एक कोठे वाली की बेटी कह कर फिल्म इंडस्ट्री ने इंकारा था, उसी की बेटी ने फिल्म इंडस्ट्री में एक कामयाब अदाकारा बनी…

   जिस लड़की को एक कोठे वाली की बेटी कह कर फिल्म इंडस्ट्री ने इंकार था, सालों बाद उसी की बेटी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक कामयाब अदाकारा बनी, और सबसे प्रतिष्ठित खानदान की बहू भी बनी I दिल में हीरोइन बनने की चाहत और आंखों में बेबसी के आंसू और इसी के साथ तकदीर में लिख दी कोठी की बदनाम जिंदगी, एक ऐसी लड़की जिसके कोख से जन्मी थी, 70 के दशक की खूबसूरत अदाकारा, इस लड़की को तो फिल्म इंडस्ट्री ने इंकार था पर उसकी बेटी ने अदाकारा बनकर न सिर्फ अपनी मां के महत्वाकांक्षा को पूरा किया बल्कि अपने खूबसूरत हुस्न और अदाओं के दम पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने कामयाबी के झंडे गाड़े और वो बनी अपने दौर की सबसे मशहूर और कामयाब सुपरस्टार अदाकारा I

  अपनी उम्र के महेज 22 साल में ही इस कामयाब अदाकारा ने सफलता के शिखर पर पहुंचकर अचानक अपने कामयाब फिल्में करियर को अलविदा कहकर, वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर और सबसे प्रतिष्ठित घराने की बहू बनी I लेकिन इस कामयाब अदाकारा के नानी को 10 साल की छोटी उम्र में उनके करीबी रिश्तेदारों ने ही एक कोठी पर बेच दिया था, और वह छोटी बच्ची कई सालों बाद उन बदनाम गलियों से भागने में कामयाबी तो मिली, पर अफसोस उनकी किस्मत नहीं बदली, कभी उन्हें बनना पड़ा एक रईस नवाब की दूसरी औरत, तो कभी उन्हें बनना पड़ा एक रईस जादे के हवस का शिकार I आखिर कौन थी यह कामयाब अदाकारा और क्यों इतनी उलझी और चर्चित रही उनकी नानी और मां की जिंदगी I

    आज हम जानेंगे 70 के दशक की एक ऐसी मशहूर अदाकारा नीतू सिंह के बारे में जिनकी खूबसूरती और अदाकारी ने लाखों सिने प्रेमियों को उनके अदाकारी का दीवाना बनाया था, उस अदाकारा के बारे में जानने से पहले आज हम जानेंगे उस मशहूर अदाकारा के फैमिली बैकग्राउंड के बारे में I आज से लगभग 100 साल पहले पंजाब के एक छोटे से गांव में पंजाबी परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ, मां बाप ने अपने बेटी का नाम हरजीत कौर रखा, हरजीत जब 10 साल की थी तब किसी बीमारी के चलाते उसके माता-पिता का निधन हुआ, और मां-बाप के बाद उनके सारे प्रॉपर्टी की हकदार हरजीत कौर हुई, माता-पिता के निधन के बाद हरजीत के परवरिश की जिम्मेदारी उसके चाचा और चाची पर आए, लेकिन प्रॉपर्टी के लालच में चाचा और चाची ने उस छोटी बच्ची पर पहले तो जुल्म सितम किया, फिर बाद में उसे पंजाब से दूर ले जाकर दिल्ली के एक कोठी पर उसकी नीलामी की I

  कोठे की बदनाम गलियां वहां की रवैए कैसे होते हैं यह तो सबको पता ही है, उस 10 साल के बच्ची से भी वही करवाने लगे, और हर रोज उसे एक नए आदमी के हाथ सोफ़ने लगे, इसी कोठी पर 10 साल की हार जीत 18 साल की हो गई, कोठे की बदनाम जिंदगी से थक हार कर हरजीत बदनाम गलियों से भागने में कामयाब हुई I कोठे से भाग कर सड़क पर भटक रही हरजीत को एक बड़े से गाड़ी से गुजर रहे रईस नवाब ने उसकी मदद करने का दिलासा देकर उसे अपने साथ गाड़ी में बैठने को कहा, उस गाड़ी में बैठा वह नवाब लखनऊ का मशहूर नवाब अमीनुल्लाह शेख था, नवाब अमीनुल्लाह शादीशुदा और उनके बच्चे भी थे, हरजीत कौर को अपने साथ लाकर अमीनुल्लाह अपने दूसरे हवेली में अपनी रखेल बनाकर रख देता है I

