प्रकाश जी अपनी पत्नी कंचन और बेटी मधु के साथ रहा करते थे, प्रकाश जी और कंचन बड़ी कंपनी में नौकरी करते थे, उन्होंने अपने बेटी मधु की परवरिश बहुत अच्छे से की थी, मधु अपने कॉलेज के टॉप स्टूडेंट में से थी I मधु अपनी पढ़ाई मन लगा कर करतीं, और हर साल अच्छे नंबरों से पास हो जाती थीं I मधु के कॉलेज का लास्ट इयर चल रहा था, पढ़ाई के साथ-साथ मधु घर के कामो में भी बहुत होशियार थीं, प्रकाश जी हर समय मधु के बनाए हुए खाने कि बहुत तारीफ़ करते, मधु की उम्र अब शादी की हुई थी, प्रकाश जी भी अपनी बेटी के लिए रिश्ता देख रहे थे I
ससुराल वाले हमारे बेटी को अपनी बेटी की…
प्रकाश जी की पत्नी कंचन कहतीं हैं देखों जी मधु हमारी इकलौती बेटी हैं, मैं नहीं चाहती मेरी बेटी को शादी के बाद उस के ससुराल में किसी भी बात की कोई परेशानी हो, मैं चाहती हूं कि आप हमारे बेटी का रिश्ता किसी अच्छे घर मे तय करें I ससुराल वाले हमारे बेटी को अपनी बेटी की तरह प्यार करे, प्रकाश जी कहते है हा मैं भी ऐसा ही रिश्ता देख रहा हूँ I एक दिन प्रकाश जी को ऑफिस के लिए बहुत देर हो जाती हैं, और वो जल्दी जल्दी में टिफिन लेना भूल जाते है, और वो नाश्ता भी नहीं करते, प्रकाश जी को बाहर का खाना पसंद नहीं आता I
इसलिए दुपहर के समय मधु प्रकाश जी का टिफिन ले कर ऑफिस पहुंच जाती हैं, प्रकाश जी के बॉस का बेटा मुकेश ने भी ऑफिस नया नया जॉईन किया था I मुकेश ऑफिस के काम से फोन पर बात करते हुए, ऑफिस से बाहर जा रहा था, और सामने से मधु ऑफिस में आ रही थीं, मुकेश फोन पर बातों में इतना बिजी था, कि उस का इस बात पर ध्यान ही नहीं गया कि सामने से मधु आ रहीं हैं I मधु के हाथ में प्रकाश जी का टिफिन था मुकेश मधु से टकरा जाता है, मधु के हाथ से टिफिन के साथ उसमें का खाना ज़मीन पर गिर जाता है, मधु आवाज लगाती हैं आप को देखाई नहीं देता क्या ? मेरा सारा खाना नीची गिरा दिए I
लढाई कर रहीं हैं, वो तुरन्त बाहर आ कर मधु…
फिर मुकेश कहता है मैं तो फोन पर बिजी था, मेरा ध्यान नहीं गया पर आप तो देख कर चल सकती थीं ना, इसी बात को लेकर उन दोनों में बहेस हो जाती हैं I इतने में प्रकाश जी की नजर ऑफिस के खिड़की पर जाती हैं वो देखते है, कि मधु किसी से लढाई कर रहीं हैं, वो तुरन्त बाहर आ कर मधु से पूछते है कि क्या हुआ तुम दोनों क्यूँ लढाई कर रहें हो, मधु प्रकार जी को पूरी बात बताती हैं I प्रकाश जी कहते है तुम जानती हो बेटा यह कोन हैं, मधु कहतीं हैं नहीं पापा तभी प्रकाश जी कहते है, कि ये हमारे कंपनी के मालिक मनीष सर के बेटे मुकेश हैं, इन्होंने अभी अभी ऑफिस जॉईन किया हैं I
मुकेश कहता है प्रकाश काका यह कोन हैं, तो प्रकाश जी कहते हैं ये मेरी बेटी मधु हैं I फिर मुकेश और मधु एक दूसरे से माफ़ी मांगते हैं, और उन दोनों में दोस्ती हो जाती हैं I वो दोनों हर रोज मिलने लगते हैं, और एक दूसरे को पसंद करते हैं I कुछ दिनो बाद मुकेश अपने घर वालों से कहता है, मैं मधु को पसंद करता हूँ और उसे शादी करना चाहता हूं I मुकेश की माँ पल्लवी कहतीं है नहीं मुकेश मैं अपने कंपनी मे काम करने वाले एंप्लॉय की बेटी को अपनी बहु नहीं बना सकती, हमारे और उन के परिवार के बीच कोई बराबरी नहीं हैं I मुकेश कहता है लेकिन माँ प्रकाश काका तो हमारे यहां बीस साल से काम कर रहे हैं, और वो पूरी ईमानदारी से काम करते हैं, मधु को मैं जानता हूँ माँ वो पढी लिखी हैं और संसारी भी हैं, वो हमारे घर को खुशियो से भर देगी आप लोगों की बहुत इज्जत करेगी I
हमारे कंपनी में काम करने वाले एंप्लॉय की बेटी…
मुकेश को एक बड़ी बहन रमा भी थी, रमा दिल से बहुत अच्छी थी, रमा की शादी कुछ साल पहले हुई थी I रमा अपने माँ से मिलने मायके आए हुई थी, मुकेश और पल्लवी की सारी बातें रमा सुन लेती हैं, रमा कहतीं हैं माँ अगर मुकेश को मधु पसंद हैं तो करवा दो ना इन की शादी I फिर पल्लवी कहतीं हैं लेकिन रमा हमारी और उन की कोई बराबरी नहीं है, वो हमारे कंपनी में काम करने वाले एंप्लॉय की बेटी हैं I वो लोग गरीब हैं हम लोगों में और उन लोगों में जमीन आसमान का फर्क है I रमा कहतीं हैं तो क्या हुआ वो लोग गरीब हैं प्रकाश काका को तो हम लोग इतने साल से जानते हैं, और वो स्वभाव के भी कितने अच्छे हैं, मुझे नहीं लगता कि उनकी बेटी उनसे अलग होगी I
गरीब घर की लड़कियों को रिश्तों की अहमियत होतीं हैं, और वो घर जोड़ कर रखती हैं, अमीर घर की लड़कियां तो नकचढ़े और घमंडी होती है, जीने सिर्फ पैसों से मतलब होता है I रमा के मायके में उस की बहुत चलती थी, राम भी पढ़ी-लिखी और बहुत ही सुलझी हुई लड़की थी, और उस की बात घर में सब लोग मानते थे, और इस बार भी रमा ने अपने बातों से मनीष और पल्लवी का मन जीत लेती हैं I फिर मुकेश के माँ पापा मधु को अपनी बहु बनाने के लिए मान जाते हैं, प्रकाश जी और कंचन अपनी इकलौती बेटी मधु की शादी बड़े धूमधाम से करते हैं, कंचन ने अपनी बेटी के लिए बहुत सारे गहने बनाए हुए थी, उस में सोने के कंगन भी थी, ये सब देख पल्लवी बहुत खुश हो जाती हैं I
देखते ही देखते मधु के शादी को तीन महिने पूरे हो हैं, मधु ने मुकेश और उस के परिवार वालों का खयाल बहुत अच्छे से रखती हैं, वो पल्लवी कि हर बात मानती अपने सास ससुर की खूब सेवा करती, यह सब देख, पल्लवी भी मधु को अपनी बेटी की तरह प्यार करती, शॉपिंग पर घूमने, फंक्शन में साथ में ले जाया करती, ये सब देख प्रकाश और कंचन भी बहुत खुश थे I