हिंदुस्तान की फिल्म इंडस्ट्री को दर्जनौ यादगार फिल्म देने वाले जहीन मंजे हुआ एक ऐसा कामयाब अदाकार जिसके मौत पर, बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक खूब रोया, यह वह चमकता सितारा थे जिन्हें ऊपर वाले ने बेमिसाल प्रतिभा और शानदार व्यक्तित्व से नवाजा था, हर तरह के किरदार में फिट बैठने वाले इस अदाकार की अदाकारी की बराबरी लीजेंडरी एक्टर दिलीप साहब और संजीव कुमार जैसे दिग्गज कलाकारों से की गई और क्रिटिक्स ने कहा कि उनके जबान से ज्यादा आंखें बोलते हैं I जिनके अभिनय और परफॉर्मेंस को वर्ल्ड लेवल पर कई अवार्ड और अप्रिशिएसन मिले, बॉलिवुड से लेकर हॉलीवुड तक उन्होंने दर्जनौ क्लासिक फिल्में दिए और मुंबई के स्लम बस्ती से लेकर ऑस्कर के रेड कारपेट तक शानदार सफर तय किया I
लेकिन क्यों एक मुस्लिम परिवार में पैदा होने के बावजूद भी यह बचपन से शाकाहारी रहे और ईद पर जानवरों की कुर्बानी पर जमकर विरोध किया, और इसी वजह से कट्टरपंथी के निशाने पर भी आ गए, और क्यों इन्होंने अपनी मां और N.S.D.यानी National School of Drama दोनों से झूठ बोलकर यहां सिर्फ एक्टिंग सीखने के लिए एडमिशन लिया, और उसी फील्ड में अपना ऊंचा मुकाम बनाया जो आउटसाइडर के लिए नामुमकिन लगता है I जब इस कामयाब अदाकार का करियर ऊंचाइयों पर था, तब इन्हें एक जानलेवा बीमारी में अपने चपेट में लिया, और उस बीमारी से लड़ते हुए इस शानदार अदाकार की जिंदगी खत्म हो गई I
आज हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में जानेंगे जिनके अदाकारी, अंदाज और स्वभाव का कायल पूरी फिल्म इंडस्ट्री और दर्शक भी थे, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे टैलेंटेड अदाकार इरफान खान थिएटर एक्टर, सीरियल, हिंदी फिल्में और इंटरनेशनल फिल्मों में इरफान खान का सफर बहुत ही वसीटाइल रहा, बहुत सारा स्ट्रगल छोटे-मोटे रोल और फिर कामयाबी के चाशनी में डूब कर उसे चखने का मजा, इरफान खान थिएटर कला प्रेमी, टीवी सीरियल चंद्रकांता में डबल रोल वाले बद्रीनाथ और सोमनाथ का कैरेक्टर निभाया, और सलाम बॉम्बे में लेटर लेखक का काम किया, पान सिंह तोमर में इनके बागी के अंदाज ने सबको हैरान कर दिया, और life of pi में इमोशनल किरदार निभाकर सबको अचंभित कर दिया I
इरफान खान का व्यक्तित्व उनके कला उनका अभिनय और उनकी निजी जिंदगी के कई किस्से रहे, जीने जाने बिना उनकी शख्सियत को समझना बहुत मुश्किल है I तो चलिए आज हम जानेंगे इरफान खान का बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में अपने कामयाबी का झंडा गाड़ने वाले इस अद्भुत अदाकार के फैमिली बैकग्राउंड और अर्ली लाइफ के बारे में I राजस्थान के जयपुर में 7 जनवरी 1967 में इरफान खान का जन्म एक पश्तो भाषी मुस्लिम परिवार में हुआ, जन्म के बाद मां बाप ने इनका नाम रखा साहब जादे इरफान अली खान इन की मां का नाम शाहिदा बेगम था जो की एक टोंग हकीम परिवार से तालुक रखती थी, पिता का नाम जागीरदार यासीन अली खान यह एक व्यापारी थे इनका अपना टायर का कारोबार करते था I