    कोठे की बदनाम गलियों से यहां रहना बेहतर है यह समझकर और इसे अपनी तकदीर समझ कर हरजीत कौर नवाब के हवेली में रहने के लिए राजी होती है I नवाब की हवेली में आकर 4 साल का वक्त गुजर और 4 साल के बाद नवाब अमीनुल्लाह का इंतकाल हुआ, नवाब के इंतकाल के बाद उनकी बीवी और बच्चों ने हरजीत कौर को धक्के मार कर हवेली से निकाल दिया I नवाब की मौत के बाद हरजीत कौर एक बार फिर सड़क पर आ गई, और दरबदर की ठोकरे खाने को मजबूर हुई, फिर लखनऊ के राइस सेठ जमाल खान हरजीत कौर को ले जाकर लखनऊ के एक कोठे पर बेच दिया I एक बार फिर से हरजीत कौर को उसकी किस्मत उसे कोठी की बदनाम गलियों के चौखट पर लाकर खड़ा किया, कहां से हो भाग गई थी, कोठे पर भी दिन रात नए आदमियों के हाथों बिकते हुए हरजीत की जिंदगी गुजारने लगी I 

    कुछ वक्त के बाद इस कोठे पर रहने वाले फतेह सिंह नाम एक दलाल ने हरजीत से शादी कर ली, पर उस कोठे की मालकिन के शर्त के मुताबिक शादी के बाद भी हरजीत का हर रोज नए आदमियों के हाथ बिकना जारी था, कुछ साल बाद हरजीत को एक बेटी पैदा हुई और उसका नाम राजी सिंह रखा, राजी जब 14 साल की हुई, तब  उसे भी इस कोठे के धंधे में ले लिया गया, और 14 साल की उम्र से ही राजी को वो सब काम करवाने लगे जो 10 साल की उम्र से लेकर आज तक उसकी मां कर रही थी I राजी एक महत्वाकांक्षा लड़की थी, और उसके आंखों में अदाकारा बनाने के सपने थे, और अपने सपने के बारे में जब राजी ने अपने माता-पिता से कहा तो उस वक्त उसे बहुत मार पड़ी, ऐसे ही वक्त बितता गया, और 14 साल की राजी अब 22 साल की हो चुकी थी, और एक दिन मौका देखकर उन कोठी के बदनाम गलियों से राजी भागने में कामयाब हुई I

राजी लखनऊ से भाग कर दिल्ली पहुंच गई और वहां एक मिल में काम करने लगी, मिल में काम करने के दौरान राजी की पहचान वहां के सुपरवाइजर दर्शन सिंह से होती है, फिर राजी और दर्शन ने शादी कर ली और शादी के 1 साल बाद 8 जुलाई 1958 को उनके यहां एक बेटी ने जन्म लिया, और मां बाप ने उसका नाम हरमीत कौर रखा, जो दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी, और यही नन्ही परी आगे चलकर नीतू सिंह के नाम से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कामयाब अदाकारा बनी I वक्त यूं ही बीता गया और 5 साल के बाद राजी सिंह और दर्शन सिंह दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हुए, मुंबई में हिल ग्रेस हाई स्कूल में हरमीत कौर का दाखिला कराया, तो वही मुंबई आने के बाद राजी सिंह ने अदाकारा बनने की ख्वाहिश लेकर स्टूडियो और डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के ऑफिस के चक्कर लगाने लगी, लेकिन किसी ने उन्हें काम नहीं दिया, इतने ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद राजी सिंह को समझ आ गया था, कि अदाकारा बनने का सपना अब उनका पूरा नहीं होने वाला है I 

