साल 1997 में आई फिल्म “दीवाना मस्ताना” और साल 1998 की फिल्म “दुल्हे राजा” के लिए जॉनी लीवर को फिल्म फेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया I “36 चीन टाउन” “अजनबी” “यस बॉस” इन फिल्मों में भी जॉनी लीवर की किरदार इतने यादगार रहे, की थिएटर से बाहर आते हुए दर्शक उनके डायलॉग याद कर हंसते हुए घर जाते थे I तो वही “नायक द हीरो” “फिर हेरा फेरी” “दिल है हिंदुस्तानी” “फर्ज” “आशिक” “चुपके चुपके” जैसे फिल्में भी इनके बिना अधूरी माने जाएंगे I

   फिल्म “राजा हिंदुस्तानी” में जॉनी ने कॉमेडी के साथ इमोशनल एक्टिंग का भी तड़का लगाया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया, तो वही फिल्म “कोई मिल गया” में भी जॉनी का इंपॉर्टेंट रोल रहा, रोहित शेट्टी की फिल्म “गोलमाल” में भी इनके निभाई पप्पी भाई के किरदार को भी खास तौर पर बच्चों ने खूब इंजॉय किया, और हर कोई भूला कहते हुए नजर आ रहा था I फिल्मों के साथ ही जॉनी लीवर ने छोटे पर्दे पर भी अपनी कॉमेडी के जलवे बिखेरे, साल 1993 में “जबान संभाल के” इस शो में एक एपिसोड का हिस्सा रहे, ज़ी टीवी के शो “जॉनी आला रे” में भी खास और नए अंदाज में नजर आए I  

   इसी के साथ जॉनी ने साल 2007 में स्टैंड अप रियलिटी शो कॉमेडी सर्कस में भी जज की भूमिका निभाई, जॉनी ने फिल्मों और टीवी शो के अलावा दुनिया भर में हजारों लाइव शो किए, और दुनिया के हर कोने में उनके प्रशंसक और फैन मौजूद है I यह सीने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट है और साथ ही मिमिक्री आर्टिस्ट एसोसिएशन मुंबई के प्रेसिडेंट है I रोते हुए लोगों को हंसाने में माहिर जॉनी लीवर अपने निजी जिंदगी में बहुत से दुख झेले, कभी इन्हें अपने पिता को अस्पताल में बीमार छोड़ अपने कॉमेडी सीन के शूटिंग के लिए जाना पड़ा, तो बेटे की बीमारी ने इन्हें तोड़ कर रख दिया, वही एक वक्त ऐसा भी आया जहां जॉनी खुद बहक गए, और उनकी कामयाबी और उनके सफलता इनके सर चढ़कर बर्बाद करने लगी, इसका खामियाजा भी इन्हें भुगतना पड़ा I 

जॉनी ने इसके बारे में बात करते हुए एक इंटरव्यू में बताया है, मेरे पास काम और पैसे की कोई कमी नहीं थी, सफलता मेरे सर चढ गई थी, मैं हर रोज देड बोतल शराब पीता था, और 4 पैकेट सिगरेट पी जाता था, मेरी पत्नी जब मुझे रोकती थी, तब मुझे बहुत गुस्सा आता था, मेरे मन में चलता था कि मैंने अपने दम पर पैसे कमाया है, और मैं इसे जैसे चाहूं वैसे इस्तेमाल कर सकता हूं, पर ऐसे ज्यादा वक्त तक चल नहीं I जॉनी लीवर के बेटे जैसी लीवर को ब्रेन ट्यूमर हो गया, जिसे डॉक्टर ने ला इलाज बता दिया, तब जॉनी की किस्मत ने एक बार फिर करवट ली, और जॉनी को अपने बेटे के इलाज के लिए अमेरिका जाना पड़ा, वहां एक चर्च में प्रेयर के दौरान एक फादर ने अस्पताल का पता दिया, और इस अस्पताल में इलाज करने के बाद जब जॉनी ने अपने बेटे का दोबारा से टेस्ट करवाएं तो रिपोर्ट्स बिल्कुल नॉर्मल थी, उसके बाद जॉनी का ईश्वर पर विश्वास बढ़ गया, और तभी से जॉनी ने शराब और सिगरेट को छुआ तक नहीं I 