इरफान खान का परिवार मूल रूप से टोंग के खजुरिया गांव के नवाब खानदान से था, जो पहले काफी संपन्न हुआ करता था, मुस्लिम फैमिली से होने के बावजूद भी इरफान खान को बचपन से ही मांसाहारी खाना जैसे चिकन, मटन मच्छी, वगैरा खाना पसंद नहीं था, यह किसी भी मांसाहारी नॉनवेज खाने को हाथ नहीं लगते थे, इन्हें बचपन से ही वेजीटेरियन खाना पसंद है और इसी वजह से उनके पिता कई बार मजाक में यह कहते थे की पठान के घर में पंडित पैदा हुआ है I यासीन अली की बातें सुनकर धीरे-धीरे इनके आस पड़ोस के लोग भी इन्हें इरफान खान को पंडित कहकर पुकारते, इरफान के पिता अक्सर उन्हें शिकार पर ले जाया करते, लेकिन इन्हें जानवरों का शिकार करना पसंद नहीं था, इरफान को राइफल चलाना आता था, लेकिन वह कभी भी किसी जानवर को परेशान नहीं करते थे, और ना ही किसी जानवर का शिकार करते थे I
यासीन अली खान चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर उन्हें के कारोबार को आगे ले जाए, और उनकी मां शाहिदा बेगम चाहती थी कि इनका बेटा पढ़ लिख कर टीचर या प्रोफेसर बन जाए, लेकिन मां-बाप के सोच के बाहर ही इरफान खान के सपने थे, इरफान को फिल्में देखना और क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी, और इसी वजह से यह कभी फिल्मों में हीरो या क्रिकेटर बनने के ख्वाब देखा करते I लेकिन उनकी फैमिली में फिल्मों को बहुत ही नीचे और अलग नजरिए से देखते थे, और फिल्मों में काम करने वालों को नाचने, गाने वाला कहते थे I जोधपुर में इरफान खान के एक मामा थे जो एक थिएटर कलाकार थे, और मामा जी से इरफान खान बहुत ज्यादा प्रभावित थे,और उनके सपोर्ट से ही इरफान खान ने आगे चलकर घर वालों से छुपकर जयपुर में ही कुछ स्टेज परफॉर्मेंस किया I
इरफान खान थिएटर में अभिनय करने के दौरान अदाकार मिथुन चक्रवर्ती का हेयर स्टाइल और ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज कलाकारों की नकल अपने अभिनय में किया करते I इरफान खान का बचपन टोंग और जयपुर में गुजरा, और वही उनकी पढ़ाई भी हुई, जयपुर के एक कॉलेज से इरफान खान ने अपना ग्रेजुएशन, और पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट किया, इरफान खान और उनके सबसे अच्छे दोस्त सतीश शर्मा यह दोनों क्रिकेट खेलने में काफी अच्छे थे, बाद में इन दोनों को C.K Naidu Competition में फर्स्ट क्लास कैटेगरी में सिलेक्ट किया गया I लेकिन घर वालों ने 20 साल के इरफान को क्रिकेट वगैरा के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया, घर वालों से पैसे न मिलने के वजह से इरफान “Cricketer Competition” में हिस्सा ही नहीं ले सके और उनका क्रिकेटर बनने का ख्वाब टूट कर बिखर गया I
वक्त यूं ही बीत गया इरफान खान अपने एक्टिंग को परफेक्ट बनाने के लिए दिल्ली जाकर N.S.D.यानी “National School of Drama” में एडमिशन लेने का फैसला किया, अगर इरफान अपना यह फैसला घरवालों को बताते तो वह उनका दिल्ली जाने ही नहीं देते, इसीलिए इरफान ने अपनी मां से झूठ बोला कहा कि वह N.S.D जाएंगे और एक्टिंग की पढ़ाई सीख कर आएंगे और यही जयपुर में किसी कॉलेज यह यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे यानी प्रोफेसर बन जाएंगे I तो वही N.S.D में अपनी एडमिशन के दौरान यह झूठ बोला कि उन्होंने थिएटर में 10 ड्रामा ऑलरेडी कर चुके हैं, यहां से पढ़ाई कंप्लीट होने के बाद वह थिएटर के लिए ही काम करेंगे I
साल 1984 में नेशनल स्कूल का ड्रामा में एंट्रेंस पास करके स्कूल में दाखिला ले लिया, और इरफान को यहां पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी मिल गई, और यहां पर वह एक्टिंग के बारिकीयों को मन लगाकर सिखते रहे, दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के कुछ महीनो के बाद ही इरफान के पिता का निधन हो गया, और फिर कई तरह के मुश्किलें भी सामने आ गई I जब N.S.D में अपनी पढ़ाई कंप्लीट कर इरफान वापस जयपुर आए थे, तभी गोविंद नहलानी ने कॉल कर इरफान को मुंबई बुलाया, मुंबई पहुंचने के बाद गोविंद जी ने इरफान को एक छोटा सा काम दिया और इरफान मुंबई में ही रहकर छोटे-मोटे कर करने लगे I