    इसलिए अब राजी सिंह अपनी बेटी हरमीत को फिल्मों में लाने की तैयारी में लग गई, जिससे वह अपनी और अपनी बेटी की जिंदगी को बदल सके, और बहुत है जल्दी उनकी मेहनत को कामयाबी भी मिल गई, टी. प्रकाश राव के निर्देशन में बनने वाली फिल्म में राजश्री फिल्म प्रोडक्शन में बनने वाली फिल्म “सूरज” में हरमीत कौर को बतौर बाल कलाकार के रूप में साइन किया गया I हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हरमीत कौर को बेबी सोनिया के नाम से पहचान कराई गई, साल 1966 में आई फिल्म “सूरज” बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, और इस फिल्म के बाद बेबी सोनिया के पास फिल्मों की लाइन लग गई, और साल 1966 में ही बेबी सोनिया की एक और फिल्म “दस लाख” रिलीज हुई I इसके बाद साल 1968 में एक और फिल्म “दो दूनी चार” और “दो कलियां” रिलीज हुई I 

“दो कलियाँ” (1968) – इस फिल्म में नीतू सिंह ने जुड़वा बहनों का दोहरी भूमिका निभाई थी, यह फिल्म तमिल फिल्म “कुज़ानधैयुम दैवमुम” की रीमेक थी और उनकी भूमिका को खूब सराहा गया, दर्शकों ने इसे खूब पसंद भी किया, और यह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई I इसके बाद साल 1970 में फिल्म “घर घर की कहानी” और “पवित्र पापी” आई और बतौर बाल कलाकार के रूप में खूब सराहा गया, और दर्शकों ने बहुत प्यार दिया I अपने बच्ची को फिल्म में सफलता पाते देख राजी सिंह को एक डर सताने लगा, उन्हें लगने लगा कि कहीं उनके बच्ची का भी करियर डेजी ईरानी की तरह कहीं बीच में ही न रुक जाए, और बड़े होने के बाद एक अदाकारा के तौर पर दर्शक इन्हें इंकार ना दे, यही सोच कर राजी सिंह ने हरमीत कौर को लेकर फिल्म इंडस्ट्री से दूर पंजाब चली गई, और कुछ साल बिना किसी फिल्मी में काम किया वही अपनी जिंदगी गुजारी, इस सब बीच में राजी सिंह के पति दर्शन सिंह के साथ क्या हुआ, क्या राजी सिंह और दर्शन सिंह के बीच डाइवोर्स हुआ, या दर्शन सिंह का निधन हुआ इसकी ज्यादातर जानकारी नहीं मिली I 

   3 साल बाद राजी सिंह अपनी बेटी के साथ एक बार फिर पंजाब से सपनों के शहर मुंबई आई, और उन्होंने अपनी बेटी को नया नाम नीतू सिंह दिया, नीतू सिंह अब खूबसूरत और हसीन नजर आ रही थी, और अब इन तीन सालों में दर्शक बेबी सोनिया को भूल चुके थे, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में नीतू सिंह को कम मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगा I उस जमाने के मशहूर डायरेक्टर के शंकर ने अपनी नई फिल्म “रिक्शावाला” में नीतू सिंह को कास्ट किया, और इस फिल्म में नीतू सिंह के साथ लीड रोल में अदाकार रणधीर कपूर थे, साल 1973 में रिलीज हुई ये फिल्म पर्दे पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, और इस बात से राजी सिंह डर गई कहीं उनके बेटी पर फ्लॉप अदाकारा की मोहर ना लग जाए और उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से बाहर जाना पड़ेगा I 

डर के मारे राजी सिंह ने अपनी बेटी नीतू सिंह का एक हॉट फोटोशूट करवाया, और जब नीतू सिंह के हॉट और बोल्ड फोटो उस जमाने के मैगजीन में छपी तो वो फोटो उस जमाने की सुर्खियां बन गई, और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मच गया I हॉट फोटो शूट के बाद नीतू सिंह हर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की पहली पसंद बन गई, और हर कोई उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए बेकरार थे, पर ऐसा कहा जाता है नीतू सिंह उसी फिल्म में काम करती थी, जो उनकी मां सिलेक्ट करती थी I साल 1973 में ही नीतू सिंह की एक और फिल्म “यादों की बारात” रिलीज हुई, उस जमाने के मशहूर डायरेक्टर नासिर हुसैन के निर्देशन में बनी मल्टी स्टार फिल्म सुपरहिट साबित हुई I फिल्म में नीतू सिंह के साथ और भी कई सितारे मुख्य रूप में थे, अदाकार धर्मेंद्र उस जमाने की मशहूर अदाकारा जीनत अमन, जैसे अदाकार शामिल है I