जॉनी ने सिर्फ फैमिली कॉमेडी करने का फैसला किया, और बेढंगा कॉमेडी से तौबा कर लिया, इसके बाद जॉनी लीवर की जिंदगी में कुछ और बदलाव हुए, बदलाव के बाद जॉनी लीवर धर्म उपदेश बन गए, मुंबई, चेन्नई और अमेरिका में होने वाले हर इतवार को प्रेयर मीटिंग्स में जॉनी लीवर हिस्सा लेने लगे I प्रार्थना स्वभाव हजारों के तादाद में लोग आने लगे, लोग उनके बेटे के ठीक होने की कहानी को सुनते और प्रभावित भी होते, फिर ईश्वर पर उनका भी विश्वास बढ़ता I इसी दौरान जॉनी लीवर ने मशहूर अदाकार रितिक रोशन से जुड़ा हुआ किस्सा भी बताया, जो बाद में काफी वायरल भी हुआ था, जॉनी ने अपनी कहानी में बताया था रितिक रोशन को उनके करियर के शुरुआती दिनों में उनके लीवर में सूजन आई थी, और इसके बारे में उनके पिता राकेश रोशन ने जॉनी लीवर को बताया, तब जॉनी ने रितिक रोशन को बुलाकर यीशु का नाम लिया, तब रितिक रोशन बीमारी दूर हो गई I

जॉनी लीवर से जुडे हुई विवाद :

   8 दिसंबर1998 को दुबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम के बेटे की बर्थडे पार्टी थी, और उस पार्टी में जॉनी लीवर भी आमंत्रित थे, इस पार्टी में वहां मौजूद लोगों के सामने जॉनी ने कुछ ऐसा कहा की इन पर इंडियन कांस्टीट्यूशन, तिरंगे का और राष्ट्रगीत का अपमान करने का इल्जाम लगा, हिंदुस्तान में जनता जॉनी लीवर के खिलाफ नारे लगाने लगे, और कुछ लोगों ने उनके खिलाफ F.I.R. दर्ज करवाई, जिस पर कोर्ट ने जॉनी लीवर को 7 दिन की सजा सुनाई, पर जब जॉनी लीवर को अपनी गलतियों का एहसास हुआ, तब उन्होंने अपनी गलती की माफी मांगी, फिर कोर्ट ने इन्हें सिर्फ एक दिन की सजा सुनाई, इस घटना पर एक इंटरव्यू में जॉनी लीवर ने कहा था कि वह बेहद शर्मिंदा है कि उनसे अनजाने में बड़ी गलती हो गई I

साल 1998 में आई फिल्म तेज़ाब में जॉनी लीवर और अनिल कपूर साथ में काम कर रहे थे, एक दिन हैदराबाद में फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद कुछ दोस्तों के कहने पर जॉनी लीवर ने अनिल कपूर को फोन लगाया और उस दौर के मशहूर अदाकार शत्रुघ्न सिन्हा के आवाज में बात की, जॉनी ने शत्रुघ्न साहब की इतनी जबरदस्त मिमिक्री की अनिल कपूर इतने अदब और तहजीब से बात कर रहे थे कि उन्हें लग रहा था, वह सच में शत्रुघ्न साहब से बात कर रहे हैं, कुछ देर बाद जॉनी लीवर अपनी हंसी रोक नहीं पाए और उन्होंने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा नहीं पिछले कुछ देर से जॉनी लीवर उनसे मजाक कर रहे हैं I जॉनी लीवर के इस मजाक से अनिल कपूर बहुत भड़क गए, उन्होंने फोन पर जॉनी को बहुत कुछ सुनाया I 