मुंबई में अपने शुरुआती दिनों में इरफान ने एयर कंडीशनर रिपेयर मैन की नौकरी भी की, और अपने इसी काम के चलते ही अपने आइडल दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना के घर पर AC रिपेयर करने का मौका मिला I साल 1987 में सबसे पहले डायरेक्ट प्रवीण निश्चल के एक टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिला, इस टीवी सीरियल का नाम था “श्रीकांत” और सीरियल में इरफान खान ने एक छोटी सी भूमिका निभाई I इसके बाद साल 1988 में इरफान खान को बड़े पर्दे पर आने का मौका मिला और वह था मीरा नायर की फेमस अवॉर्ड विनिंग फिल्म “सलाम बॉम्बे” इस फिल्म में इरफान खान ने लेटर लेखक का एक छोटा सा रोल अदा किया I
1980 से लेकर 1990 के दशक तक इरफान खान ने बहुत से टीवी सीरियल में काम किया, जैसे की 1988 की “भारत एक खोज” में अब्द अल कादिर बदायूंनी का किरदार अदा किया, इसके बाद साल 1991 में “कहकशा” में काम किया, साल 1992 में “लाल घास पर नीले घोड़े” इस में काम किया, 1994 में इरफान खान उस जमाने के मशहूर टीवी सीरियल “चंद्रकांता” में डबल रोल में नजर आए और यही वह पहले मौका रहा जहां वह टीवी सीरियल में अपने निभाई डबल रोल की वजह से घर-घर में पहचाने जाने लगे I पर यह वह जमाना था जहां टीवी सीरियल में काम करने वाले लोगों को वक्त पर पेमेंट नहीं मिलती थी, और इन्हें अपना घर चलना भी बहुत मुश्किल होता था, और ऐसे ही हालातो में इरफान खान “जय हनुमान” “चाणक्य” “किरदार” “जस्ट मोहब्बत” “द ग्रेट मराठा” “बनेगी बात अपनी” जैसे टीवी सीरियल में काम करना जारी रखा I
पर अफसोस बहुत से टीवी सीरियल में काम करने के बावजूद भी इरफान खान की बात बन नहीं पा रही थी, टीवी सीरियल में इरफान खान के अभिनय की काफी तारीफें भी हो रही थी, लेकिन उन्हें फिल्मों में कोई ब्रेक नहीं मिल रहा था I जो भी फिल्में मिलती थी उसमें इनका कुछ खास रोल नहीं रहता था, जैसे इरफान ने साल 1989 में फिल्म “Kamla Ki Maut” में काम किया, और सालसीरियल 1990 में फिल्म “Drishti” में काम किया, सन 1991 में संजय दत्त के साथ उनकी फिल्म “pitaah” में काम किया, और इसी के साथ फिल्म “Ek Doctor Ki Maut” में भी नजर आए I 1990 से लेकर 2000 तक इरफान खान बहुत से फिल्मों में काम किया, जिसमें हिंदी इंग्लिश कई तरह के फिल्में शामिल रहे, जैसे “vade Irade” “Private detective” “Such a long journey” “Bada Din” “Ghaath” “Kasoor” जैसे फिल्मों का हिस्सा रहे I
अब तक के किए हुए फिल्मों से इरफान खान को क्रिएटिव सेटिस्फेक्शन नहीं मिल रहा था, इसी वजह से थक हार कर इरफान खान एक्टिंग करियर को ही छोड़ने का मन बना लिया था, पर शायद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक नायाब हीरा मिलना बाकी था, इसलिए करियर और किस्मत दोनों बदलने लगी, साल 2001 में इरफान खान को British फिल्म का हिस्सा बनने का मौका मिला, और वह फिल्म थी “The warrior” जो इरफान खान की जिंदगी की पहली इंटरनेशनल फिल्म रही, और यह फिल्म इनकी करियर के लिए टर्निंग पॉइंट भी साबित हुई I आशीष कपाड़िया के इस फिल्म में इरफान खान लीड रोल में थे, इस फिल्म ने आउट स्टैंडिंग ब्रिटिश के लिए Bapta पुरस्कार भी जीता इस फिल्म के बाद इरफान खान का करियर चल पड़ा I