इस फिल्म के गाने बहुत ही लोकप्रिय हुए थे,

   साल 1974 में नीतू सिंह की कुछ फिल्में आई पहली “शतरंज के मोहरे” और दूसरी “आशियाना” “जहरीला इंसान” और “हवास” एक के बाद एक चार फिल्में रिलीज हुई, और यह चारों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही I इसके बाद साल 1975 नीतू सिंह के लिए काफी लकी रहा, और इसी साल नीतू सिंह की पांच फिल्में रिलीज हुई जिसमें से तीन फिल्मों ने पर्दे पर आग लगा दी, “खेल खेल में” “रफू चक्कर” और “दीवार” यह फिल्में उस जमाने के सारे फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे I फिल्म “खेल खेल में” 1975 में रिलीज़ हुई थी, और इसमें नीतू सिंह और ऋषि कपूर ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं, यह फिल्म रवि टंडन द्वारा निर्देशित थी और इसमें रोमांचक कहानी के साथ मस्ती और थ्रिल का अद्भुत मिश्रण था।

  “खेल-खेल में” इस फिल्म से ही ऋषि कपूर और नीतू सिंह के बीच नजदीकियां बढ़ गई, और यहीं से इनके प्यार की शुरुआत हुई थी, इसके बाद ऋषि कपूर के साथ ही आई नीतू सिंह की फिल्म “रफू चक्कर” भी सुपरहिट साबित हुई, इस फिल्म में भी इन दोनों की जोड़ी को दर्शकों ने खूब प्यार दिया और उनके अभिनय कला को सराहा गया, और उस दौर में इस जोड़ी को दर्शकों की पसंदीदा जोड़ी में गिने जाने लगी I इसी साल की इनकी तीसरी फिल्म “दीवार” यह फिल्म उस दौर में ब्लॉकबस्टर साबित हुई, नीतू सिंह के साथ लीड रोल में उस जमाने के मशहूर अदाकार शशि कपूर थे, यह एक मल्टी स्टार फिल्म थी इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, परवीन बॉबी, निरूपा रॉय शामिल है I 

   दीवार” एक महत्वपूर्ण फिल्म थी जिसने अमिताभ बच्चन को “एंग्री यंग मैन” के रूप में स्थापित किया, फिल्म की कहानी, अभिनय, संवाद और निर्देशन सभी ने इसे एक क्लासिक बना दिया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी बड़ी हिट साबित हुई और इसे कई पुरस्कार मिले। “दीवार” आज भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जाती है और इसे बार-बार देखा और सराहा जाता है। इसके बाद एक सुपरहिट फिल्मों में काम करने के बाद नीतू सिंह की गिनती उस जमाने है टॉप के अदाकाराओं में शुमार हुई I इसके बाद साल 1976 में पांच फिल्में और रिलीज हुई I 

ऋषि कपूर के साथ आई फिल्म “कभी-कभी” के सफलता में इंडस्ट्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, और इस फिल्म के बदौलत नीतू सिंह कामयाबी के शिखर पर पहुंची, और उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक कामयाब अदाकारा की पहचान मिली I साल 1977 में 

     