  भले ही जॉनी लीवर ने सातवीं के बाद पढ़ाई नहीं की, पर इनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत ही कमल का था, बड़े  दिग्गज कलाकारों को अपनी बातों में उलझा देते थे, जॉनी लीवर के मातृभाषा तेलुगू है, पर तेलुगू के अलावा इन्हें मराठी, हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी, और तुलु लैंग्वेज काफी अच्छे से बोलते हैं I हिंदी फिल्मों के अलावा भी जॉनी लीवर ने तुलु, तमिल, कन्नड़, पंजाबी, भोजपुरी जैसे फिल्मों में भी काम किया है, और अपने अभिनय को विस्तार दिया है I  

 जॉनी लीवर की निजी जिंदगी :

   जॉनी लीवर ने 1984 में सुजाता नाम के लड़की से शादी की, आज उनके दो बच्चे हैं बेटी जेमी लीवर और बेटा जेसी लीवर, बेटा जेसी लीवर अभी पढ़ाई कर रहा है, तो वही उनकी बेटी जेमी लीवर अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए स्टैंड अप कॉमेडियन बन चुकी है, और जेमी ने कुछ फिल्मों में भी अभिनय किया है, इनके कॉमेडी और एक्टिंग को देखकर कोई भी ये कह सकता है, जेमी लीवर बहुत टैलेंटेड है, और उन्हें किसी नेपोटिज्म की वजह से नहीं बल्कि अपने प्रतिभा से कम मिला है I जेमी लीवर ने बहुत से टीवी शो में भी हिस्सा लिया है, तो वही अपना एक ऐसा शो भी शुरू किया, जिस देश का पहला कॉमेडी वन वुमन शो बताया गया, उस शो का नाम था “द जेमी लीवर शो” रखा गया I जॉनी लीवर के एक भाई भी एक स्टैंड अप कॉमेडियन है I 

जॉनी लीवर को तेरा बार फिल्म फेयर के अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया, और उसमें से सिर्फ दो बार ही जॉनी लीवर ने फिल्मफेयर अवार्ड को अपनाया I आज जॉनी लीवर दुनिया के दिग्गज कॉमेडियन में से एक माने जाते हैं, 66 साल के हुए जॉनी लीवर के पास आज करोड़ों का बंगला, ढेर सारी महंगी गाड़ियां और एक खुशहाल परिवार है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जॉनी लीवर की नेट वर्थ 227 करोड रुपए है I जॉनी मुंबई के लोखंडवाला इलाके में बंगले में रहते हैं, और इसी के साथ जॉनी लीवर का एक विला भी है, आने वाले समय में जॉनी लीवर “हाउसफुल 5” मे अभिनय करते नजर आएंगे, और कुछ प्रोजेक्ट भी जॉनी ने साइन किए हैं I 

  80 के दशक में जब फिल्मों से कॉमेडियन गायब होने लगे थे, और उनकी जगह हीरो कॉमेडी कर रहे थे, उस दौर में जॉनी लीवर ने अपनी कॉमेडी और बेमिसाल अदाकारी से अपने कामयाबी का डंका बजाया, और हिंदी फिल्मों में कॉमेडियंस की एक खास जगह बनाई, और फिल्मों में कॉमेडियन की जगह और जरूरत को मजबूती दी, जाहिर है इसे बहुत बड़ी उपलब्धि है माना जाएगा, और जब भी हिंदी फिल्मों के कॉमेडियन का जिक्र होगा, जॉनी लीवर के चर्चा के बगैर उस जिक्र को अधूरा माना जाएगा, वाकई में जॉनी लीवर को कोई भूल नहीं सकता और उन्हें भूलना मुश्किल होगा I हिंदुस्तान के फिल्म इंडस्ट्री में जॉनी लीवर के योगदान को रहती दुनिया तक याद रखा जाएगा I

   तो यह थी दोस्तों “द ग्रेट इंडियन कॉमेडियन एंड एक्टर” जॉनी लीवर के जीवन का परिचय I 

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