इसके बाद साल 2003 और 4 में इरफान खान की 2 फिल्में “Hasil” और “Maqbool” रिलीज हुई और इन दोनों फिल्मों में इरफान खान ने निगेटिव किरदार अदा किया, जिसमें क्रिटिक्स के जरिए इन्हें खूब साराहा गया, स्टूडेंट ऑफ़ पॉलिटिक्स में बनी फिल्म “हासिल” में इरफान ने गुलेनियस पॉलीटिशियन का रोल अदा किया, जिसमें नेगेटिव भूमिका बेहतरीन प्रदर्शन के लिए “FilmFare Awards” से सम्मानित किया गया I वही फिल्म मकबूल में निभाई इनके किरदार में इन्होंने ऐसी जान फोकी की जिसकी आज भी चर्चा की जाती है, पर अफसोस इरफान को इस फिल्म के लिए किसी बड़े अवार्ड के लिए नॉमिनेशन तक नहीं दिया गया I
साल 2006 में इरफान खान ने मीरा नायर के निर्देशक में बनी फिल्म “The Namesake” में अदाकारा तब्बू के साथ पहली पीढ़ी के बंगाली प्रवासी और फिल्म “The Killer” में हिटमैन की भूमिका निभाई I खासकर “The Namesake” में इरफान खान के अभिनय को देखकर दर्शकों ने खूब तारीफें की, उसके बाद 2007 में अनुराग बसु के निर्देशिक में बनी फिल्म “Life In A Metro” में निभाए गए किरदार के लिए इरफान खान को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए Filmfare Award मिला I 2008 में Danny boyle की फेमस फिल्म “Slumdog Millionaire” में निभाए गए इनके पुलिस इंस्पेक्टर के भूमिका से इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिली, और इसके लिए इन्हें Best Film Academy Award भी मिला I
साल 2010 में इंग्लिश टेलीविजन सीरीज “In Treatment” में इरफान खान को काम करने का मौका मिला, और इसमें उनकी अभिनय को लोगों ने खूब पसंद किया, और उन्होंने खूब तारीफ़े बटोरी I साल 2012 में इरफान खान की एक ऐसी फिल्म आई जिसने उनके आलोचकों को उनका दीवाना बनने पर मजबूर किया, और वह फिल्म थी “Paan Singh Tomar” इरफान खान ने इस फिल्म में एथलीट एक डाकू बने व्यक्ति की भूमिका निभाई, और इस किरदार को ऐसे जिया कि लोग उनके अभिनय के कायल हो गए, और इस फिल्म के लिए इरफान खान को बेस्ट एक्टर का “National Film Puraskar” भी मिला I
साल 2010 में ही director ang lee की फिल्म “life of pi” में भी इरफान खान ने एक मजबूत रोल निभाया, और इसी के साथ 2013 में भी इरफान खान की एक और फिल्म “The Lunch Box” रिलीज हुई, इस फिल्म में इरफान खान एक शादीशुदा औरत से चिट्ठी के जरिए से खास रिश्ते में बंध जाता है, इरफान खान ने इसमें उम्र दराज किरदार को अपने अभिनय से इस कदर जीवंत बना दिया, की देखने वाले की आंखें छलक उठी और लोग उसे जुड़ाव महसूस करने लगे, “द लंच बॉक्स” इस फिल्म का निर्माण भी इरफान खान ने ही किया था, और यह कमर्शियली भी काफी कामयाब रही I
साल 2016 में इरफान खान की फिल्म “Madari” रिलीज हुई, और इसमें उन्होंने सिस्टम से पीड़ित एक पिता का दमदार किरदार निभाया, और इसी दौरान इरफान ने शाहिद कपूर के साथ उनकी फिल्म “Haider” में भी काम किया, और एक बार फिर अपने वर्सेटाइल होने का सबूत दिया, “Haider” इस फिल्म में इरफान खान के साथ अदाकारा तब्बू, श्रद्धा कपूर और शाहिद कपूर मुख्य किरदार में थे I इरफान खान ने हॉलीवुड की एक और फिल्म में काम किया जिसका नाम था “Jurassic World” और इस फिल्म में भी इरफान खान ने काफी बेहतर भूमिका निभाई, इसके बाद फिल्म “Piku” में भी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अदाकारा दीपिका पादुकोण के साथ इनके नेचुरल अभिनय को देखा जा सकता है, इसके बाद इरफान खान ने टेलीविजन मिनी सीरीज “Tokyo Trial” में सपोर्टिंग रोल निभाए I