 जैसे कुल11 फिल्में रिलीज हुई, फिल्म “अदालत” और “परवरिश” में नीतू सिंह को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ लीड रोल में काम करने का मौका मिला, और वही धर्मवीर में अदाकार जितेंद्र के साथ नजर आई, और इसी के साथ एक बार फिर “अमर अकबर एंथोनी” में ऋषि कपूर के साथ नीतू सिंह ने अदाकारा की भूमिका बखूबी निभाई I इन फिल्मों के बाद भी नीतू सिंह का हिट फिल्मों का सिलसिला जारी रहा, जैसे “हीरालाल पन्नालाल” “द ग्रेट गैंबलर” “आतिश” “काला पत्थर” “जानी दुश्मन” “जहरीली” जैसे फिल्में शुमार है I कुछ ही सालों में नीतू सिंह दर्जनौ सुपरहिट फिल्मों की बदौलत अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी और सफलता के शिखर पर पहुंची I 

  अपनी बेटी की मेहनत और करियर कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद मां राजी सिंह ने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपना हाथ आजमाया, और 1975 में आए फिल्म “रानी और लाल परी” में सिंड्रेला का किरदार बखूबी अदा किया, और इसी के साथ फिल्म “कभी-कभी”, “दूसरा आदमी”, “द ग्रेट गैंबलर” के स्टार कास्ट के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किया I आखिर क्यों शबाब पर चल रहे अपने फ़िल्मी करियर को बीच में छोड़ नीतू सिंह ने एक ऐसा फैसला लिया जिसे उनकी मां राजी सिंह काफी परेशान और नाराज हुई, यह वजह थी नीतू सिंह का प्यार जो उस दौर के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक अभिनेता ऋषि कपूर से करती थी I ऋषि कपूर और नीतू सिंह अब तक बहुत सी फिल्मों में साथ में काम किया, और इन दोनों के बीच अच्छे रिश्ते की शुरुआत भी हुई थी, खेल-खेल में फिल्म से शुरू हुई इनकी प्यार कहानी दिन रात परवान चढ़ने लगी थी I 

   ऋषि कपूर और नीतू सिंह के अफेयर की खबर सुनकर राजी सिंह बहुत परेशान थी उन्हें अपने सपने तोड़ते हुए नजर आ रहे थे, अब इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं की कोठी की बदनाम गलियों से निकलकर काफी मुश्किलों और जिद्दो जहेद से समाज में सम्मान और इज्जत से जीने की जिंदगी हासिल की हो, उसके लिए इस कामयाबी के क्या मायने रखते हैं I इसी वजह से एक बार तो गुस्से में राजी सिंह ने नीतू सिंह की खूब पिटाई भी की थी, और जब मां का गुस्सा ठंडा हुआ तो बेटी ने उन्हें प्यार से तसल्ली देते हुए समझाया, लाख कोशिशें और समझने के बाद राजी सिंह ने अपना ख्याल बदला और सोचा के इस फिल्मी दुनिया का तो कोई भरोसा नहीं है, अगर नीतू की दो चार फिल्में फ्लॉप हो जाएंगे, तो दर्शक उसे भूल जाएंगे, अगर वह ऋषि कपूर के साथ शादी करके प्रतिष्ठित घराने की बहू बनेगी तो समाज में उन्हें दुगनी इज्जत और लग्जरी लाइफ मिलेगी, और वह अपनी जिंदगी सेटल हो जाएंगे I

   पहले एक बार जब ऋषि कपूर ने राजी सिंह से नीतू सिंह का हाथ मांगा था, तब उन्होंने इस रिश्ते के लिए मना किया था, लेकिन जब ऋषि कपूर ने नीतू सिंह से शादी करने के बाद वह उन्हें भी अपने साथ उनके घर ले जाएंगे, और हम सब साथ में रहेंगे, यह बात सुन राजी सिंह खुश हुई और इस रिश्ते के लिए मंजरी दे दी I तब से लेकर 2009 तक राजी सिंह ने अपनी बेटी और दामाद के साथ एक लग्जरियस लाइफ गुजरी, बेटी और दामाद ने भी उनका खूब ख्याल रखा I 22 जनवरी 1980 को नीतू सिंह ऋषि कपूर के साथ शादी के बंधन में बँध गई, ऋषि कपूर से शादी के बाद नीतू सिंह भी बाकी कपूर खानदान की बहूओं की तरह अपने करियर को छोड़ फिल्म इंडस्ट्री से दूर हो गई, और इस बात की सफाई खुद नीतू सिंह ने दी, कि उन्होंने अपना फ़िल्मी करियर कपूर खानदान के दबाव में आकर नहीं बल्कि अपने मर्जी से छोड़ा था I

शादी की बाद नीतू सिंह को दो बच्चे हुए, बड़ी बेटी रिद्धिमा कपूर और बेटा रणबीर कपूर I रिद्धिमा कपूर साहनी आज एक फेमस फैशन डिजाइनर और बिजनेसवुमन है, तो वहीं रणबीर कपूर अपने मां और पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कामयाब अदाकार बने, और फिल्म इंडस्ट्री में एक सफल अदाकार के तौर पर अपनी पहचान बनाई I अपनी जिंदगी में उतार-चढ़ाव को झेलते हुए, ऋषि कपूर और नीतू सिंह की विवाहित जिंदगी चलती रही, ताउम्र अपने पत्नी के प्रति वफादार रहे ऋषि कपूर 30 अप्रैल 2020 में नीतू सिंह को अकेला छोड़ इस दुनिया से चले गए I ऋषि कपूर के निधन के 2 साल बाद उनके बेटे रणबीर कपूर ने फिल्म डायरेक्टर मुकेश भट्ट की बेटी मशहूर अदाकारा आलिया भट्ट से शादी की, जिन्हें आज हर कोई जानता है और अब उन दोनों को एक बेटी भी हुई है, रणबीर और आलिया ने अपनी बेटी का नाम रहा कपूर रखा है, और अब नीतू सिंह दादी बन गई है I 

   नीतू सिंह के फ्यूचर करियर के बारे में बात करें तो इन्होंने अब तक कोई सीरियस  प्रोजेक्ट तो साइन नहीं किया, इसलिए यह इनकी लाइफ का सेकंड इनिंग नहीं कह सकते, पर हां नीतू सिंह कुछ फिल्म शो में गेस्ट ए पेरेंट्स में नजर आए, तो इंडिया का मोस्ट फेमस शो “कॉमेडी विद कपिल शर्मा” इस शो में अपने बेटे और पति के साथ नजर आई थी I साल 2009 में फिल्म “लव आज कल” 2010 में “दो दूनी चार” 2012 में “जब तक है जान” 2013 में “बेशर्म” और 2018 में फिल्म “संजू” में नीतू सिंह ने काम किया, 2020 में फिल्म “जुग जुग जियो” में अनिल कपूर के साथ नजर आए I फिल्मों के साथ ही नीतू सिंह टीवी के म्यूजिक शो, और रियलिटी शो में गेस्ट के रूप में नजर आई, और अब वह अपने परिवार वालों के साथ अपना वक्त बिताती हैं, और उनके साथ अपनी लाइफ एंजॉय करते हुए नजर आती है I

अभी उनकी वीडियो और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं, जिन में वह कभी मीडिया वालों को पोज देते हुए, तो कभी अपने हेयर स्टाइल और ड्रेसिंग को फ्लांट करते नजर आते हैं I भले ही नीतू सिंह अब फिल्मों में एक्टिव नहीं है, पर अब भी वह अपनी जिंदगी को फिल्मी अंदाज में जिंदा दिली से जीती हैं, और इसी के साथ आज भी अपने चाहने वालों को ये संदेश देती है कि भले ही अपने जिंदगी में लाख परेशानियां और मुसीबतें क्यों ना आए लेकिन अगर हमारे हौसले और इरादे मजबूत हो तो हमें अपनी जिंदगी को खूबसूरत बनाने से कोई रोक नहीं सकता I जब भी कभी हिंदुस्तान के फिल्म इंडस्ट्री के हसीन, खूबसूरत और बेहतरीन अदाकारा की चर्चा होगी तो नीतू सिंह का नाम भी उसमें जरूर शुमार होगा I नीतू सिंह का जीवन और करियर भारतीय सिनेमा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, उनके अभिनय, सौंदर्य और व्यक्तिगत जीवन ने उन्हें एक आदर्श और प्रेरणास्रोत बना दिया है।

तो यह थी दोस्तों एक कोठे वाली मां की बेटी और हिंदुस्तान के फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा नीतू सिंह के जीवन का परिचय I 

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