साल 2017 में इनकी इरफान खान की एक और बड़ी सक्सेस फुल फिल्म “Hindi Medium” रिलीज हुई, जिसमें यह अपने बेटी को इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन करवाने की कोशिश करने वाले पिता के भूमिका में नजर आए, इस फिल्म में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बेस्ट एक्टर का Filmfare Award दिलाया, और यह उनकी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई I 2020 में इरफान खान ने इसकी सीरीज “Angreji Medium” में एक विदुर की भूमिका निभाई, और यह उनका आखिरी किरदार साबित हुआ, क्योंकि इसी साल 2020 में 53 साल की उम्र में इरफान खान की मौत हो गई, कैंसर जैसे बीमारी से लड़ते हुए इस फिल्म को पूरा किया, वह जैसे ही थोड़ा बेहतर महसूस करते तुरंत सेट पर पहुंच जाते, अंग्रेजी मीडियम इस फिल्म के लिए इरफान खान को मनुपूरण छियासठ फिल्म फेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अदाकार और “Lifetime Achievement Award” से नवाजा गया I
अब तक हम इरफान खान के जितने भी फिल्मों के बारे में पढ़ा इन फिल्मों के अलावा भी इरफान खान ने दर्जनों हिंदी, बंगाली, राजस्थानी, और ब्रिटिश अमेरिकन फिल्मों में काम किया, जैसे “dhundh”, “Footpath, “Aan man at work” “Shadows of Time” “Rog” “Chehra” इसके अलावा “Chocolate” “The Killer” “Deadline sirf 24 ghante” आदि जैसे फिल्मों में काम किया I इसी के साथ इंग्लिश फिल्म “The partition” “The Darjeeling Limited” “Aja Nachle” “Krazzy-4” “Mumbai Meri Jaan” “New York” “Acid Factory” और बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ “Billu the barber” इन जैसी फिल्मों के अलावा भी इरफान खान ने और भी बहुत सी फिल्में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को दिए I
इरफान खान को मिले हुए अवार्ड और पुरस्कार :
इरफान खान को 6 फिल्म फेयर और एक नेशनल अवार्ड के अलावा साल 2011 में कला के क्षेत्र में कंट्रीब्यूशन के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान “Padmashree Award” से भी नवाजा गया, और वही 2014 में राजस्थान राज्य के द्वारा एक अभियान रिसरजेंट राजस्थान के लिए “Brand Ambassador” नियुक्त किया गया I
इरफान खान की निजी जिंदगी :
इरफान खान ने सुतापा सिकदर से 23 जनवरी 1995 को शादी की, दोनों नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में पढ़ाई के दौरान मिले थे। वहीं से उनकी दोस्ती शुरू हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई। कई सालों तक एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद, उन्होंने शादी करने का फैसला किया, सुतापा सिकदर फिल्म लेखिका और प्रोड्यूसर हैं, और इरफान खान के करियर में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सुतापा यह ब्राह्मण परिवार से थी इस वजह से इस रिश्ते को लेकर परिवार वाले थोड़ा परेशान थे, लेकिन जब सुतापा की मां से इरफान खान ने कहा कि अगर आप चाहेंगे तो मैं सुतापा से शादी करने के लिए अपना धर्म बदल सकता हूं, इरफान खान की यह बात सुन सुतापा की मां इमोशनल हो गई, और फिर बाद में दोनों परिवार वालों के राजा मंदी के साथ इन दोनों की शादी करवा दी गई, उनकी शादी एक साधारण समारोह में हुई थी, जिसमें उनके परिवार और करीबी दोस्त शामिल हुए थे।
फिल्म एक्सपर्ट के माने तो ज्यादातर फिल्म एक्टर्स की तरह इरफान खान का नाम कभी किसी भी को एक्टर्स के साथ नहीं जुड़ा, और यह हमेशा हर स्टेज पर अपनी बीवी की तारीफ करने का मौका नहीं छोड़ते I इरफान खान की बीवी सुतापा सिकंदर एक फिल्म डायरेक्टर, डायलॉग राइटर, स्क्रीन राइटर की वजह से मशहूर है I सुतापा की प्रसिद्ध फिल्मों में “Khamoshi The Musical” सबसे खास फिल्म साबित हुई, जिसमें इन्होंने डायलॉग लिखे थे, इसके अलावा 2003 की फिल्म “Supari” और विद्या बालन की फिल्म “Kahani” के डायलॉग सुतापा ने हीं लिखे थे, तो वही 2016 की इरफान खान की फिल्म “Madari” और 2017 की फिल्म “Kareeb Kareeb Single” सुतापा इन 2 फिल्मों की डायरेक्टर रही I
इरफान खान और सुतापा के दो बेटे हैं, बड़ा बेटा बाबिल खान और छोटा अयान खान बाबिल ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत की है, और कुछ फिल्मों में उन्होंने अच्छा अभिनय भी किया है I साल 2011 में India Today को दिए हुए एक इंटरव्यू में सुतापा सिकंदर ने बताया कि वह हमेशा फोकसड रहते हैं, मुझे याद है वह हमेशा घर आकर अपने बेडरूम में जाकर किताबें पढ़ने लगते थे, 2012 में उन्होंने अपने नाम के वर्तनी “Irfan” में बीच में एक अतिरिक्त “R” डालकर Irrfan” कर दिया, क्योंकि उन्हें अपने नाम में एक अतिरिक्त “R” स्वर की ध्वनि पसंद है, 2016 में उन्होंने अपने नाम से खान को हटा दिया, क्योंकि वह चाहते थे कि उनका काम उन्हें परिभाषित करें, न कि उनके वंश I
इसी के साथ इरफान खान का यह भी कहना था कि उनके नाम की फेमस कई और लोग पूरी दुनिया में मौजूद है, इनका नाम सर्च करने पर कोई और लोगों के नाम सामने आ जाते हैं, ऐसे में अपने नाम की स्पेलिंग चेंज करके इन्होंने उसे यूनिक सबसे अलग बनाने की कोशिश की I इरफान खान के पर्सनालिटी से जुड़ी हुई कुछ इंटरेस्टिंग बातें तो यह एक प्योर सेकुलर इंसान माने जाते रहे, जीने कास्ट रिलिजन डिस्क्रिमिनेशन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता था, अधिकांश भारतीय फिल्म स्टार के उलट धर्म को लेकर हमेशा मुखर रहते थे, और खुलकर अपने विचार रखते थे I अर्णव गोस्वामी के साथ एक इंटरव्यू में के दौरान भारत के ग्रैंड इमाम समिति मुस्लिम कट्टर पंक्तियां को आड़े हाथों लिया था, जिससे काफी बवाल भी मचा था, और इसी के साथ ही कई बार सार्वजनिक मंचों से बकरा ईद आदि जैसे जानवरों के कुर्बानी पर खुलकर अपना विरोध जताया I
इस विवाद पर जहां मुसलमान के बड़े वार्न ने इरफान खान की खूब आलोचना की, तो वहीं कुछ कट्टर पंक्तियों ने इन्हें जान से मारने की धमकी भी दी, इन तमाम विवाद और धमकियों के बावजूद भी बहादुर के साथ अपने टिप्पणियों पर कायम रहे I इस पर इनको हिंदू धर्म मानने वाले पत्नी सूटप्पा ने कहां की हमें इरफान पर बहुत प्राउड है I इरफान खान को पतंग उड़ने का काफी शौक था, यह बचपन में अपने भाई बहनों के साथ और बाद में अपने बच्चों के साथ खूब पतंग बाजी करते थे I इरफान खान Roadies Season 7 का भी पार्ट रह चुके हैं, जहां यह एक गेस्ट के तौर पर दिखे, फिल्म “Road To Ladakh” के लिए कोई भी फीस नहीं ली, क्योंकि इस फिल्म के डायरेक्टर की यह पहली फिल्म थी, और उनके पास इरफान खान के फीस के लिए पैसे नहीं थे I
इरफान खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके नाम में खान होने की वजह से इन्हें भी शाहरुख खान की तरह कई बार अमेरिका एयरपोर्ट पर बेवजह रोका गया, जो काफी शर्मिंदगी का एक्सपीरियंस रहा I एक इंटरव्यू के दौरान इरफान खान ने खुद बताया कि कई फालतू डी ग्रेड फिल्में भी की, जो सिर्फ पैसों के लिए की थी, जिसमें मलाइका शेरावत के साथ फिल्म “Hiss” “Dhundh” “Expose” “Knock Out” “Blackmail” “Thank You” जैसे फिल्में शामिल रहे I टीवी सीरियल “जय हनुमान” में इनके निभाए गए वाल्मीकि के किरदार को भी यह अपनी नासमझी समझते थे, और यह एक दिन की शूटिंग के बाद सेट से भाग गए थे I
इरफान खान की जिंदगी का आखिरी सफर :
साल 2018 में इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक दुर्लभ प्रकार के कैंसर हुआ, इसके बाद इन्हें ब्रिटेन में इलाज के लिए ले जाया गया, 1 साल तक ब्रिटेन में इनका इलाज चलता रहा, फिर 1 साल के बाद इरफान हिंदुस्तान लौटे, लेकिन फिर से कुछ वक्त के बाद तकलीफ ज्यादा होने की वजह से इन्हें मुंबई के अस्पताल में एडमिट कराया गया, हालांकि अपने इलाज के दौरान इरफान ने अपनी फिल्म “अंग्रेजी मीडियम” की शूटिंग पुरी की जो उनकी आखिरी फिल्म रही, इरफान खान मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में एडमिट थे, तभी इन्हें उन्हें खबर मिली की जयपुर में उनकी मां का निधन हुआ है, यह खबर सुनते ही इरफान खान पूरी तरह से टूट गए, क्योंकि वह अपनी मां के अंतिम दर्शन में तक नहीं जा सके I इसके ठीक चार दिन बाद 29th अप्रैल 2020 को इरफान खान ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया, बस चार दिन के फैसले पर अपनी मां के पास पहुंच गए I
इरफान खान की मौत की खबर पूरे देश और विदेश में आज की तरह फैल गई, और उनके चाहने वाले करोड़ों फन को उनकी मौत का सदमा लगा, इरफान खान ने अपने चाहने वालों के लिए आखरी मैसेज रिकॉर्ड किया था, जिसके सामने आने के बाद उनके फैन इमोशनल हो उठे थे, और इसे सुनने वाले हर शख्स की आंखें नम थी I
अपने चाहने वालों के लिए इरफान खान के आखिरी शब्द :
हेलो भाई और बहनों नमस्कार मैं इरफान, मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी, खैर कहावत है “The Life Gave You Lemon” यू मेक ए लेमोनेट I इरफान खान तो हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़कर चले गए लेकिन पीछे छोड़ गए अपने बेश कीमती यादगार फिल्मों में निभाए गए उनके जीवंत अभिनय की झलकियां, अपने लाखों चाहने वालों के दिलों में अपने शानदार व्यक्तित्व के यादें I इरफान खान के निधन के बाद फेमस गार्जियन मैगजीन पीटर ब्रैडशॉ ने लिखा, खान हिंदी और अंग्रेजी भाषा के फिल्मों में एक प्रतिष्ठित और करिश्माई सितारा थे, जिनका मेहनती कैरियर दक्षिण एशिया और हॉलीवुड सिनेमा के बीच एक बेहद मूल्यवान स्तंभ था I
इरफान खान को 93rd ऑस्कर अवार्ड के मेमोरियल सेगमेंट में सम्मानित किया गया, जो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत ही गर्व की बात थी I दोस्तों इरफान खान ने अपने 30 साल के फिल्मी करियर में अपनी शानदार प्रदर्शन से जहां इंडियन सिनेमा में अपने कभी ना भूलने वाले छाप छोड़ी, तो वही ब्रिटिश और अमेरिकन इंडस्ट्री को इतनी यादगार फिल्में दी जो इन्हें एक ब्रिलियंट आर्टिस्ट साबित करता है I
तो यह था दोस्तों साहब जादे इरफान अली खान उर्फ इरफान का फर्श से लेकर अर्श तक के जीवन का परिचय I